कृषि वानिकी से कैसे होगा फायदा??
वर्तमान में किसान भाइयों की खेती के प्रति रुचि की बात करें तो परंपरागत खेती के अलावा अन्य खेती पर भी ध्यान दे रहे हैं। इसी क्रम में वर्तमान में किसान भाइयों के लिए कृषि वानिकी एक मुनाफे की खेती साबित हो सकती है। अधिकांश किसान परंपरागत खेती के स्थान पर कृषि वानिकी में अपना बेहतरीन योगदान दे रहे हैं और काफी अच्छा लाभ भी प्राप्त कर रहे हैं। इन पेड़ों की खेती में महोगनी, सागवान, सफेदा, चंदन और गम्हार आदि कई ऐसे पेड़ हैं जिनकी खेती करके किसान भाई काफी अच्छा लाभ कमा सकते हैं। यह पेड़ कम देखभाल और कम लागत के साथ काफी अच्छा लाभ देते हैं, किंतु किसान भाइयों को इन पेड़ों की खेती में काफी धैर्य रखना होता है क्योंकि कृषि वानिकी में इन पेड़ों की खेती में 15 से 20 वर्ष का लंबा समय लगता है। आय का स्रोत बढ़ाने के लिए किसान भाई लाभ वाली खेती करना ज्यादा पसंद करते हैं, इसलिए देश के कई प्रदेशों में किसान पेड़ लगाकर करोड़ों की कमाई कर रहे हैं, यही नहीं युवाओं के लिए भी यह खेती बेहतरीन है। आइए, उन्नत 3 पेड़ों की खेती के बारे में जानेंगे।
क्यों करें पेड़ों की खेती??
पेड़ों की खेती क्यों करें?? किसान भाइयों के लिए सबसे बड़ा प्रश्न है। इसके लिए यह जानना भी आवश्यक है कि परंपरागत खेती से किसान भाई को अनाज मिल जाता है और इसके अतिरिक्त कुछ कमाई हो जाती है, किंतु कृषि वानिकी की खेती से लकड़ियां प्राप्त होती हैं जो कि फर्नीचर और अन्य लकड़ी से संबंधित कार्यों में आवश्यक हैं। परंपरागत खेती से किसान भाइयों को जहां अनाज और उपयोगी उत्पाद के अलावा कमाई होती थी, वहीं पेड़ों की खेती से किसान भाई करोड़ों का मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए भी अधिकांश किसानों द्वारा पेड़ों की खेती करना काफी पसंद किया जा रहा है। लकड़ियों की खेती हमारे देश के मुकाबले अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देशों में काफी आम हो गई है। हमारे देश में अच्छी गुणवत्ता की लकड़ियों की काफी मांग है और इन मांगों को देखते हुए भारत में विदेश से भी लकड़ियां आयात की जाती हैं। हमारा देश अपनी आवश्यकता के लिए विदेश से लकड़ियों का आयात करता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए पेड़ों की खेती करना किसानों के लिए लाभकारी है।
उन्नत 3 पेड़ों की खेती
किसान भाई कृषि वानिकी में कई पेड़ों की खेती करके लाभ प्राप्त कर रहे हैं। आज हम मीडिया 1 द्वारा उन्नत तीन पेड़ों की खेती के बारे में जानेंगे। यह उन्नत 3 पेड़ इस प्रकार हैं–
(1) सागवान का पेड़
सागवान का पेड़ लगाकर किसान भाई करोड़ों का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सागवान के उपयोग की बात करें तो यह फर्नीचर के अतिरिक्त जहाज, नाव, चौखट और खिड़कियों आदि के निर्माण में उपयोगी है। सागवान की लकड़ियों का उपयोग रेल के डिब्बों के निर्माण में भी किया जाता है। सागवान की लकड़ियों के अतिरिक्त सागवान के पत्तों का भी बहुत महत्व है। सागवान के पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। सागवान के पत्तों से खुजली, ब्लड बाइल्स और माइग्रेन के दर्द में सहायता मिलती है। सागवान जैसे वृक्ष की कटाई किसान भाई 15 से 20 वर्ष में कर सकते हैं। सागवान के प्रति एकड़ लगभग 500 पेड़ लगाए जा सकते हैं। सागवान के पेड़ों की कटाई 15 से 20 वर्ष बाद की जा सकती है। इसलिए 15 से 20 वर्ष बाद सागवान के वृक्ष को प्रति इकाई लगभग 25 से 30 हजार रुपए में बेचा जा सकता है। इस प्रकार एक एकड़ में ही किसान भाई सागवान की खेती करके करोड़ों का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
(2) सफेदा का पेड़
सागवान के समान सफेदा का पेड़ लगाकर भी किसान भाई काफी अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। सफेदा को यूकेलिप्टस के नाम से भी जाना जाता है। सफेदा के उपयोग की बात करें तो यह ईंधन, कागज की लुगदी और फर्नीचर आदि के निर्माण में उपयोगी है। जब डिजाइनर लकड़ियों और फर्नीचर की बात आती है तब सफेदा का उपयोग बड़े पैमाने पर होता है। सफेदा के प्रति हेक्टेयर लगभग 3000 पेड़ लगाए जा सकते हैं। सफेदा का पेड़ 5 वर्ष में पूर्ण विकसित हो जाता है, इसके पश्चात फसल की कटाई करके विक्रय किया जा सकता है। यदि उचित तरीके से खेती की जाए तब सफेदा के पेड़ से प्रति हेक्टेयर में 5 वर्ष में 70 लाख से 80 लाख रुपए तक की कमाई की जा सकती है।
(3) महोगनी का पेड़
किसान भाई कृषि वानिकी में निवेश करके करोड़ों का लाभ कमा सकते हैं। इन पेड़ों की खेती में महोगनी का पेड़ लगाकर अच्छी कमाई की जा सकती है। महोगनी के उपयोग की बात करें तो सजावटी सामान और फर्नीचर आदि के निर्माण में यह उपयोगी है। जब फर्नीचर और डिजाइनर लकड़ियों में उच्च गुणवत्ता की लकड़ियों की बात आती है तब महोगनी का उपयोग उच्च स्तर पर होता है। महोगनी की लकड़ियों के अतिरिक्त इसके पत्तियों और बीजों का भी महत्व है। महोगनी के बीजों से तेल बनाया जाता है जो कि मच्छर भगाने वाली दवाइयों और कीटनाशकों के निर्माण में उपयोगी होता है। महोगनी की लकड़ियों के साथ-साथ पत्तों और बीजों का भी अच्छा उपयोग होता है। महोगनी के बीज का बाजार भाव प्रति किलो 1000 रुपए है। महोगनी की कटाई 12 वर्ष में की जा सकती है। महोगनी के प्रति हेक्टेयर में 1100 पेड़ लगाए जा सकते हैं। इसलिए 12 वर्ष पश्चात महोगनी की कटाई से एक पेड़ से लगभग 20 से 25 हजार तक की कमाई की जा सकती है। इस प्रकार देखा जाए तो महोगनी के पेड़ से 12 से 15 वर्ष में 2 करोड़ की कमाई प्राप्त हो सकती है।