सरसों सहित 6 फसलों के बीजों पर सब्सिडी : इन फसलों की करें बुवाई , सरकार देगी सब्सिडी

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जानिए, बीजों की सब्सिडी से संबंधित योजना (2025 की अपडेट) की जानकारी

किसानों द्वारा विभिन्न प्रकार की खेती की जाती है जिसके संबंध में कई योजनाओं द्वारा किसानों को सरकार की ओर से सुविधा भी प्रदान की जाती हैं। किसानों की आय में वृद्धि के लिए सरकार की ओर से कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं जिससे किसान भाइयों को लाभ प्राप्त हो रहा है। सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं में एक योजना बीज अनुदान के लिए भी है। किसान भाइयों को कम दाम में प्रमाणिक बीज प्राप्त हो सके इसके लिए सरकार की ओर से किसान भाइयों को फसलों के प्रमाणिक बीजों पर सब्सिडी प्रदान की जाती है। सरकार की ओर से मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के साथ ही ग्रामीण परिवार को अपनी आवश्यकता का अनाज प्राप्त हो सके इस दृष्टि से बीज अनुदान के लिए योजना चलाई जा रही हैं। इसके अनुसार इस वर्ष 12 लाख किसान भाइयों को मक्का, 8 लाख किसान भाइयों को बाजरा, 7 लाख किसान भाइयों को सरसों, 4 लाख किसान भाइयों को मूंग और 1-1 लाख किसान भाइयों को ज्वार एवं मोठ के उच्च गुणवत्ता वाले प्रमाणिक बीज उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। आइए, बीजों की सब्सिडी से संबंधित इस योजना की जानकारी प्राप्त करें।

योजना के तहत बीजों पर कितनी मिलेगी सब्सिडी?

बीज अनुदान के लिए यह योजना राजस्थान सरकार की ओर से चलाई जा रही हैं। राजस्थान सरकार की ओर से चलाई जा रही इस योजना का नाम मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना है। इस योजना के अनुसार किसान भाइयों को उत्तम गुणवत्ता के बीजों का वितरण किया जाएगा। किसानों को बीजों की खरीद पर सब्सिडी प्रदान करने के साथ ही महिला किसानों को मिनी किट भी प्रदान किए जाते हैं। बीज स्वावलंबन योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग में 75% तक की सब्सिडी और सामान्य वर्ग को 50% से 60% तक की सब्सिडी तथा सामान्य किसान (बड़े या मध्यम वर्ग) में 40% से 50% तक की सब्सिडी प्रदान की जाती हैं।

बीज मिनी किट का लाभ किसको मिलेगा?

राजस्थान में चलाई जा रही मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के तहत राष्ट्रीय तिलहन और तेल बीज मिशन और राष्ट्रीय खाद सुरक्षा मिशन के अंतर्गत सरकार की ओर से निःशुल्क बीज मिनी किट का वितरण भी किया जाता है। किसानों को उत्तम गुणवत्ता के बीज प्राप्त हो सके इसके लिए राजस्थान सरकार की ओर से प्रदान की जाने वाली बीजों की मिनी किट के लिए बीजों का चयन राजस्थान के अलग-अलग क्षेत्र की मिट्टी और जलवायु के आधार पर किया जाता है। मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के तहत मिनी किट का लाभ एक किसान परिवार की एक महिला सदस्य को दिया जाता है। इस योजना के तहत भूमि महिला के पति, पिता या ससुर के नाम पर होने पर भी मिनी किट का लाभ महिला सदस्य को ही दिया जाता है।

बीज मिनी किट के लिए आवश्यक उपबंध

मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के तहत बीज मिनी किट के लिए कुछ पात्रता और शर्तें हैं, जिसके बारे में किसान भाइयों को जानकारी होना चाहिए। बीज मिनी किट के लिए आवश्यक उपबंध इस प्रकार हैं:

  1. मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के तहत बीज वितरण के लिए आवेदन सिर्फ राजस्थान राज्य के किसान ही कर सकते हैं।
  2. मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के तहत मिनी किट का लाभ एक किसान परिवार की एक महिला सदस्य को दिया जाता है। इस योजना के तहत भूमि महिला के पति, पिता या ससुर के नाम पर होने पर भी मिनी किट का लाभ महिला सदस्य को ही दिया जाता है।
  3. मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के तहत मिनी किट प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि आवेदक ने 3 वर्षों में मिनी किट कार्यक्रम में लाभ प्राप्त न किया हो।
  4. मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना का लाभ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छोटे और सीमांत किसानों को ही प्रदान किया जाएगा।

बीज पर अनुदान के लिए आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज

मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के तहत बीज पर अनुदान के लिए आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज इस प्रकार हैं:

  1. आधार कार्ड
  2. पहचान पत्र
  3. जाति प्रमाण पत्र
  4. मूल निवास प्रमाण पत्र
  5. पासपोर्ट साइज फोटो
  6. मोबाइल नंबर आदि।

बीज पर अनुदान के लिए आवेदन की प्रक्रिया

मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के तहत बीज पर अनुदान के लिए आवेदन की प्रक्रिया में सबसे पहले जिले के कृषि विभाग कार्यालय या कृषि विज्ञान केंद्र पर जाकर आवेदन फॉर्म लेना होगा। अब आवेदन फार्म में दी गई सभी जानकारियां सही से भरनी होगी। इसके पश्चात् फॉर्म के साथ मांगे गए सभी दस्तावेजों को जोड़ना होगा। अब इस पूर्णतः भरे गए फॉर्म को, जहां से आवेदन फॉर्म लिया, उसी स्थान पर ही जमा करना होगा। अब इस भरे हुए आवेदन फॉर्म को कृषि अधिकारियों द्वारा सत्यापित किया जाएगा। आवेदन फार्म के सत्यापन के पश्चात् ही बीजों पर अनुदान या निःशुल्क मिनी किट बीज का लाभ मिल सकेगा।

2025 में बीज अनुदान योजना की प्रमुख घोषणाएं

  1. बीज वितरण: वित्तीय वर्ष 2025-26 में, मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के तहत 5.44 लाख किसानों को 1.13 लाख क्विंटल उच्च गुणवत्ता वाले बीज वितरित किए जाएंगे, जिन पर कुल 63 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
  2. सिंचाई और तकनीकी नवाचार: 900 करोड़ रुपये की राशि से 25,000 फार्म पॉन्ड, 10,000 डिग्गी, 50,000 सौर पंप संयंत्र और 20,000 किलोमीटर सिंचाई पाइपलाइन का निर्माण किया जाएगा, जिससे 4 लाख से अधिक किसानों को लाभ होगा।
  3. कृषि उपकरणों पर अनुदान: 1 लाख किसानों को आधुनिक कृषि उपकरण और ट्रैक्टर चलित यंत्र उपलब्ध कराने के लिए 350 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

बीज मिनीकिट वितरण (2024-25)

महिला किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए, मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के तहत राष्ट्रीय तिलहन और तेल बीज मिशन के अंतर्गत निःशुल्क बीज मिनीकिट का वितरण किया जा रहा है। 2024-25 में, 24.58 लाख महिला किसानों को मूंग, मोठ, ज्वार, मक्का और बाजरा के मिनीकिट प्रदान किए गए। प्राथमिकता अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु और सीमांत किसानों, स्वयं सहायता समूहों, निशक्तजन और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं को दी गई।

मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के खास बिंदु

मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के खास बिंदु हैं जो इस प्रकार हैं:

  • मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के तहत बीज वितरण के लिए आवेदन सिर्फ राजस्थान राज्य के किसान ही कर सकते हैं।
  • मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना का लाभ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छोटे और सीमांत किसानों को ही प्रदान किया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के तहत प्राथमिकता महिला किसानों को दी जाती है।
  • मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के तहत बीजों पर छोटे किसानों को 50% सब्सिडी और सामान्य वर्ग के किसानों को 25% सब्सिडी प्रदान की जाती है।
  • मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के तहत राजस्थान कृषि विभाग की ओर से किसानों को RSSC से नि:शुल्क बीज प्रदान किए जाते हैं।
  • मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के तहत राष्ट्रीय तिलहन एवं तेल परमिशन और राष्ट्रीय खाद सुरक्षा मिशन के अनुसार सरकार की ओर से निःशुल्क बीज मिनी किट का वितरण भी किया जाता है।
  • मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के तहत किसान भाइयों को बीज उत्पादन करने के साथ ही विक्रय करने का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
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