यह योजना परोक्ष रुप से केन्द्र सरकार की योजना नहीं है। बल्कि यह केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार बैंकों द्वारा शुरु की गई योजना है। यह योजना सरकारी, प्राइवेट बैंकों के साथ ही नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) के द्वारा स्वतंत्र रुप से चलाई जा रही है।उद्योगिनी योजना शुरु करने के पीछे मूल मकसद महिला सशक्तिकरण करना है। इस योजना के तहत उन महिलाओं को लोन मिलता है, जो महिलाएं खुद का कारोबार करना चाहती हैं। आपको यह भी जानकारी दे दें कि इस योजना में उन महिलाओं को भी लोन मिलता है, जिन महिलाओं का पहले से ही कोई कारोबार है। उद्योगिनी योजना में महिलाओं को न्यूनतम ब्याज दर पर अधिकतम 3 लाख रुपये तक का लोन मिलता है। इस योजना की खास बात यह है की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (एससी – एसटी) और शारीरिक रुप से अक्षम महिलाओं को ब्याज मुफ्त लोन दिया जाता है।
कहां से मिल सकता है उद्योगिनी लोन?
वर्तमान समय में कई सरकारी और प्राइवेट बैंक हैं, जिनके यहां से उद्योगिनी लोन बहुत आसानी से मिल रहा है। उद्योगिनी लोन देने वाले बैंकों में पंजाब एंड सिंध बैंक और सारस्वत बैंक प्रमुख रुप से से उद्योगिनी लोन देने वाला बैंक है। इसके अलावा उद्योगिनी योजना के तहत सभी कमर्शियल बैंकों से, सभी सहकारी बैंकों से और सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB) से उद्योगिनी लोन प्राप्त किया जा सकता है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि उद्योगिनी लोन के जरिये अपना कारोबार चलाने वाली महिलाओं को इन वित्तीय संस्थाओं से सब्सिडी भी दी जाती है।
किसको मिल सकता है उद्योगिनी लोन?
उद्योगिनी लोन प्राप्त करने के लिए हर वह महिला हक़दार हैं, जो इसकी शर्तें को पूरा करती हैं। उद्योगिनी योजना की शर्तों की शर्तों के बारें में नीचे बाताया गया है। उद्योगिनी लोन प्राप्त करने के लिए वही महिलाएं हकदार हैं, उद्योगिनी योजना के अनुसार रजिस्टर्ड कारोबार कर रही हैं या करना चाहती हैं।
उद्योगिनी योजना में 88 कारोबार को शामिल किया गया है। उद्योगिनी योजना में शामिल 88 कारोबार की लिस्ट निम्न है:
चूड़ियाँ बनाने का कारोबार
ब्यूटी पार्लर का बिजनेस
बेडशीट और टॉवल बनाने का कारोबार
बुक बाइंडिंग एंड नोट बुक्स बनाने का कारोबार
कॉफी और चाय पाउडर बनाने का बिजनेस
मसालें बनाने का कारोबार
नालीदार बॉक्स बनाने का उद्योग
कॉटन थ्रेड मैन्युफैक्चरिंग
पौधों की नर्सरी का कारोबार
कट पीस कपड़ा का बिजनेस
डेयरी और पोल्ट्री से जुड़े कारोबार
डायग्नोस्टिक लैब का बिजनेस
ड्राई क्लीनिंग का बिजनेस
ड्राई फिश ट्रेड कारोबार
ईट–आउट का बिजनेस
खाद्य तेल की दुकान
एनर्जी फूड का बिजनेस
उचित मूल्य वाली राशन की दुकान
फैक्स पेपर के मैन्युफैक्चरिंग उद्योग
फिश स्टॉल का कारोबार
अगरबत्ती मैन्युफैक्चरिंग का उद्योग
ऑडियो और वीडियो कैसेट की दुकान
बेकरी का कारोबार
बनाना टेंडर लीफ का बिजनेस
आटा चक्की की दुकान
फूलों का कारोबार
फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग का उद्योग
ईंधन की लकड़ी का बिजनेस
गिफ्ट आर्टिकल की दुकान
हैंडिक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग उद्योग
हाउसहोल्ड आर्टिकल रिटेल की दुकान
आइसक्रीम का बिजनेस
इंक मैन्युफैक्चर उद्योग
जैम, जेली और अचार बनाने का बिजनेस
टाइपिंग और फोटोकॉपी की दुकान
जूट कालीन का कारोबार
लीफ कप उत्पादन मैन्युफैक्चरिंग उद्योग
सामुदायिक लाइब्रेरी का बिजनेस
मात बुनाई का बिजनेस
मैच बॉक्स मैन्युफैक्चरिंग उद्योग
मिल्क बूथ की दुकान
मटन स्टॉल का बिजनेस
समाचार पत्र, साप्ताहिक और मासिक मैगजीन वेंडिंग की दुकान
नायलॉन बटन मैन्युफैक्चरिंग उद्योग
पुराने कागज मार्ट का कारोबार
स्टेशनरी की दुकान
STD – PCO बूथ
मिठाई की दुकान
सिलाई – कढ़ाई – बुनाई का कारोबार
चाय की दूकान
कच्चा नारियल का बिजनेस
ट्रेवेल एजेंसी
ट्यूटोरियल का बिजनेस
टाइपिंग इंस्टीट्यूट खोलने पर
वेजिटेबल एंड फ्रूट वेंडिंग (सब्जी की दुकान)
सिंदूर मैन्युफैक्चरिंग उद्योग
वेट ग्रिडिंग का कारोबार
ऊनी वस्त्र मैन्युफैक्चरिंग उद्योग
पान और सिगरेट की दुकान
पान लीफ या च्विइंगम की दूकान
पापड़ बनाने का काम
फेनिल और नेफ़थलीन बॉल मैन्युफैक्चरिंग उद्योग
फोटो स्टूडियो खोलने का बिजनेस
प्लास्टिक के सामान बनाने का कारोबार
मिट्टी के बर्तन बनाने का बिजनेस
बोतल कैप मैन्युफैक्चरिंग उद्योग
कैन और बंबू मैन्युफैक्चरिंग उद्योग
कैंटीन और कैटरिंग का बिजनेस
चॉक क्रेयोन मैन्युफैक्चरिंग उद्योग
चप्पल मैन्युफैक्चरिंग उद्योग
सफाई पाउडर मैन्युफैक्चरिंग उद्योग
क्लिनिक खोलने का बिजनेस
कपड़े की छपाई और रंगाई करने का काम
रज़ाई और बिस्तर मैन्युफैक्चरिंग उद्योग
रेडियो और टीवी सर्विसिंग स्टेशन बिजनेस
रागी पाउडर का बिजनेस
रेडीमेड गारमेंट्स कारोबार
रियल इस्टेट का बिजनेस
रिबन मैन्युफैक्चरिंग उद्योग
साड़ी पर कढ़ाई का काम
सिक्योरिटी सर्विस का काम
शिकाकाई पाउडर मैन्युफैक्चरिंग उद्योग
दुकानें
रेशम धागा मैन्युफैक्चरिंग उद्योग
रेशम की बुनाई का बिजनेस
रेशम की कृमि पालन का कारोबार
साबुन का तेल, साबुन पाउडर और डिटर्जेंट केक मैन्युफैक्चरिंग उद्योग
लकड़ी का सामान बनाने का कारोबार
उद्योगिनी योजना के तहत लोन लेने की शर्तें और पात्रता
उद्योगिनी योजना के तहत उन्हीं महिलाओं को लोन मिल सकता है, जिन महिलाओं का बिजनेस उद्योगिनी योजना के तहत रजिस्टर्ड है। रजिस्टर्ड कारोबार की लिस्ट ऊपर दी गई है। वहां से देखा जा सकता है।इस योजना के तहत अधिकतम 3 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है।उद्योगिनी योजना लोन के लिए आवेदन करने के लिए वही महिलाएं पात्र होंगी जिनकी उम्र 18 साल से अधिक और 55 साल से कम होगी।इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन करने वाली महिला की पारिवारिक आमदनी एक लाख पचास हजार से अधिक नहीं होना चाहिए।विधवा या विकलांग महिलाओं के लिए सालाना पारिवारिक आमदनी की कोई सीमा नहीं है। मतलब विधवा या विकलांग महिलाओं की पारिवारिक कुछ भी हो, वह आवेदन कर सकती हैं।
उद्योगिनी योजना का लाभ उठाने के लिए निम्न कागजातों की आवश्यकता होगी
2 पासपोर्ट साइज का फोटो
आधार कार्ड की फोटोकॉपी
जन्म प्रमाणपत्र (10वीं की मार्कशीट, स्थानीय तहसीलदार से प्रमाणित पत्र या ग्राम प्रधान/स्थानीय जिला परिषद/स्थानीय विधायक/स्थानीय सांसद के लेटरपैड पर लिखवाया हुआ पत्र)
बीपीएल कार्ड की फोटोकॉपी (गरीबी रेखा से नीचे होने पर)
जाति प्रमाण पत्र (एसटी – एसटी की कैटेगरी में होने पर)
आय प्रमाण पत्र
उद्योगिनी लोन योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
इस योजना के तहत लोन पाने के लिए आवेदन करना बहुत आसान है। सबसे पहले बैंक से उद्योगिनी लोन फॉर्म लीजिये, चाहें तो संबंधित बैंक की वेबसाइट से भी उद्योगिनी लोन फॉर्म डाउनलोड कर सकती हैं। फॉर्म लेने के बाद, फॉर्म को अच्छी तरह से भरें। फॉर्म भरने के लिए ऊपर बताये गये सभी कागजातों की फोटोकॉपी लगाकर संबंधित बैंक में उद्योगिनी लोन फॉर्म जमा कर देना होता है। फॉर्म जमा होने के बाद आपको बैंक में जाकर रेगुलर तौर पर पूछताछ करना होगा कि कब तक आपका लोन पास हो रहा है।
उद्योगिनी योजना से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें
इस योजना के तहत लोन लेने के लिए कुछ भी गिरवी नहीं रखना है। मतलब उद्योगिनी लोन बिना कुछ गिरवी रखे मिलता है। उद्योगिनी लोन की ब्याज दर: इस योजना के तहत मिलने वाला लोन की ब्याज दर बहुत कम होती है। सामान्य तौर पर उद्योगिनी लोन की ब्याज दर 8% से लेकर 12% तक के बीच होती है। लेकिन ब्याज कितना होगा? यह पूरी तरह से बैंक के विवेकाधिकार पर निर्भर करता है।
विधवा/विकलांग महिलाओं के उद्योगिनी लोन पर ब्याज माफ़ होता है।
उद्योगिनी लोन की प्रोसेसिंग शुल्क शून्य होता है। मतलब लोन प्रोसेसिंग के रुप में एक भी पैसा नहीं देना होता है। यहां यह बताना आवश्यक है कि उद्योगिनी लोन पर GST और सर्विस टैक्स भी लगाया जाता है। केन्द्र सरकार यह चाहती है कि उद्योगिनी लोन योजना के तहत साल 2020 के भीतर लगभग एक लाख महिलाओं को उद्योगिनी लोन का लाभ पहुंचाया जाए और उन्हें आर्थिक से आत्मनिर्भर बनाया जाए।