खेती भारतीय अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार रही है, और लाखों किसान अपनी मेहनत से खेतों में फसल उगाकर अपने परिवार का पेट पालते हैं। लेकिन खेती के लिए तारबंदी का अभाव किसानों को नुकसान उठाने पर मजबूर करता है, खासकर आवारा पशुओं से फसलों को होने वाले खतरे के कारण। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने किसानों की मदद करने के लिए “खेत की तारबंदी” योजना शुरू की है। इस लेख में, हम खेत की तारबंदी योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे और यह कैसे किसानों को लाभ पहुंचा रही है।
सब्सिडी: खेत की तारबंदी योजना के तहत किसानों को खेत की सुरक्षा के लिए 444 करोड़ 50 लाख रुपए का अनुदान उपलब्ध है। योजना के अनुसार, लघु और सीमांत किसानों को लगत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 48,000 रुपए और अन्य किसानों को लगत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 40,000 रुपए का अनुदान प्रदान किया जाता है। समूह किसानों को तारबंदी के लिए 70 प्रतिशत तक अनुदान मिलता है।
खेती की सुरक्षा: तारबंदी योजना के लाभ से किसानों को खेती की सुरक्षा होती है, और आवारा पशुओं से फसलों को नुकसान होने की संभावना कम होती है। यह उन्हें आर्थिक रूप से सुरक्षित रखता है और उनके जीवन को सुखद बनाने में मदद करता है।सहायक योजनाएं: खेत की तारबंदी योजना के अलावा भारत सरकार ने किसानों को अन्य सहायक योजनाओं के तहत भी लाभ प्रदान किया है। इनमें से कुछ प्रमुख योजनाएं शामिल हैं – प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, कृषि ऋण मोचन योजना, फसल बीमा योजना, विवाहित युवा किसान सम्मान निधि योजना आदि।
आवेदन कैसे करें
आधार कार्ड
जनआधार कार्ड
किसान पहचान पत्र
मूल निवास प्रमाण-पत्र
जमीन की जमाबंदी की नकल (6 माह से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए)
लघु या सीमांत श्रेणी का प्रमाण-पत्र
परिवार का राशन कार्ड
मोबाइल नंबर
पासपोर्ट साइज फोटो
इन दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन पोर्टल
https://rajkisan.rajasthan.gov.in/ पर जाकर आवेदन करें या निकटतम ई-मित्र केंद्र या जनसेवा केंद्र में जाकर आवेदन करें।
खेत की तारबंदी योजना एक महत्वपूर्ण कदम है जो भारत के किसानों को खेती के क्षेत्र में सुरक्षा प्रदान करने के लिए अभियान चला रही है। इस योजना के तहत किसानों को सब्सिडी के रूप में वित्तीय मदद मिल रही है जो उन्हें उनकी खेती को सुरक्षित रखने में मदद करती है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और वे खुशहाल जीवन जीने में सक्षम होते हैं। यह योजना सरकार और किसानों के बीच एक समृद्धि और सम्मान की बांध बनती है।

