मई माह के कृषि कार्यों के बारे में जानिए
वर्तमान में किसान भाई पारंपरिक खेती के अतिरिक्त अन्य खेती भी कर रहे हैं। किसान भाई अन्य खेती में विभिन्न प्रकार की खेती करते हैं। हमारे द्वारा प्रत्येक माह के अनुसार फसल से संबंधित खेती की जानकारी दी जाती है। इसी क्रम में प्रत्येक माह में बोई जाने वाली फसल और उनकी देखरेख से संबंधित जानकारी किसान भाइयों को होना आवश्यक है। हमारे द्वारा दी जाने वाली जानकारी किसान भाइयों के लिए फायदेमंद होगी। हमारे द्वारा प्रत्येक माह के अनुरूप मई के माह में किए जाने वाले खेती से संबंधित कार्य के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
निंबुवर्गीय फसल में सिंचाई करें
मई के महीने में निंबुवर्गीय फसल जैसे – मोसंबी, किन्नू और नींबू आदि के बागवानी में आवश्यकता अनुसार 5 से 6 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें। गर्मी के मौसम में आवश्यकता अनुसार सिंचाई करते रहें। यदि नींबू के फटने की समस्या हो तब पोटेशियम सल्फेट के 4% घोल का छिड़काव करें। फल गिरे नहीं इसके लिए NAA दवाई का छिड़काव करें।
फल वाले पौधे लगाने की तैयारी प्रारंभ करें
मई के माह में किसान भाई यदि मानसून के समय फल वाले पौधे की खेती करना चाहते हैं वह वह किसान भाई गड्ढा खोदने का कार्य मई के माह से प्रारंभ करें। यह कार्य मई माह के प्रारंभ से जून के प्रथम सप्ताह तक करें। छोटे फल वाले पौधे जैसे – मोसंबी, किन्नू, अमरूद और अनार के लिए गड्ढे का आकार लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई 60 सेंटीमीटर रखें। बड़े फल वाले पौधे जैसे – आंवला, खजूर और बिल्वपत्र के लिए गड्ढे का आकार लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई 1 मीटर रखें।
शेष फल वाले पौधों में ये कार्य करें
मई के महीने में किसान भाई इन फल वाले पौधों में यह कार्य करें जो इस प्रकार हैं –
• मई के महीने में तरबूज और खरबूजा की फसल में उपज बढ़ाने के लिए प्रति हेक्टेयर NPK की 10 से 15 किलोग्राम मात्रा का प्रयोग करें।
• मई के महीने में मिर्ची की फसल में उपज में वृद्धि के लिए प्रति हेक्टेयर NPK की 10 से 15 किग्रा मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।
• मई के महीने में कद्दू वर्गीय फसल में तैयार फलों की तुड़ाई कर बाजार में विक्रय करें।
• मई के महीने में बेलपत्र के पके हुए फलों की तुड़ाई का कार्य कर हल्की सिंचाई कर दें।
• मई के महीने में गुलाब की खेती करने वाले किसान भाई आवश्यकता अनुसार सिंचाई और निराई-गुड़ाई का कार्य करें।
• मई के महीने में बेर के वृक्षों की कटाई और छटाई का कार्य पूर्ण कर लें।
• मई के महीने में मानसून की अगेती खेती करने के लिए करेला, लौकी, खीरा और तोरई की फसलों की बुवाई हेतु खेत तैयार करें।
• मई के महीने में प्याज की पछेती खेती में खुदाई की तैयारी करें और भंडारण की व्यवस्था करें।
• मई के महीने में हल्दी और अदरक की खेती के लिए खेत तैयार करते समय प्रति हेक्टेयर गोबर की खाद की 200 से 200 क्विंटल मात्रा का प्रयोग करें।
• मई के महीने में लीची फल को फटने से बचने के लिए मिट्टी में पर्याप्त नमी होना चाहिए इसलिए सिंचाई करें। फलों में विगलन रोग से बचाव के लिए फलों के पकने से 20 से 25 दिन पूर्व प्रति लीटर पानी में काबेन्डाजिम 50% W.P. 2.0% की 2 ग्राम दवा का छिड़काव करें।
• मई के महीने में भिंडी, बैंगन और टमाटर की फसल को रोगों से बचाएं। इसके लिए टमाटर और भिंडी की फसल में फल छेदक कीट से बचाव के लिए 10 लीटर पानी में फ्लुबेनडि़माइड 20 दवा की 5 ग्राम मात्रा या 1 लीटर पानी में क्विनोल्फास 25% की 1 मिली मात्रा का छिड़काव करना चाहिए। बैंगन में तना छेदक कीट से बचाव के लिए 10 लीटर पानी में एमामेक्टिन बेंजोएट 5% ESG की 4 ग्राम मात्रा या फ्लुबेनडि़माइड 20 दवा की 5 ग्राम मात्रा का प्रयोग करें।
इन फसलों की देखरेख करें
गन्ना
गन्ना किसान बसंत ऋतु में गन्ने में आवश्यकता अनुसार 20 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें। इसके अतिरिक्त अगोला बेधक से बचाव के लिए प्रति हेक्टेयर कार्बोफ्यूरान चूर्ण की 30 किलोग्राम मात्रा का प्रयोग करके सिंचाई करें और अंत में प्रति हेक्टेयर लगभग 600 लीटर पानी में मोनोकोटोफास 40 E.C. की 1.5 लीटर मात्रा का घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए।
सूरजमुखी
मई के महीने में सूरजमुखी की खेती करने वाले किसान भाई आवश्यकता अनुसार सिंचाई और निराई-गुड़ाई अवश्य करें। यदि सूरजमुखी के पौधे पर बालदार सुंडी और हरे फुदके कीट का प्रकोप हो तब बचाव के लिए प्रति हेक्टेयर लगभग 600 लीटर पानी में फास्फेमिडान की 250 मिली मात्रा के घोल का छिड़काव करना चाहिए। इसके अतिरिक्त पौधों पर 15 से 20 सेंटीमीटर मिट्टी चढ़ाने का कार्य करें।
मूंग / उड़द / लोबिया
मई के महीने में गर्मी में बुवाई की जाने वाली मूंग, उड़द और लोबिया की फसल में आवश्यकता अनुसार 12 से 15 दिन के अंतराल पर सिंचाई करते रहना चाहिए।