किसान पशुपालकों की हुई मौज: सरकार ने शुरू की कामधेनु योजना,फ्री होगा 2 गाय-भैंस का बीमा

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पशुपालन क्षेत्र में जोखिम को कम करने के लिए पशुओं का बीमा होना आवश्यक है ताकि पशु हानि होने पर पशुपालकों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके। खासकर उन पशुपालकों के लिए यह और भी जरुरी हो जाता है, जिनकी आजीविका का मुख्य स्रोत पशुपालन ही है। पशुधन बीमा के महत्व को समझते हुए राजस्थान सरकार ने राज्य में निःशुल्क पशुधन बीमा योजना शुरू की है। जिसके तहत पशुओं का मुफ्त में 40 हजार रुपए का बीमा किया जाएगा।

राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने बुधवार 6 सितंबर के दिन गुलाबपुरा, भीलवाड़ा से  मुख्यमंत्री कामधेनु बीमा योजना की शुरूआत की। साथ ही इस अवसर पर उन्होंने पशुधन सहायक का पदनाम पशुधन निरीक्षक करने, प्रथम श्रेणी के पशु चिकित्सा अधिकारियों को 5 हजार रुपए प्रति माह विशेष परियोजना भत्ता तथा पशुधन सहायक, पशुधन प्रसार अधिकारी का विशेष हार्ड ड्यूटी भत्ता 500 रुपए किए जाने की घोषणा की।

कामधेनु पशु बीमा योजना क्या है?

मुख्यमंत्री ने 6 सितम्बर को राज्य स्तरीय समारोह में पशुपालकों को बीमा पॉलिसी देकर योजना का शुभारम्भ किया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पशुपालकों को दुधारू पशुओं की अकाल मृत्यु होने के कारण संभावित नुकसान से सुरक्षा प्रदान करना है। योजना के अंर्तगत प्रत्येक परिवार के लिए अधिकतम दो दुधारू पशुओं का बीमा किया जाएगा। अधिकतम 40 हजार रुपये तक प्रति पशु बीमा निःशुल्क किया जाएगा।

बजट घोषणा वर्ष 2023-24 के अनुसार महंगाई राहत शिविर में पंजीकृत पशुपालक परिवार को अधिकतम दो दुधारू पशु का 40 हजार रुपए तक प्रति पशु का बीमा किया गया है। महंगाई राहत कैंप में योजना के प्रति पशुपालकों के रूझान को देखते हुए राज्य सरकार ने 20 लाख के स्थान पर अब 40 लाख पशुपालकों को लाभान्वित करने तथा 40 लाख दुधारू गाय/भैंस के स्थान पर 80 लाख गाय/भैंस का बीमा किए जाने का निर्णय लिया है।

लम्पी रोग में भी मिलेगा योजना लाभ

इस योजना के माध्यम से पशुपालन के लिए किसानों का प्रेरित किया जाएगा तथा प्रदेश में डेयरी तथा दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से पशुपालन क्षेत्र में रोजगार बढ़ने की भी संभावना है। इससे पशुपालकों को आर्थिक सम्बल प्रदान होगा। लम्पी रोग के प्रकोप के चलते पशु हानि झेलने वाले पशुपालकों को आर्थिक सम्बल का लाभ मिलेगा।

इस तरह मिलेगा योजना का लाभ

कामधेनु पशु बीमा योजना के तहत पशु का बीमा दुग्ध उत्पादन के आधार पर किया जा रहा है। इस योजना का पात्र होने के लिए राजस्थान का मूल निवासी होना आवश्यक होगा। लाभार्थी किसान एवं पशुपालक होना चाहिए। पशु बीमा के लिए पशुपालकों को प्रीमियम नहीं देना होगा, राज्य सरकार शत–प्रतिशत प्रीमियम राशि का भुगतान करेगी। पशुपालक को मृत पशु की बीमित धनराशि का दावा करने के लिए अपने नजदीकी पशु पालन विभाग के कार्यालय में जाना होगा। योजना से संबंधित आवश्यक दस्तावेज को भरकर कार्यालय में जमा करवाना होगा। पात्रता सही पाए जाने पर बीमित धनराशि पशुपालक के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।