टमाटर की खेती में किसानों को ज्यादा मिलेगी कीमत , अपनाए इस खास तकनीक को

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उत्तम गुणवत्ता के टमाटर से संबंधित बातें

अगर आज टमाटर की बात करें तो टमाटर के काफी ज्यादा है। 20 से 40 रुपए किलो बिकने टमाटर का भाव वर्तमान में प्रति किलोग्राम 150 से 250 रुपए है । टमाटर के इस बढ़ते हुए मूल्य का फायदा उन किसानों को हो रहा है जिन्होंने इस बार टमाटर की खेती की है। टमाटर के इस बढ़ते मूल्य के कारण टमाटर की खेती करना किसानों के लिए फायदेमंद हो गया है किंतु यह भी नहीं कहा जा सकता है कि आगे भी टमाटर के भाव में वृद्धि होगी या इसी भाव में टमाटर बिकेगा किंतु जिन किसानों ने टमाटर की खेती की है उन्होंने इस समय टमाटर के भाव में वृद्धि से काफी हद तक फायदा प्राप्त किया है उसमें से एक किसान परिवार की बात करें तो किसान परिवार का नाटक का है जिन्होंने इस वर्ष टमाटर की बिक्री से 38 रूपए तक की कमाई की है । कह सकते हैं कि टमाटर की खेती से किसानों को इस बार फ़ायदा हुआ हैं।

उत्तम गुणवत्ता के टमाटर के लिए क्या करें??

यदि किसान भाई उत्तम गुणवत्ता वाले टमाटर पाना चाहते हैं तो इसके लिए टमाटर उगाने की सही तकनीक और इससे संबंधित जानकारी होना जरूरी है ताकि टमाटर की गुणवत्ता अच्छी हो इसके लिए किसानों को टमाटर की उन्नत किस्मों का प्रयोग करना चाहिए और साथ ही वातावरण और मिट्टी के अनुसार किस्मों को तय करना चाहिए इसके अतिरिक्त कुछ बेहतर तकनीकों के द्वारा भी उच्च गुणवत्ता के टमाटर उगा सकते हैं। मिडिया 1 के द्वारा टमाटर की बेहतर तकनीक के बारे में जानिए जिससे काफी अच्छा मुनाफा प्राप्त हो सके।

टमाटर की खेती के लिए उन्नत किस्में

टमाटर की किस्म का का चयन क्षेत्र विशेष के अनुसार होना चाहिए मिट्टी और क्षेत्र के अनुसार उन्नत किस्म का चयन करें इसके अतिरिक्त कुछ टमाटर की हाइब्रिड किस्में है जो अच्छा उत्पादन देती है ये किस्म इस प्रकार है-
पूसा हाइब्रिड-1 , पूसा हाइब्रिड-2 , अविनाश-2 और रश्मि आदि।

इस किसान परिवार को टमाटर से मिला ज्यादा मुनाफा

आज हम उस परिवार के बाद करेंगे जिन्होंने टमाटर की खेती में अच्छा मुनाफा कमाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कर्नाटक के किसान परिवार में टमाटर से लगभग 38 लाख तक की कमाई की है। इसके अतिरिक्त कर्नाटक के एक और किसान वेंकटरमण जोकि चिंतामणि तालुका के रहने वाले हैं, इन्होंने भी इस वर्ष टमाटर से लगभग 17 लाख से ज्यादा की कमाई की है। कर्नाटक के इन दोनों किसानों कोलर मंडी (कर्नाटक) में टमाटर भेजे हैं क्योंकि कोलार मंडी में टमाटर के भाव काफी अधिक हैं।
इस बात पर भी ध्यान दें कि उत्तम गुणवत्ता के टमाटर से ही बाजार में अच्छी कीमत मिल पाती है इसलिए किसानों को फसल की गुणवत्ता पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए और साथ ही ऐसे गुणवत्ता के टमाटर भी उपलब्ध हैं जो कि 3 से 4 दिन तक भी खराब नहीं होते हैं। इससे भी किसान भाइयों को काफी फायदा हुआ है।

टमाटर की खेती कब करना चाहिए??

टमाटर एक ऐसा पौधा है जिसने वर्ष भर उगाया जा सकता है यदि जल निकासी की उचित व्यवस्था हो। प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए टमाटर को पॉलीहाउस में भी उगाया जा सकता है किंतु हमारे देश में अधिकांश किसान टमाटर की खेती खुले खेत में ही करते हैं।
सामान्य रूप से टमाटर के पौधे का रोपण जनवरी के दूसरे सप्ताह में होता हैं।
यदि किसान भाई सितंबर में इसके पौधे का रोपण करना चाहते हैं तो इसके लिए नर्सरी जुलाई के अंत तक तैयार करें और पौधे का रोपण अगस्त के अंतिम सप्ताह और सितंबर के पहले सप्ताह में करें।
किसान भाई इसके पौधे का रोपण मई के माह में करते हैं तब नर्सरी मार्च और अप्रैल माह में तैयार करना चाहिए।

टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी और तापमान

टमाटर की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में हो सकती है किंतु इसकी खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी दोमट मिट्टी है। जिसमें काली दोमट, लाल दोमट और रेतीली दोमट इसकी खेती के लिए उपयुक्त होती है।
pH मान 7 से 8.5 के मध्य हो।
टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त तापमान 18°C से 26°C होना चाहिए।

टमाटर की नर्सरी तैयार करने की प्रक्रिया

टमाटर की नर्सरी तैयार करने के लिए प्रक्रिया इस प्रकार है:

  1. किसान पूर्व की फसल के अवशेषों को निकालने के लिए खेत की अच्छे से जुताई करें।
  2. खेत में गोबर की खाद को मिट्टी में मिला दें।
  3. तैयार खेत में सतह से 10 से 15 सेंटीमीटर ऊंची क्यारियों का निर्माण करें।
  4. बीजों की मात्रा निर्धारित करें: प्रति एकड़ 150 से 200 ग्राम बीज की मात्रा लें।
  5. बीजों को उपचारित करने के लिए 5 ग्राम ट्राइकोडरमा का उपयोग करें।
  6. बीजों की बुवाई में दूरी लगभग 5 सेंटीमीटर हो और बीजों को अधिक गहराई में न बोएं।
  7. बीजों को बोने के पश्चात खेत में हल्की सिंचाई करें।
  8. बीजों को बोने के लगभग 20 से 25 दिन के पश्चात पौधे तैयार हो जाते हैं जिनका रोपण मुख्य खेत में करें।

टमाटर का ज्यादा उत्पादन प्राप्त करने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

टमाटर का उत्पादन ज्यादा हो इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए:

  • टमाटर के पौधों की रोपाई करने के लिए तैयार किए गए खेत में प्लास्टिक की परत बिछा दें ताकि मिट्टी ज्यादा गर्म ना हो और खरपतवार को भी नियंत्रित किया जा सके।
  • पौधों के रोपण के लिए प्लास्टिक की परत में छोटे-छोटे छेद करें और उनमें पौधों की रोपाई करें।
  • टमाटर की सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई प्रणाली का उपयोग करें जिससे कम पानी में फसल तैयार हो सके।
  • जब पौधे की लंबाई 40 सेंटीमीटर तक हो जाए तब पौधों को सहारा देना होता है जिसके लिए तार या लकड़ी आदि का उपयोग करें।
  • फल जमीन पर स्पर्श करके खराब न हो इसके लिए लकड़ी या तार से पौधों को बांध दिया जाता है जिससे टमाटर का पौधा इसके सहारे वृद्धि करता है।

टमाटर की फसल को काटने का समय

टमाटर की कटाई का समय वातावरण और टमाटर की किस्म पर निर्भर होता है किंतु टमाटर की अधिकांश किस्म को रोपण के लगभग 7 से 10 सप्ताह के बाद काटा जाता है।
मिट्टी की उर्वरता बनी रहे इसके लिए फसल चक्र का इस्तेमाल करें जैसे की टमाटर के बाद मक्का, फलियां, पत्ता गोभी और अन्य फसल की बुवाई करें।

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