देश में इस बार 130 लाख मीट्रिक टन सरसों का उत्पादन की उम्मीद लगाई गई है। सरसों का इतना अधिक उत्पादन पहले कभी नहीं हुआ। लेकिन आयात शुल्क हटाने से सरसों का बाजार गड़बड़ा चुका है। जानिए विस्तार से पूरी जानकारी..
The Chopal, Mustard Production : देश में इस बार 130 लाख मीट्रिक टन सरसों का उत्पादन की उम्मीद लगाई गई है। सरसों का इतना अधिक उत्पादन पहले कभी नहीं हुआ। लेकिन आयात शुल्क हटाने से सरसों का बाजार गड़बड़ा चुका है। प्रदेश में छोटी-बड़ी 1300 मिल हैं, स्थिति यह कि एक साल में इनमें 40% मिल बंद हो गईं। जबकि, सरसों के भाव गिरकर 4500 रुपए क्विंटल रह गए हैं। किसान और व्यापारियों की स्थिति खराब हो गई। नई फसल आने के बाद तो स्थिति और खराब होने का अनुमान है।
दरअसल, इस बार देश में 92.456 लाख हैक्टेयर में सरसों की बुआई हुई है। पिछली बार करीब 100 लाख हैक्टेयर में 113 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हुआ था, लेकिन तेल के ‘भाव नियंत्रित करने के लिए इम्पोर्ट ड्यूटी 38.5% से घटाकर 5.5% कर दी। अभी तक यही है, इसके चलते बाजार गड़बड़ा गया है।
मस्टर्ड ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल डाटा और संयुक्त सचिव अनिल चतर ने बताया कि बुआई में राजस्थान पहले नंबर पर है। यहां 36.95 लाख हैक्टेयर में 46 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने की संभावना है। हालांकि, प्रदेश में इस बार पिछले साल से करीब 2 लाख हैक्टेयर एरिया में बुआई कम हुई है। साथ ही उत्पादन भी 6 लाख मीट्रिक टन कम होने की उम्मीद है। जर्बाक, दूसरे स्थान पर यूपी में 17.32 लाख हैक्टेयर में बुआई हुई है। कोटा संभाग की बात करें तो यहां इस बार 3 लाख 56 हजार हैक्टेयर में 685800 मीट्रिक टन सरसों पैदा होने की संभावना है। पिछली बार इस समय सरसों के भाव 9 हजार रुपए प्रति क्विंटल थे, जो घटकर 4500 रुपए रह गए। तेल के भाव भी लगातार गिर रहे हैं। अभी 101 रुपए किलो है। मार्च में नए उत्पादन के बाद 95 रुपए किलो तक आने की संभावना है
इस तरह होगा बाजारों में सुधार
एमएसपी पर खरीद : अभी नई सरसों 4500 रुपए क्विंटल है। जबकि, सरकार ने समर्थन मूल्य 5450 रुपए क्विंटल रखा है। इस भाव पर पूरी खरीद होनी चाहिए।
इम्पोर्ट ड्यूटी लगे : अन्य देशों से तेल देश में आ रहा है। यह तेल सस्ता पड़ता है। क्योंकि, इम्पोर्ट ड्यूटी नाममात्र की है। यह कम से कम 40% हो।