राज्य में गन्ना खरीदी के शुभारंभ पर सहकारिता मंत्री ने चीनी मिलों को दिए निर्देश
भारत में कई राज्यों में गन्ने की खेती (Sugarcane Cultivation) की जाती है। गन्ने का उपयोग मुख्य रूप से चीनी निर्माण में किया जाता है। इसके अलावा गन्ने से गुड़, जूस आदि बनाया जाता है। आजकल गन्ने की पराली (Sugarcane Straw) का उपयोग एथनॉल (Ethanol) बनाने में किया जा रहा है जिससे गन्ने की मांग और भी अधिक बढ़ी है। इस समय कई राज्यों में किसानों से गन्ना खरीदी का काम चल रहा है।
इसी क्रम में हरियाणा में गन्ने का पेराई सत्र 2025-26 शुरू हो गया है। पेराई सत्र के शुभारंभ के अवसर पर सहकारिता मंत्री ने गन्ना मिलों को निर्देश दिए हैं कि वे गन्ना खरीदी का भुगतान किसानों को अधिकतम सात दिन के भीतर करें जिससे किसानों को किसी प्रकार की आर्थिक परेशानी न हो। वर्तमान में किसानों को 14 दिन के भीतर भुगतान का प्रावधान है, लेकिन 2025 में सरकार इस अवधि को घटाकर 7 दिन करने पर विशेष जोर दे रही है।
किसानों को भुगतान के लिए चीनी मिलों को क्या दिए गए निर्देश
हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गन्ने की खरीदी के बाद भुगतान की समयसीमा को घटाकर एक सप्ताह किया जाए ताकि किसानों को तुरंत लाभ मिल सके। साथ ही उन्होंने पुराने गन्ना उत्पादकों को दोबारा मिल से जोड़ने के निर्देश भी दिए। उन्होंने यह भी कहा कि गोहाना, बरोदा और इस बार हिसार क्षेत्र में पानी की समस्या को दूर करने के लिए 2025 में सिंचाई परियोजनाओं में तेजी लाई जा रही है, जिससे किसानों को भरपूर पानी मिल सके और उनकी पैदावार बेहतर हो।
गन्ना किसानों की आय बढ़ाने के लिए क्या किए जा रहे हैं प्रयास
सहकारिता मंत्री ने चौधरी देवीलाल सहकारी चीनी मिल, गोहाना, जिला सोनीपत में पेराई सत्र 2025-26 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गन्ना उत्पादक किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। सभी चीनी मिलों में एथनॉल प्लांट (Ethanol Plant) लगाए जा चुके हैं और अब इन्हें पूरी क्षमता के साथ संचालित किया जा रहा है। 2025 में इन प्लांटों की मदद से अतिरिक्त आमदनी की संभावना बढ़ी है जिससे किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम मिल सकेगा।
राज्य के किसानों से किस रेट पर खरीदा जाएगा गन्ना
हरियाणा सरकार ने पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ने की कीमत 412 रुपये प्रति क्विंटल तय की है। यह पिछले वर्ष के 400 रुपये प्रति क्विंटल से 12 रुपये अधिक है। इससे किसानों को प्रति क्विंटल अधिक आमदनी होगी। सरकार ने यह फैसला किसानों की मांग और उत्पादन लागत को ध्यान में रखते हुए लिया है।
हरियाणा में इस बार कितना हुआ गन्ने का उत्पादन
2025 में हरियाणा में 3.05 लाख एकड़ भूमि पर गन्ने की खेती की गई है। यह पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 3 प्रतिशत अधिक है। राज्य सरकार द्वारा किसानों को बीज, उर्वरक और कीटनाशकों पर दी गई सहायता के चलते किसानों का रुझान फिर से गन्ने की खेती की ओर बढ़ा है। साथ ही इस वर्ष कुछ नई रोग प्रतिरोधक किस्मों के बीज भी वितरित किए गए हैं जिससे उत्पादन में वृद्धि की संभावना है।
हरियाणा की 14 चीनी मिलों में से 11 सहकारी और 3 निजी क्षेत्र की हैं। सभी मिलें इस वर्ष पूर्ण क्षमता के साथ गन्ने की पेराई में लगी हैं और उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्य कर रही हैं।
सबसे अधिक गन्ना लाने वाले किसान को किया सम्मानित
पेराई सत्र 2025-26 के शुभारंभ समारोह में सहकारिता मंत्री अरविंद शर्मा ने पिछले सीजन 2024-25 के दौरान सबसे अधिक गन्ना आपूर्ति करने वाले किसान को सम्मानित किया। गांव झंझेड़ी के किसान राजपाल पुत्र श्री रामफल ने मिल गेट पर कुल 17,045 क्विंटल गन्ने की आपूर्ति कर सबसे अधिक योगदान दिया। वहीं गन्ना खरीद केंद्र पर सबसे अधिक गन्ना आपूर्ति करने वाले गांव सत्तौड़ के किसान रामनिवास पुत्र सुरेन्द्र को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने 4,510 क्विंटल गन्ने की आपूर्ति की।