Soybean Price: जनवरी और फरवरी में 8000 जा सकती है सोयाबीन, भाव डबल होने की संभावना

Soyabin Rate Report: इस बार सोयाबीन के भाव लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सबसे पहले शुरुआती दिनों में सोयाबीन के भाव 4000 से 4300 तक बिक रहे थे। इसके बाद लगातार 2 महिनों से सोयाबीन के भाव ऊंचाइयां छूते जा रहे हैं। वर्तमान में सोयाबीन के न्यूनतम भाव 4400 रूपए से लेकर 5500 रूपए प्रति क्विंटल तक चल रहें हैं। आज से एक सप्ताह पहले सोयाबीन की खरीद न्यूनतम 5000 और अधिकतम 5800 रूपए प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है। बाजार में अधिक भाव मिलने पर मंडियों में सोयाबीन की बंपर आवक हो रही थी लेकिन अभी सोयाबीन के भाव कम होने और किसानों को भाव की अच्छी उम्मीद होने से किसान सोयाबीन बाजार में नहीं ला रहे हैं। उम्मीद है कि व्यापारी बड़ी मात्रा में सोयाबीन की खरीद करेंगे और उसका स्टॉक करेंगे।

सोयाबीन भाव पर रिपोर्ट: अगर ऐसा होता है तो जनवरी और फरवरी माह में सोयाबीन के दाम दोगुने होने की संभावना है।दरअसल दिवाली के बाद बाजार (indian farmer) में सोयाबीन की भारी मात्रा बिक रही है। हालांकि, चूंकि वर्तमान में पर्याप्त आवक नहीं है और ऐसा संदेह है कि व्यापारियों ने जमाखोरी शुरू कर दी है, तेल कंपनियां अब सोयाबीन खरीदने के लिए बाजार में उतरी हैं। बीज कंपनियों ने भी तैयारी शुरू कर दी है।

Soyabin Rate report: भारी बारिश से सोयाबीन को भारी नुकसान हुआ है। खेत में सोयाबीन की कटाई में अधिक खर्च करना पड़ा। उसकी तुलना में कीमत कम है। इसलिए मौजूदा हालात में सोयाबीन Soybean Price बेचना मुनासिब नहीं है। किसान उम्मीद जता रहे हैं कि नुकसान उठाने से अच्छा है कि कुछ दिन रेट बढ़ने का इंतजार किया जाए। इसलिए किसानों ने (crop Insurance) इस उम्मीद में बिक्री बंद कर दी है कि कुछ दिनों में दाम बढ़ेंगे।

Soyabin Rate Today: भविष्य में दाम और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।इसके चलते बाजार (agriculture department) में पैठ भी कम हुई है। तालुका में पिछले खरीफ सीजन में सबसे ज्यादा सोयाबीन बोई गई थी। फसलें भी लहलहा रही थीं; लेकिन फसल कटाई के दौरान हुई तेज बारिश से काफी नुकसान हुआ है। इससे बचाई गई फसल काट ली गई। आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसानों ने सोयाबीन को जो भी Soybean Rate कीमत मिली, बेच दिया। हालांकि, चूंकि पिछली बार सबसे अधिक कीमत मिली थी, इसलिए भविष्य में भी इसकी अच्छी कीमत मिलेगी, इसलिए अधिकांश किसानों ने स्टॉक कर लिया।

किसान समाचार: इसके चलते बाजार (agriculture department) में पैठ भी कम हुई है। तालुका में पिछले खरीफ सीजन में सबसे ज्यादा सोयाबीन बोई गई थी। फसलें भी लहलहा रही थीं; लेकिन फसल कटाई के दौरान हुई तेज बारिश से काफी नुकसान हुआ है। इससे बचाई गई फसल काट ली गई। आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसानों ने सोयाबीन को जो भी Soybean Rate कीमत मिली, बेच दिया। हालांकि, चूंकि पिछली बार सबसे अधिक कीमत मिली थी, इसलिए भविष्य में भी इसकी अच्छी कीमत मिलेगी, इसलिए अधिकांश किसानों ने स्टॉक कर लिया।

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