अफीम नीति 2023-24 हुई घोषित,इन किसानों को मिलेंगे पट्टे, देखिए नियत और शर्तें

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अफीम नीति 2023-24: स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ नियमावली, 1985 के नियम 8 के अनुसरण में, केन्द्र सरकार, एतद्द्वारा, दिनांक 1 अक्तूबर, 2023 को आरंभ होने वाले और 30 सितम्बर, 2024 को समाप्त होने वाले अफीम फसल वर्ष के दौरान केन्द्र सरकार की ओर से लांसिंग के माध्यम से अफीम-गोंद प्राप्त करने हेतु अफीम पोस्त की खेती के लिए लाइसेंस की मंजूरी हेतु नीचे विनिर्दिष्ट सामान्य शर्तों को अधिसूचित करती है।

अफीम नीति 2023-24 ( Afeem Niti 2023-24 )

1. खेती करने के स्थान किसी भी ऐसे भूखंड में पोस्त की खेती के लिए लाइसेंस दिया जा सकता है जिसे केन्द्र सरकार द्वारा इस निमित्त अधिसूचित किया जाए।

2.खेती हेतु पात्रता इस अधिसूचना के खण्ड 3 और 7 के अध्यधीन रहते हुए निम्नलिखित व्यक्ति लांसिंग के माध्यम से अफीम-गोंद प्राप्त करने के लिए पोस्त की खेती के लाइसेंस हेतु पात्र होंगे।

(i) वे किसान जिन्होंने फसल वर्ष 2022-23 के दौरान अफीम पोस्त की खेती की थी और उनके मार्फीन (एमक्यूवाई-एम) की औसत उपज 4.2 कि.ग्रा. प्रति हे. से कम नहीं थी।

(ii) किसान जिन्होंने इससे संबंधित प्रावधानों के अनुसार केन्द्रीय स्वापक ब्यूरो की देखरेख में फसल वर्ष 2020- 21, 2021-22 और 2022-23 के दौरान अपनी संपूर्ण पोस्त की फसल की जुताई की हो, परन्तु जिन्होंने इसी तरह फसल वर्ष 2019-20 के दौरान अपनी सम्पूर्ण पोस्त फसल की जुताई नहीं की थी।

(iii) किसान जिनके लाइसेंस मंजूर न करने के खिलाफ अपील को फसल वर्ष 2022-23 में निपटान की अंतिम तारीख के बाद अनुमति दे दी गई हो।

(iv) किसान जो फसल वर्ष 2022-23 के लाइसेंस के लिए पात्र थे, किन्तु किसी कारणवश उन्हें लाइसेंस प्राप्त / जारी न किया जा सका हो अथवा जिन्होंने अनुवर्ती फसल वर्ष में लाइसेंस प्राप्त करने के बाद किसी कारणवश अफीम पोस्त की खेती वास्तव में न की हो।

(v) किसान जिनको किसी मृत पात्र किसान ने फसल वर्ष 2022-23 के लिए फॉर्म सं. 1 (देखें नियम 7 ) के कॉलम 11 में नामित किया हो।

(vi) जिला अफीम अधिकारी द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करने के बाद मृत पात्र कृषकों के कानूनी वारिसों में से एक, ऐसे मामलों में जहां किसी भी कारण से किसान के विधिक उत्तराधिकारी को फॉर्म सं. 1 में नामित नहीं किया गया हो या किसी फसल वर्ष में फॉर्म सं. 1 में जिस व्यक्ति को नामित किया गया है वह पारिवारिक सदस्य/रक्त संबंध की परिभाषा के अतंर्गत नहीं आते हों।

अफीम नीति 2023-24 में किन किसानों को मिलेंगे लाइसेंस

3. लाइसेंस की शर्तें किसी भी किसान को तब तक लाइसेंस मंजूर नहीं किया जाएगा जब तक वह निम्नलिखित शर्तों को पूरा न करता हो/करती हो।

(i) उसने वास्तविक खेती के दौरान फसल वर्ष 2022-23 के दौरान पोस्त की खेती के लिए लाइसेंसशुदा वास्तविक क्षेत्र से 5% क्षम्य क्षेत्र’ से अधिक क्षेत्र में खेती न की हो।

(ii) उसने कभी भी अफीम पोस्त की अवैध खेती न की हो तथा स्वापक औषधि तथा मन प्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 और उसके अंतर्गत बनाये गए नियमों के अंतर्गत उस पर किसी अपराध के लिए किसी सक्षम न्यायालय में आरोप नहीं लगा हो।

(i!i) उसने फसल वर्ष 2022-23 के दौरान केन्द्रीय स्वापक ब्यूरो/स्वापक आयुक्त द्वारा किसानों को जारी किन्हीं विभागीय अनुदेशों का उल्लंघन नहीं किया हो।

अधिकतम क्षेत्र ( अफीम नीति 2023-24 )

(i) सभी पात्र निविदा किसानों को ऊपर बताए गए खंड 2 के अंतर्गत 0.10 हेक्टेयर के लिए लाइसेन्स दिया जायेगा।

(i) यदि किसान चाहें तो उन्हें लाइसेंस प्राप्त क्षेत्र बनाने के लिए दूसरों की भूमि पट्टे पर लेने की अनुमति दी जाएगी।

पूर्व चेतावनी ( Afeem Niti 2023-24 list )

(i) आने वाले वर्ष अर्थात् 2024-25 में अफीम पोस्त की खेती के लिए लाइसेंस प्राप्त करने की पात्रता हेतु फसल वर्ष 2023-24 के दौरान 5.9 किलोग्राम मार्फीन प्रति हेक्टेयर की न्यूनतम अर्हक उपज (एमयूवाई- एम) देना जरूरी है।

(ii) वर्ष 2023-24 के दौरान दी गई अफीम में माफीन की मात्रा को फसल वर्ष 2024-25 के भुगतान का आधार माना जा सकता है, यदि सरकार इस बारे में निर्णय लें।

(iii) ऐसे किसान जिन्होंने फसल वर्ष 2020-21 2021-22 और 2022-23 के दौरान अपनी पूरी फसल की

जुताई कर दी थी उनको फसल वर्ष 2024-2025 के लिए लाइसेंस का पात्र नहीं माना जाएगा, यदि उन्होंने फसल वर्ष 2023-24 में भी पुनः अपने फसलों की पूरी तरह जुताई कर दी हो।

माफी योग्य सीमा

यदि खेती किया गया वास्तविक क्षेत्र लाइसेंसशुदा क्षेत्र से 5 प्रतिशत तक अधिक है तो ऐसा अधिक क्षेत्र क्षम्य हो

विविध

(i) जो किसान वर्ष 2023-24 के दौरान अफीम पोस्त की खेती अपने भू-खंड पर अथवा दूसरों से पट्टे पर लिये गये सकता है।

7. भू-खंड पर करता है, भू-खंड के स्वामी का ब्यौरा, सर्वेक्षण संख्या और स्वापक आयुक्त द्वारा निर्देशित अन्य व्यौरा प्रदान करेगा।

(ii) इन सामान्य लाइसेंसिंग शर्तों से स्वापक आयुक्त/स्थापक उपायुक्त के किसी भी लाइसेंस को जारी करने / उसे रोकने के अधिकार को उस स्थिति में कोई क्षति नहीं पहुंचती जब कभी स्वापक औषधि एवं मनःप्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 के उपबंधों और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के अनुसार ऐसा करना ठीक समझा जाए।

(iii) लाइसेंस इस शर्त पर दिया जाएगा कि किसी भी खेत को सरकार द्वारा अथवा सरकार द्वारा विशिष्ट संस्था अथवा एजेंसी के साथ सहयोग करके किये जाने वाले अनुसंधान के प्रयोजनार्थ अधिग्रहित किया जा सकता है। जिस किसान के खेतों को अनुसंधान के लिए चुना जाएगा उसका अगले वर्ष लाइसेंस मंजूर करने पर विचार किया जाएगा बशर्ते उसने (निर्धारित न्यूनतम अर्हक) उपज प्रस्तुत की हो और वह अन्यथा पात्र हो।

अनुसंधान हेतु चुने गए क्षेत्र को उपज की गणना करते समय लेखे में नहीं लिया जाएगा।

(iv) लाइसेंस इस अतिरिक्त शर्त के अध्यधीन होगा कि अफीम को निकाले बिना पोस्त भूसी प्राप्त करने के लिए किसी भी खेत को चुना जा सकता है। जिन किसानों के खेत ऐसे उपयोग के लिए चुने जाएंगे, वे अन्यथा पात्र होने पर अगले फसल वर्ष के लिए लाइसेंस के लिए पात्र होंगे।

(v) किसी किसान द्वारा सौंपी गई अफीम की मात्रा की गणना राजकीय अफीम एवं क्षारोध कार्यशाला, नीमच अथवा गाजीपुर में किए गए विश्लेषणों के आधार पर 70 डिग्री गाड़ेपन पर की जाएगी।

(vi) ऐसे किसान जिनका किसी विशेष गांव में अफीम की खेती का लाइसेंस है लेकिन वे पास के लगे दूसरे गांव के निवासी हैं तो उनको अपने आवास पर अफीम को इकट्ठा करने की अनुमति होगी बशर्ते कि ऐसी मानव बस्ती और गांव के बीच लगातार आना जाना होता हो।

(vii) यदि अफीम नीति 2023-24 के हिन्दी संस्करण में कोई विसंगति पाई जाती है तो अंग्रेजी संस्करण ही अधिमान्य होगा।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।