प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) योजना
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक प्रभावी सुरक्षा तंत्र के रूप में उभरा है। यह योजना किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने, बिचौलियों की भूमिका कम करने और कृषि क्षेत्र में स्थिरता लाने में महत्वपूर्ण साबित हुई है। इससे किसानों की आय में वृद्धि हो रही है और वे आत्मनिर्भर बन रहे हैं। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से कई योजनाओं का संचालन कर रहा है। इनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) नीति विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। MSP नीति के तहत खरीफ और रबी सीजन की 24 फसलों के लिए उत्पादन लागत का 1.5 गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया है। इसमें प्रमुख अनाज, श्रीअन्न (बाजरा), दालें, तिलहन, खोपरा, कपास और जूट शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, PM-AASHA योजना दलहन, तिलहन और खोपरा की फसलों के लिए न्यूनतम मूल्य सुनिश्चित करती है।
PM-AASHA योजना का उद्देश्य
2018 में शुरू हुई PM-AASHA योजना का उद्देश्य किसानों को बाजार मूल्य में उतार-चढ़ाव से बचाना और उनकी आय को स्थिर रखना है। 2024 में इसे और सशक्त बनाया गया, जिसमें तीन प्रमुख योजनाओं को शामिल किया गया:
1. मूल्य समर्थन योजना (PSS)
राज्य सरकारें दलहन, तिलहन और खोपरा की खरीद के लिए 25% तक की सीमा तय कर सकती हैं। मंडी कर में छूट देकर किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने का प्रयास किया जाता है।
2. मूल्य कमी भुगतान योजना (PDPS)
तिलहन उत्पादकों के लिए लागू इस योजना में, MSP और बाजार मूल्य के अंतर की भरपाई किसानों को की जाती है।
3. बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS)
खराब होने वाली फसलों जैसे टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों में अस्थिरता पर नियंत्रण पाने के लिए यह योजना सरकार द्वारा लागू की जाती है। यदि कीमतें 10% से अधिक गिरती हैं, तो राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार हस्तक्षेप करती है।
खरीफ और रबी फसलों पर लाभ
रबी 2023-24 सीजन में सरकार ने 2.75 लाख किसानों से 6.41 लाख मीट्रिक टन दलहन खरीदा, जिसमें 2.49 लाख मीट्रिक टन मसूर दाल, 43,000 मीट्रिक टन चना और 3.48 लाख मीट्रिक टन मूंग दाल शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, 5.29 लाख किसानों से 12.19 लाख मीट्रिक टन तिलहन की खरीद की गई। खरीफ 2024 सीजन में सोयाबीन के बाजार मूल्य में गिरावट के कारण PM-AASHA योजना के तहत 5.62 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन की खरीद की गई, जिससे 2,42,461 किसानों को 2,700 करोड़ रुपये का सीधा लाभ मिला।
अब तक की उपलब्धियां
2018-19 से अब तक, PM-AASHA योजना के अंतर्गत 195.39 लाख मीट्रिक टन दलहन, तिलहन और खोपरा की खरीद की जा चुकी है, जिससे 99 लाख से अधिक किसानों को लाभ हुआ है।
किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
PM-AASHA योजना ने किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया है, जिससे उनकी आय में सुधार हुआ है। यह योजना बाजार की अस्थिरता से बचाने के साथ-साथ फसलों के उचित दाम दिलाने में मदद कर रही है।
सरकार की अपील
कृषि मंत्रालय ने सभी किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसलों का पंजीकरण सुनिश्चित करें ताकि उन्हें PM-AASHA योजना का अधिक से अधिक लाभ मिल सके।