किसान साथियों पिछले सप्ताह के बीच के दौरान सरसों के भाव में 50 से ₹100 प्रति क्विंटल देखने को मिली थी। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि सरसों के भाव में तेजी कब तक बन सकती है या आएगी गिरावट जाने आज सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट। किसान साथियों पिछले सप्ताह के बीच के दौरान सरसों के भाव में 50 से ₹100 प्रति क्विंटल देखने को मिली थी। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि सरसों के भाव में तेजी कब तक बन सकती है या आएगी गिरावट जाने आज सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट।
पिछले सप्ताह सरसों में रही गिरावट
Mustard :- हालांकि किस साथियों बता दे कि पूरे सप्ताह के दौरान जयपुर मंडी में सरसों कंडीशन के भाव में ₹25 प्रति क्विंटल तक गिरावट रही। क्योंकि सोमवार को मंडी में सरसों 5625 रुपए प्रति क्विंटल थी। जो कि अंत तक 5600 प्रति क्विंटल पर बंद हुई। कुछ समय में सरसों की फसल की नई आवक आनी शुरू हो जाएगी। जिसके चलते सरसों तेल और खल के भाव में भी गिरावट देखने को मिली है। मिल डिलीवरी 100 रुपए प्रति क्विंटल तक मंदी रही हालांकि अभी भी सरसों की आवक मंडी में हो रही है। इसके अलावा नाफेड की बिकवाली में भी बढ़ोतरी देखी गई है। हालांकि नाफेड के द्वारा लगातार भाव कमजोरी रेट बिकवाली से सरसों ( Mustard )में सप्ताह के शुरू में दबाव देखने को मिला।
हालांकि सप्ताह के अंत तक मिलों की घटे भाव से मांग बढ़ने और नाफेड की ऊंची बोली से कुछ सुधार देखने को मिला। हालांकि सरसों तेल के भाव में कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिला। वही सरसों खल में गिरावट दर्ज की गई। बता दे की सरसों की फॉरवर्ड बोली में इस समय मेलों में भी सपोर्ट भाव 200 से 250 रुपए प्रति क्विंटल तक नीचे बोले जा रहे हैं। ऐसे में सरसों के उत्पादन में वृद्धि को मध्य नजर रखते हुए सरसों खल एक्सपोर्ट भी के भाव काफी नीचे दिखाई दे रहे हैं। खल की लिवाली भी फारवर्ड में इस समय कमजोर है। हालांकि जो बोली लग रही है उसमें भी रेट काफी नीचे है।
सरसों में बनेगी क्या तेजी
बता दे की पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष सरसों तेल और सोया तेल के अंतर में ₹12 प्रति किलो देखा जा रहा है। सरसों तेल में अभी स्थिरता बनी हुई है। हाल ही में सरकार के द्वारा रियायती दरों पर खाद्य तेलों की आयत की अवधि को भी बढ़ा दिया गया है। परंतु अभी भी व्यापार जगत को यह उम्मीद थी कि इंपोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी के चलते शायद क्रसिंग बढे। जिसके चलते सरसों में तेज देखने को मिल सकती थी। परंतु अभी सरसों के भाव लगभग सीमित दायरे में ही बने रहेंगे। सरसों में अभी कोई तेजी आने की ज्यादा उम्मीद नहीं है। हो सकता है कि आवक में बढ़ोतरी के चलते 15 फरवरी के पश्चात कीमतों में 400 से 450 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट देखी जा सकती है।