Wheat Report 2023: सरकार ने गेहूं पर लगाया स्टॉक सीमा प्रतिबंध, देखें गेहूं के भाव पर क्या पड़ेगा असर, रिपोर्ट 2023

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दोस्तों सरकार द्वारा तुरंत प्रभाव से गेहूं पर स्टाक सीमा लगा दिया गया, इसके अलावा ओपन मार्केट स्कीम सेल में भी गेहूं बेचने का निर्णय 28 जून से टेंडर द्वारा लिया गया है। जिससे बाजारों में यहां से अब 200 रुपए गिरने की धारणा बन गई है। सरकार द्वारा आम उपभोक्ताओं को गेहं की महंगाई से राहत दिलवाने के लिए स्टॉक सीमा लगाई गई है।

इसके अंतर्गत थोक व्यापारियों के लिए 3000 टन एवं प्रत्येक रिटेल आउटलेट के लिए 10 टन तथा विग चेन रिटेलर के प्रत्येक आउटलेट के लिए 10 टन एवं उनके सभी डिपुओं के लिए 3000 टन निर्धारित किया गया है। यह आदेश सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के लिए स्टाक सीमा 31 मार्च 2024 तक की अवधि के लिए लागू रहेगा।

अब बाजार में आगे क्या

Wheat Rates: गेहू इसके अलावा बाजार में चर्चा है कि सरकार 28 जून के बाद ओएमएसएस के माध्यम से भी खुले बाजार में टेंडर द्वारा माल बेचने लगेगी। इन परिस्थितियों में गेहूं की तेजी एक बार मंदे में बदल गई है तथा इसमें 200/250 रुपए प्रति क्विंटल की जल्दी गिरावट के आसार बन गए हैं।इससे अधिक मंदा भी नहीं आएगा, क्योंकि मंडियों में प्रेशर समाप्त हो चुका है तथा केंद्रीय पूल में भी लक्ष्य से कम गेहूं की खरीद हुई है। रोलर फ्लोर मिलों में भी ज्यादा माल नहीं है, जिससे एक बार मंदा तो आएगी, लेकिन फिर बाजार ठहर जाएगा। जिससे गेहू में एक बार बिकवाली करनी चाहिए।

गेहू सरकार द्वारा स्टॉक सिमा लगा दिए जाने और 28 जून के बाद गेहू के बिक्री टेंडर निकलने की खबर से गेहू में बिकवाली का प्रेशर बनने लगा है जिससे इसमें मंदे का दौर शुरू हो गया है। एक बार बिकवाली कर निकल जाना चाहिए।व्यापार अपने विवेक से करें।‌


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।