समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी के लिए 15 लाख किसानों ने कराया पंजीयन, देखें खबर

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MSP पर गेहूं की खरीद: गेहूं एवं अन्य रबी फसलों की कटाई शुरू हो गई है, ऐसे में किसानों को इन फसलों का उचित मूल्य मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा इन फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर की जाएगी। केंद्र सरकार द्वारा इस वर्ष गेहूं का MSP 2,125 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है जिस पर ही विभिन्न राज्य सरकारें पंजीकृत किसानों से ख़रीदेंगी। इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में गेहूं खरीदी के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने रबी फसलों के उपार्जन कार्य के लिए सभी आवश्यक तैयारियों को पूर्ण करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो।

15 लाख किसानों ने कराया है गेहूं बेचने के लिए पंजीयन

रबी उपार्जन कार्य के लिए की गई तैयारियों संबंधी बैठक में बताया गया कि प्रदेश में इस वर्ष उपार्जन के लिये करीब 15 लाख किसान पंजीयन करवा चुके हैं। गत वर्ष हुए पंजीयन की चौथाई पंजीयन हो चुके हैं। लगभग 20 लाख पंजीयन होने की तुलना में तीन संभावना है। अनाज के भण्डारण एवं परिवहन के लिए आवश्यक तैयारियाँ की जा रही हैं।

4 हजार से अधिक खरीदी केंद्रों पर किया जाएगा उपार्जन

मध्य प्रदेश में 25 मार्च से गेहूँ उपार्जन शुरू होगा। इसके लिए संभागवार तिथियाँ निर्धारित की गईं हैं। भोपाल सहित इंदौर, उज्जैन और नर्मदापुरम संभागों में 25 मार्च से उपार्जन प्रारंभ होगा। तो वहीं जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर, ग्वालियर और चम्बल संभाग में एक अप्रैल से उपार्जन कार्य प्रारंभ होगा। इसके लिए प्रदेश में 4 हजार 223 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। बारदाना व्यवस्था में करीब 3 लाख गठान की अनुमानित आवश्यकता के अनुसार प्रबंध हो चुका है। वर्तमान में उपलब्ध बारदानों से लगभग 70 लाख मीट्रिक टन उपार्जन संभव है।

मुख्यमंत्री ने गेहूं खरीदी को लेकर दिए यह निर्देश

• भण्डारण क्षमता अच्छी रखी जाए साथ हाई पर्याप्त उपार्जन केंद्र बनाए जाएँ।
• किसानों को बारदाने की कहीं भी कमी न हो।
• उपार्जन से जुड़े कार्यों में तकनीक का उपयोग हो ।
• किसान को उपार्जन के लिए खुद केंद्र के चयन करने की सुविधा दी जाए।
• न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों को समय पर राशि का भुगतान किया जाए।


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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।