Cotton Rates: कपास के भाव कम होने से किसान परेशान, अचानक रुकी भावों में तेजी, देखें खबर

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इस समय देश में कपास की कीमत सीजन के सबसे निचले स्तर पर हैं। इस साल किसानों को उम्मीद थी कि कपास का कीमत अच्छे मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कपास की आवक हर साल दिसंबर और जनवरी में सबसे अधिक देखने को मिलती है। लेकिन इस वर्ष आवक सीमित रही ।

नरमा कपास की कीमत में गिरावट ( cotton price)

जानकारों की माने तो मार्च महीने में किसान पैनिक बिकवाल से बेहाल है। और कीमतें दबाव में आ गई है। पिछले 1 महीने से कपास की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिली और फिलहाल बाजार में कपास की आवक बढ़ने से नरमी आई है। पिछले साल किसानों ने दिसंबर जनवरी में कपास ज्यादा बेचते थे लेकिन इस वर्ष इसके उल्ट हमें आवक कम दिखाई दी। इस समय कपास की कीमतें न्यूनतम 7500 से अधिकतम 8000 ₹200 तक बोली जा रही है।

पिछले साल की में दैनिक आवक में 30 से 50 तुलना प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मार्च महीने में पिछले साल की तुलना में आमदनी लगभग दोगुनी पहुंच गई हैं। कपास की कीमतों पर उद्योगों द्वारा संभावित बिकवाली से दबाव पड़ा। नतीजा यह हुआ कि कपास के रेट औसतन 8 हजार रुपये से नीचे आ गई। इस साल किसानों ने आने वाले सीजन के लिए कपास को रोक रखा है लेकिन किसानों के पास अब आमदनी का और कोई विकल्प न होने से आवक में वृद्धि हो रही है और पैनिक सेलिंग महीने में शुरू हुई थी इसलिए किसानों को 2 महीने कपास पास रखने से मुनाफा नहीं मिला है।

वहीं अगर हम बात करें मार्च महीने में तो अक्टूबर से जनवरी के तुलना में कपास की कीमत नहीं मिल रहा है। जिससे किसानों को बड़ी आर्थिक नुकसान हुआ है और नवंबर के मुकाबले वर्तमान में कपास की कीमतों में ₹1000 प्रति क्विंटल तक कमी आई है। इस समय कपास की औसत कीमत 7,700 से 8,200 रुपये प्रति क्विंटल है। मार्च के महीने में और अप्रैल में दिनों में आवक का दबाव अधिक रहने की उम्मीद है।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।