गर्मी में टॉप 5 पशु चारे : दुधारू पशुओं के आहार में इन विशेष चारों का करें प्रयोग , मिलेगा दूध का अधिक उत्पादन

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जानिए, गर्मी के मौसम में दुधारू पशुओं का आहार कैसा होना चाहिए?

वर्तमान में किसान भाई कृषि के साथ पशुपालन भी कर रहे हैं। किसान अपनी आय में वृद्धि के लिए खेती के साथ पशुपालन करते हैं। पशुपालन के लिए अधिकांश रूप से गाय और भैंस का पालन किया जाता है। ग्रीष्म ऋतु का समय चल रहा है और मई के माह में तापमान में अचानक वृद्धि हुई है। पशुओं को भी तापमान और गर्मी में वृद्धि के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गर्मी के प्रकोप से पशुओं की भूख कम हो जाती है। प्रत्येक किसान पशुपालक अपने दुधारू पशुओं से अधिक मात्रा में दूध का उत्पादन प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं। किसान पशुपालक दुधारू पशुओं के आहार का विशेष रूप से ध्यान रखते हैं किंतु गर्मी के मौसम में पशुओं की भूख कम होने से और कई पशुओं की अधिक उम्र के कारण दूध के उत्पादन की मात्रा कम हो जाती है। इस कारण किसान भाइयों को आर्थिक हानि होती है। बाजार में दुधारू पशुओं के चारे की कई किस्में मौजूद हैं। प्रत्येक मौसम के अनुसार भिन्न-भिन्न पशु चारा आहार के रूप में प्रयोग किया जाता है। किसान पशुपालक को पशुओं के दूध की मात्रा में वृद्धि करने वाले पौष्टिक आहार की जानकारी होना आवश्यक है। पौष्टिक चारे को पशु आहार के रूप में प्रयोग करने से अधिक उम्र वाले और दुधारू पशु से भरपूर मात्रा में दूध प्राप्त किया जा सकता है। आइए, गर्मी में टॉप 5 पशु चारे से संबंधित जानकारी प्राप्त करें।

गर्मी के मौसम में टॉप 5 पशु चारे

गर्मी के मौसम में प्रत्येक वर्ष दुधारू पशुओं के दूध की मात्रा कम हो जाती है। गर्मी के मौसम में पशुओं के लिए दाने और हरे चारे की व्यवस्था होना चाहिए। दुधारू पशुओं के दूध की मात्रा में वृद्धि के लिए आहार पौष्टिक होना चाहिए। गर्मी के मौसम में टॉप 5 पशु चारे इस प्रकार हैं-

(1) ज्वार की चरी

गर्मी के मौसम में ज्वार की चरी सबसे उन्नत हरा चारा है। ज्वार की चरी पशुओं के लिए पौष्टिक चारा होता है। ज्वार की चरी में लगभग 4.5 से 6.5% तक क्रूड प्रोटीन पाया जाता है। ज्वार की चरी को सूखा, हरा चारा और साइलेज के रूप में पशु आहार में सम्मिलित किया जाता है किंतु ज्वार का हरा चारा सबसे ज्यादा पौष्टिक होता है।

(2) मक्का

मक्का की बुवाई खरीफ, रबी और जायद तीनों मौसम में की जा सकती है इसलिए मक्का पूरे वर्ष पाया जाता है। गर्मी के मौसम में मक्का का चारा भी आसानी से प्राप्त हो जाता है। मक्का का चारा पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है। मक्का दुधारू पशुओं के लिए बहुत विशेष होता है।

(3) बरसीम

गर्मी के मौसम में दुधारू पशुओं के दूध की मात्रा में वृद्धि के लिए बरसीम घास काफी फायदेमंद होती है। बरसीम घास में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के कारण बरसीम खाने वाले पशु स्वस्थ रहते हैं। बरसीम का चारा पचाने में आसान होता है।

(4) लोबिया

लोबिया के चारे में कैल्शियम, फास्फोरस और प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है इसलिए लोबिया का चारा पौष्टिक होता है। यदि लोबिया का चारा दुधारू पशुओं को खिलाया जाता है तब पोषक तत्व भरपूर मात्रा में प्राप्त हो जाते हैं।

(5) एजोला

एजोला एक पोषक तत्वों से भरपूर छोटा जलीय पौधा होता है। एजोला पशुओं के लिए उत्तम आहार है क्योंकि एजोला में सभी प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं। दुधारू पशुओं के लिए एजोला आहार के रूप में प्रयोग करने से दूध की अधिक मात्रा प्राप्त होती है।

दूध की मात्रा में वृद्धि के लिए ये आहार भी हैं लाभदायक

दुधारू पशुओं के दूध की मात्रा में वृद्धि के लिए टॉप 5 पशु चारे के अतिरिक्त अन्य आहार के रूप में तिल, अलसी, मूंगफली, सरसों, बिनौले और लाही आदि खली वाले आहार को सम्मिलित करने से दूध की मात्रा में वृद्धि के साथ ही पौष्टिकता में भी वृद्धि हो जाती है।

गर्मी में दुधारू पशु का आहार कैसा होना चाहिए?

(1) गर्मी के मौसम में पशु की चराई सुबह और शाम को होनी चाहिए।
(2) पशु आहार में 8 से 10 घंटे का अंतराल रखना चाहिए।
(3) गर्मी में पशुओं को 3 से 4 बार आहार देना चाहिए।
(4) अधिक दूध देने वाली गायों के आहार में 4 से 5 बार चारे के साथ दाने को भी शामिल करना चाहिए।
(5) पशुओं के आहार में हरे चारे की मात्रा ज्यादा और सूखे दाने की मात्रा कम करें।
(6) दूध निकालने से पूर्व दाना और बाद में चारा खिलाना चाहिए।
(7) यदि हरे चारे की पर्याप्त व्यवस्था न हो तब पशु आहार में अलग से विटामिन को सम्मिलित करें।
(8) पशु आहार में लगभग 25 से 30 ग्राम नमक और खनिज मिश्रण सम्मिलित करना चाहिए।
(9) ग्वार को दलने के पश्चात् भिगोकर या फिर उबालकर खिलाना चाहिए।
(10) गेहूं और जौ का दलिया एवं चोकर खिलाना चाहिए।
(11) पशुओं को शीरा और गुड़ भी थोड़ी मात्रा में खिलाना चाहिए।
(12) हरा चारा निरंतर आहार में मिल सके इसके लिए चरी, लोबिया, ज्वार और मक्का की फसल की बुवाई करें।
(13) गर्मी के दिनों में पशुओं को भरपूर मात्रा में पानी पिलाना चाहिए।

सामान्य रूप से पशुओं के लिए लगभग 35 से 40 लीटर पानी आवश्यक होता है किंतु गर्मी के दिनों में यह मात्रा दोगुनी हो जाती है इसलिए पशुओं को भरपूर मात्रा में पानी पिलाना चाहिए।

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