मिलिट्री मशरूम क्या हैं और जानिए इसके फायदे
मिलिट्री मशरूम औषधीय गुणों से भरपूर है। मिलिट्री मशरूम के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता और स्टैमिना भी अच्छा रहता है। इसका प्रयोग बीमारियों जैसे – डायबिटीज, कैंसर और अस्थमा आदि की दवाइयों में किया जाता है। इन सभी गुणों से भरपूर होने के कारण मिलिट्री मशरूम की बाजार मांग और भाव में वृद्धि हो गई है। मिलिट्री मशरूम से स्टैमिना में वृद्धि होती है, इसलिए जिम जाने वाले युवाओं के लिए यह काफी उपयोगी है और साथ ही मिलिट्री मशरूम के प्रयोग से कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होते हैं। यही कारण है कि इसकी बाजार मांग में वृद्धि हो रही है। आइए, मिलिट्री मशरूम की खेती से संबंधित जानकारी प्राप्त करें।
मिलिट्री मशरूम की कितनी मात्रा का करें सेवन?
मिलिट्री मशरूम की सेवन की बात करें तो मिलिट्री मशरूम की खेती करने वाले किसान विनोद यादव के अनुसार प्रत्येक दिन लगभग 1 ग्राम मिलिट्री मशरूम का सेवन करना चाहिए। मिलिट्री मशरूम प्रत्येक दिन सुबह के समय खाना चाहिए। मिलिट्री मशरूम स्वच्छ हो इसके लिए इसके सेवन से पूर्व इसे 1 कप गर्म पानी में भिगो देना चाहिए। मिलिट्री मशरूम को शहद के साथ खाना काफी फायदेमंद होता है।
हरियाणा का वह किसान जिसने घर से शुरू की मिलिट्री मशरूम की खेती
हरियाणा राज्य में रहने वाले एक किसान जिसने मिलिट्री मशरूम की खेती घर से शुरू की। हरियाणा राज्य के गुरुग्राम में जमालपुर में रहने वाले किसान विनोद यादव ने अपने घर से मिलिट्री मशरूम की खेती करना प्रारंभ की और मिलिट्री मशरूम की खेती कर लाखों का मुनाफा प्राप्त किया है। किसान विनोद यादव ने अपने घर के एक कमरे को लैब में बदलकर मिलिट्री मशरूम की खेती का कार्य प्रारंभ किया। इन कमरों का आकार 15×15 था और इसके साथ ही किसान विनोद इस काम में कुशल हो गए और वर्तमान में मिलिट्री मशरूम की खेती कर लाखों का मुनाफा प्राप्त कर रहे हैं।
मिलिट्री मशरूम की खेती की ट्रेनिंग
मिलिट्री मशरूम की खेती करने वाले हरियाणा के किसान विनोद यादव को मौसम के बदलाव के कारण एलर्जी जैसी समस्या हो गई थी। विनोद के एक दोस्त ने उन्हें मिलिट्री मशरूम का सेवन करने की सलाह दी थी। दोस्त के सलाह पर विनोद ने मशरूम का सेवन प्रारंभ किया और कुछ दिनों में सकारात्मक परिणाम देखें। इसी क्रम में किसान विनोद ने मिलिट्री मशरूम की खेती करने की इच्छा जागृत की और इसकी खेती उन्होंने अपने घर से प्रारंभ की। किसान विनोद ने अपने घर के 15×15 आकार के कमरे को लैब में बदल दिया और संसाधनों की खरीद कर मिलिट्री मशरूम की खेती प्रारंभ की। मिलिट्री मशरूम की खेती में उन्हें लगभग 1 लाख रुपए की लागत आई। इसके लिए किसान विनोद ने इंटरनेट की सहायता से मिलिट्री मशरूम की खेती की ट्रेनिंग ली और मशरूम का उत्पादन प्रारंभ किया। प्रारंभ में किसान विनोद केवल आधा किलोग्राम मशरूम का उत्पादन करते थे, किंतु धीरे-धीरे इस काम में कुशल होने के पश्चात् वर्तमान में डेढ़ से 2 किलोग्राम मशरूम का उत्पादन करते हैं। मिलिट्री मशरूम का बाजार भाव प्रति किलो लगभग 2 से 3 लाख रुपए तक है। इस प्रकार किसान मिलिट्री मशरूम की खेती कर प्रत्येक महीने लगभग 80 हजार रुपए तक आय प्राप्त करते हैं। मिलिट्री मशरूम की खासियत यह भी है कि इस मशरूम को सुखाकर 3 से 4 वर्ष तक भी रखा जा सकता है, इसलिए भी मिलिट्री मशरूम की खेती करना फायदेमंद है।
मिलिट्री मशरूम की खेती करने से पहले करें इसकी मार्केटिंग
मिलिट्री मशरूम की खेती करने वाले हरियाणा के किसान विनोद यादव के अनुसार मिलिट्री मशरूम की खेती करने से पूर्व उन्होंने उत्पाद के विक्रय का कार्य प्रारंभ कर दिया था। किसान विनोद ने गांव के जिम, अस्पताल और अखाड़े के लोगों से बात की और मिलिट्री मशरूम के गुणों के बारे में जानकारी दी। इसके पश्चात् मिलिट्री मशरूम की मांग के अनुसार इसकी खेती करना प्रारंभ की।
मिलिट्री मशरूम को कैसे उगाया जाता है?
मिलिट्री मशरूम की खेती करने वाले हरियाणा के किसान विनोद यादव के अनुसार मिलिट्री मशरूम को उगाने के लिए लेमिनार फ्लो, रोटरी शैकर और ऑटो क्ले जैसे उपकरणों की आवश्यकता होती है। उन्होंने यह उपकरण स्थानीय बाजार से खरीदे थे और लिक्विड कल्चर मीडिया को उत्तर प्रदेश से मंगवाया था। किसान विनोद के अनुसार सबसे पहले प्लास्टिक या कांच के जार, ब्राउन राइस आदि को ऑटो क्ले में एक नियत तापमान पर बैक्टीरिया से मुक्त किया जाता है और यह तापमान 122°C रखा जाता है। इसके पश्चात् आलू के पल्प को उबाल कर फिल्टर करने के पश्चात् इसमें पैक्टॉन और एस्ट्रोड जैसे पोषक तत्व को मिलाया जाता है। इसके पश्चात् ब्राउन राइस की 40 मिली लीटर मात्रा और लिक्विड कल्चर की 40 मिली लीटर मात्रा को मिलाया जाता है। इसके पश्चात् लैब में बॉक्स को 7 दिनों के लिए पूरी तरह से अंधेरे में रखा जाता है। मिलिट्री मशरूम को तैयार होने में लगभग 110 दिन का समय लगता है। इस पूरी प्रक्रिया के समय कमरे का तापमान लगभग 18°C से 22°C होना चाहिए। जब उत्पाद तैयार हो जाता है, उसके पश्चात् इसे डिहाइड्रेटर में सुखाया जाता है और सामान्य तापमान में इसे 3 से 4 वर्ष तक सुरक्षित रखा जा सकता है, इसलिए मिलिट्री मशरूम की खेती करना लाभप्रद है। किसान विनोद के अनुसार एक बोतल में लगभग 5 से 7 ग्राम सूखा मशरूम तैयार होता है।