पशुपालन ऋण गारंटी योजना: पशुपालकों के लिए शुरू हुई यह शानदार योजना, मिलेंगा यह लाभ, जल्दी करें आवेदन 

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देश में पशुपालन रोजगार के साथ ही आय का महत्वपूर्ण जरिया है, ऐसे में पशुपालन की लागत कम करने एवं किसानों को अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने, ग्रामीण क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। इस कड़ी में सरकार ने पशुपालन क्षेत्र में उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए ऋण गारंटी योजना शुरू की है। पशुपालन और डेयरी विभाग ने ऋण वितरण प्रणाली को मजबूत करने और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को जोखिम मुक्त असुरक्षित ऋण के सुचारू प्रवाह की सुविधा के लिए पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) के तहत क्रेडिट गारंटी योजना (एमएसएमई) पशुधन क्षेत्र में लागू किया गया है।

25 प्रतिशत तक दी जाएगी क्रेडिट गारंटी 

योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए डीएएचडी ने 750 करोड़ रुपए के एक क्रेडिट गारंटी फंड की स्थापना की है, जो पात्र ऋणदाता संस्थानों द्वारा एमएसएमई को दी जाने वाली ऋण सुविधाओं के 25 प्रतिशत तक का क्रेडिट गारंटी कवरेज प्रदान करेगी। क्रेडिट गारंटी स्कीम मुख्य रूप से पहली पीढ़ी के उद्यमियों तथा समाज के वंचित वर्ग के लोगों, जिनके पास अपने उद्यमों की सहायता के लिए विपणन योग्य धन का अभाव होता है, को उधारदाताओं से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराते हुए पशुधन क्षेत्र के वंचित और अल्प सेवा प्राप्त सेक्टर के लिए वित्त की सुविधा प्रदान करने में सहायता करती है। क्रेडिट गारंटी स्कीम का मुख्य उद्देश्य यह है कि ऋणदाता को परियोजना व्यवहार्यता को महत्व देना चाहिए और विशुद्ध रूप से वित्त पोषित परिसंपत्तियों की प्राथमिक सुरक्षा के आधार पर ऋण सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।

पशुपालन क्षेत्र के इन उद्यमों को मिलेगा योजना का लाभ 

सरकार ने देश को आत्म निर्भर बनाने के लिए 15000 करोड़ रुपए के पशुपालन अवसंरचना विकास फंड (एएचआईडीएफ) की स्थापना की थी। जिनके तहत निम्न उद्यमों की स्थापना के लिए ऋण सहायता प्रदान की जाती है। डेयरी प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन अवसंरचना, पशु चिकित्सा टीका और औषधि विनिर्माण सुविधाओं की स्थापना, मांस प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन अवसंरचना, पशु आहार संयंत्र की स्थापना, नस्ल सुधार प्रौद्योगिकी और नस्ल बहुगुणन फार्म, पशु अपशिष्ट से संपदा प्रबंधन (कृषि अपशिष्ट प्रबंधन), आदि उद्यमों की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान प्रोत्साहन पैकेज के तहत व्यक्तिगत उद्यमियों, निजी कंपनियों एमएसएमई, कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और धारा-8 कंपनियों द्वारा निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए मंजूरी दी गई थी।

क्रेडिट गारंटी के लिए की गई 750 करोड़ रुपये के फंड की स्थापना

 एएचआईडीएफ स्कीम की प्रमुख विशेषताओं में से एक 750 करोड़ रुपए के क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट की स्थापना है। डीएएचडी ने एएचआईडीएफ स्कीम के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को ऋण गारंटी देने के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट की स्थापना के लिए नाबार्ड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनएबी संरक्षण ट्रस्टी कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक ट्रस्ट का गठन किया है। मार्च 2021 में स्थापित यह फंड ट्रस्ट कृषि एवं पशु पालन क्षेत्र में एएचआईडीएफ की क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत देश का पहला फंड ट्रस्ट है और डीएएचडी द्वारा की गई एक पथ प्रदर्शक पहल है, जो एएचआईडीएफ स्कीम का लाभ प्राप्त करने वाली एमएसएमई इकाइयों की संख्या में बहुत तेजी से वृद्धि करेगी और बैंकों से विपणन योग्य धन ऋण के लिए इको–सिस्टम को सुदृढ़ बनाएगी। क्रेडिट गारंटी पोर्टल को एक नियम आधारित पोर्टल के रूप में विकसित किया गया है और क्रेडिट गारंटी स्कीम, क्रेडिट गारंटी कवर जारी करने/नवीकरण तथा दावों के निपटान के तहत पात्र ऋण प्रदाता संस्थानों के नामांकन को कार्यान्वित किया है।

योजना के तहत लाभार्थी को दिये जाते हैं यह लाभ 

प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान प्रोत्साहन पैकेज के तहत लाभार्थियों को न केवल ब्याज में छूट दी जाती है बल्कि परियोजना लागत पर भारी ऋण भी उपलब्ध कराया जाता है। एएचआईडीएफ स्कीम की मुख्य विशेषताएं निम्न हैं:- लिए गए ऋण पर लाभार्थी की 3 प्रतिशत की ब्याज छूट दी जाती है। किसी भी अनुसूचित बैंक और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) से कुल परियोजना लागत के 90 प्रतिशत तक का ऋण योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए https://dahd.nic.in/  और https://ahidf.udyamimitra.in/ पोर्टल पर जानकारी उपलब्ध है। डीएएचडी द्वारा आरंभ की गई क्रेडिट गारंटी स्कीम की पहल से पशुधन क्षेत्र से जुड़े एमएसएमई की भागीदारी में अत्यधिक वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे इस क्षेत्र में ऋण का प्रभाव बढ़ेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई को सुदृढ़ किया जा जाएगा।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।