छत पर खेती : छत पर खेती करने पर किसानों को मिलेगी 75% सब्सिडी , जानिए संपूर्ण जानकारी

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छत पर खेती करने पर किसानों को मिल रही सहायता

सूबे के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने हाल ही में मीठापुर कृषि भवन में विभागीय अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने राज्य में चल रही कृषि योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की, जिसमें विशेष रूप से “छत पर बागवानी योजना” पर जोर दिया गया। इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों के किसानों को 75% तक की सब्सिडी मिल रही है, जिससे वे अपने घर की छत पर फल, फूल और सब्जियों की खेती कर सकते हैं। 2025 में इस योजना का विस्तार करते हुए सरकार ने अधिक जिलों को शामिल किया है और आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आसान बनाया है।

मुख्य उद्देश्य और लाभ

कृषि मंत्री ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में छत पर बागवानी को बढ़ावा देना है, ताकि कम जगह में भी किसान अपनी कृषि गतिविधियों से समृद्ध हो सकें। इस योजना में गमलों और फार्मिंग बेड के माध्यम से किसानों को उचित मार्गदर्शन और पौधों की आपूर्ति की जाएगी। विशेष रूप से पटना सदर, दानापुर, फुलवारी, खगोल, भागलपुर, गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और बिहारशरीफ जैसे प्रमुख जिलों में यह योजना 2025 में सक्रिय रूप से लागू की जा रही है। इसके अतिरिक्त, डिजिटल प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता की सुविधा भी शुरू की गई है।

कैसे मिलेगा लाभ?

इस योजना का लाभ उन लोगों को मिलेगा जिनके पास 300 वर्ग फीट की छत है, चाहे वह किसी अपार्टमेंट का हिस्सा हो या स्वतंत्र मकान हो। योजना में प्रति इकाई लागत 48,574 रुपये है, जिसमें 75% अनुदान यानी 36,430 रुपये का लाभ मिलेगा, और शेष 12,143 रुपये लाभार्थी को देना होगा। 2025 में योजना के तहत पौधों की प्रजातियों को भी विस्तारित किया गया है, जिसमें औषधीय पौधे और मौसमी सब्जियों की नई किस्में शामिल की गई हैं। इससे शहरी किसानों को सस्ती दरों पर पौधे और गमले मिलेंगे, जिससे वे अपनी छतों पर सफलतापूर्वक खेती कर सकेंगे।

योजना की लागत और सब्सिडी

योजना के तहत प्रति इकाई 300 वर्ग फीट की खेती की लागत 48,574 रुपये है। इस पर सरकार 75% यानी 36,430 रुपये की सब्सिडी प्रदान करेगी। शेष 12,143 रुपये लाभार्थी को खुद देना होगा। 2025 में राज्य सरकार ने इसके लिए बजट आवंटन भी बढ़ाया है ताकि अधिक से अधिक आवेदकों को योजना में शामिल किया जा सके। इस योजना का मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में घर की छत पर खेती को बढ़ावा देना और किसानों को अपनी आय बढ़ाने के नए अवसर प्रदान करना है।

व्यवसायिक खेती को बढ़ावा देने वाली योजनाएं

सूबे के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने मीठापुर स्थित कृषि भवन में विभागीय अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। बैठक में मंत्री पांडेय ने चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य में लागू विभिन्न कृषि योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से प्रमुख योजनाओं की अद्यतन जानकारी ली। इनमें उद्यानिकी फसलों की व्यवसायिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य द्वारा चलाई जा रही योजनाएं, मखाना विकास योजना, मधुमक्खी पालन एवं मधु उत्पादन कार्यक्रम, और मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के अंतर्गत आम, लीची और कटहल विकास योजनाएं प्रमुख हैं।

योजनाओं के संचालन के लिए दिए निर्देश

कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने अधिकारियों को इस योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए निर्देश दिया, ताकि अधिक से अधिक किसानों तक इसका लाभ पहुंचे। उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से राज्य के किसानों की आय में वृद्धि होगी और वे अपनी छोटी जगह का बेहतर उपयोग कर सकेंगे। 2025 में इस योजना को स्मार्ट सिटी परियोजनाओं से भी जोड़ा गया है ताकि पर्यावरण संतुलन और हरियाली को बढ़ावा मिल सके।

इस योजना का उद्देश्य न केवल शहरी क्षेत्रों के किसानों को लाभ पहुंचाना है, बल्कि यह राज्य में कृषि विकास और हरित क्रांति को भी मजबूती देगा।

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