प्याज की बुवाई पर मिलने वाली सब्सिडी (2025 में जारी) से संबंधित जानकारी
वर्तमान में खेती की बात करें तो किसानों के लिए प्याज की खेती नगदी फसल के रूप में होने लग गई है। सब्जियों में आलू और प्याज प्रत्येक मौसम में खाई जाने वाली सब्जियाँ हैं। प्याज एक ऐसी सब्जी है जिसकी माँग वर्ष भर रहती है। प्याज की घरेलू बिक्री को पूर्ण करने के अतिरिक्त प्याज के निर्यात में वृद्धि करने के उद्देश्य से सरकार की ओर से किसान भाइयों को प्याज की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा राज्य में अच्छी गुणवत्ता के प्याज की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए और खरीफ और रबी फसलों में अच्छी गुणवत्ता के प्याज बीज के कार्यक्रमों के संचालन के लिए वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्याज को नकदी फसल के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य में प्याज की लगातार माँग और इसकी खपत को देखते हुए सरकार ने किसानों को सब्सिडी देने की योजना को 2025 में भी जारी रखा है।
वर्तमान में यूपी सरकार प्याज की खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाओं पर कार्य कर रही है। शाहजहाँपुर जिले में 300 हेक्टेयर और मुरादाबाद में 100 हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज की खेती का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और बागवानी योजनाओं के तहत प्रति हेक्टेयर ₹12,000 की सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। साथ ही उन्नत किस्म के बीज और तकनीकी मार्गदर्शन भी मुफ्त में उपलब्ध कराया जा रहा है। आइए, प्याज की विभिन्न किस्मों की बुवाई पर मिलने वाली अनुदान (Subsidy) से संबंधित जानकारी प्राप्त करें।
प्याज की खेती में किस प्रकार मिलेगा सब्सिडी का लाभ?
उत्तर प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा राज्य में अच्छी गुणवत्ता के प्याज की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए और खरीफ और रबी फसलों में अच्छी गुणवत्ता के प्याज बीज के कार्यक्रमों के संचालन के लिए खरीफ और रबी सीजन में प्याज की खेती करने वाले किसान भाइयों को प्याज की खेती में अधिकतम 4 हेक्टेयर भूमि पर करने पर चयनित लाभार्थियों को प्रति हेक्टेयर ₹12,000 का अनुदान (Subsidy) प्रदान किया जाएगा। शेष बीज की व्यवस्था किसानों द्वारा चयनित संस्थाओं से स्वयं अपने स्रोत से करनी होगी।
प्याज की कौन-सी किस्मों की बुवाई पर मिलेगी सब्सिडी?
राजकीय संस्थाओं द्वारा खरीफ और रबी सीजन में प्याज की उपयुक्त किस्मों की खेती करने वाले किसान भाइयों को प्याज की खेती में अधिकतम 4 हेक्टेयर भूमि पर करने पर चयनित लाभार्थियों को प्रति हेक्टेयर ₹12,000 का अनुदान (Subsidy) प्रदान किया जाएगा। प्याज की इन किस्मों की खेती पर अनुदान (Subsidy) प्रदान किया जाएगा। खरीफ और रबी सीजन में प्याज बीज की किस्में जैसे – एग्रीफाउंड लाइट रेड, एग्रीफाउंड डार्क रेड, भीमा सुपर और L 883 आदि।
प्याज बीज की गुणवत्ता के लिए सीधे जनपदीय उद्यान अधिकारियों द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी संघ (नैफेड), राष्ट्रीय बीज निगम (NSC) और राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान से उनकी दरों पर खरीद चयनित लाभार्थी किसानों को प्रति हेक्टेयर ₹12,000 का अनुदान (Subsidy) प्रदान किया जाएगा।
सब्सिडी प्राप्त करने के लिए पात्रता
- किसानों को सरकारी पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
- चयनित किस्मों में जैसे – भीमा सुपर, एग्रीफाउंड लाइट रेड, एग्रीफाउंड डार्क रेड आदि की बुवाई करनी होगी।
- सब्सिडी की राशि DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे किसान के बैंक खाते में भेजी जाएगी।
- बुवाई के लिए बीज की खरीद राजकीय संस्थाओं से करनी होगी जैसे – नेफेड (NAFED), NSC (National Seeds Corporation) आदि।
किसानों को सब्सिडी की राशि कैसे मिलेगी?
राजकीय संस्थाओं द्वारा खरीफ और रबी सीजन में प्याज की उपयुक्त किस्मों की खेती करने वाले लाभार्थी किसानों के चयन में समानता और पारदर्शिता बनी रहे इसके लिए किसान भाइयों के अनुदान (Subsidy) की राशि सीधे बैंक खातों में DBT के माध्यम से दी जाएगी। इस कार्य के लिए जनपद स्तर पर एक कमेटी को गठित किया गया है। जिला स्तर पर गठित की गई इस कमेटी के निरीक्षण में योजना से संबंधित कार्यों को किया जाएगा। इस कमेटी के अंतर्गत जिला अधिकारी या उनके द्वारा नामित अधिकारी अध्यक्ष सम्मिलित होंगे। इसके अतिरिक्त उद्यान सदस्य, जिला उद्यान अधिकारी और मंडल के उपनिदेशक सदस्य सचिव होंगे।
आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार रहेगी
- आवेदन उद्यान विभाग की वेबसाइट uphorticulture.in या जनहित पोर्टल पर जाकर किया जा सकता है।
- आवेदन के साथ DPR (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट), बायोडाटा, संस्था का पंजीकरण, आदि दस्तावेज़ लगाना अनिवार्य है।
- योजना के लिए आवेदन 20 कार्य दिवसों के भीतर करना आवश्यक है, विलंब से प्राप्त आवेदन अस्वीकार किए जाएँगे।
उत्तर प्रदेश में प्याज के उत्पादन क्षेत्र में होगी बढ़ोतरी
उत्तर प्रदेश में प्याज के उत्पादन क्षेत्र में बढ़ोतरी के लिए योजना का क्रियान्वयन हो रहा है। इन जिलों में खरीफ सीजन में प्याज की खेती का क्षेत्र 2000 हेक्टेयर बढ़ाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। प्याज की खेती करने वाले किसानों को ₹12,000 प्रति हेक्टेयर की सब्सिडी देने की योजना इस वर्ष भी लागू है। यह सब्सिडी DBT के माध्यम से सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजी जाती है। “भीमा सुपर”, “एग्रीफाउंड लाइट रेड”, “एग्रीफाउंड डार्क रेड” जैसी किस्मों के बीज नैफेड, NSC, और राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान जैसी संस्थाओं से उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि 1 लाख हेक्टेयर भूमि पर प्याज की खेती कराई जाए, ताकि राज्य की सालाना आवश्यकता (लगभग 15 लाख मीट्रिक टन) पूरी हो सके।
उत्तर प्रदेश में प्याज के उत्पादन क्षेत्र की वर्तमान स्थिति
जहाँ तक कुल उत्पादन की बात है, भारत में वर्ष 2023-24 में प्याज का कुल उत्पादन लगभग 242.67 लाख टन था, जो 2024-25 में बढ़कर 288.77 लाख टन तक पहुँचने की संभावना है। यह लगभग 46 लाख टन की वृद्धि को दर्शाता है। इसका प्रभाव उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश पर पड़ सकता है, विशेष रूप से जब राज्य अपनी खपत (15 लाख मीट्रिक टन) को स्वयं पूरा करना चाहता है।