ब्रोकली की खेती क्यों करना चाहिए??
ब्रोकली गोभी के समान दिखाई देने वाली सब्जी है। ब्रोकली को हरी गोभी के नाम से भी जाना जाता है। ब्रोकली एक पौष्टिक इटालियन गोभी हैं। ब्रोकली की भारतीय बाजार में काफी मांग होती है क्योंकि ब्रोकली में कई प्रकार की पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे कैल्शियम, आयरन आदि। ब्रोकली के खाने की मांग कुछ वर्षों में काफी बढ़ी हैं। ब्रोकली स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होती है, इसी कारण इसकी बाजार मांग बहुत है। ब्रोकली के पौधे मध्य सितंबर से प्रारंभ नवंबर तक तैयार किए जा सकते हैं। ब्रोकली की नर्सरी फूलगोभी की नर्सरी के समान होती हैं। ब्रोकली का बाजार में भाव प्रति किलो लगभग ₹50 से ₹100 है। ब्रोकली के पकने की अवधि लगभग 60 से 90 दिन है। ब्रोकली की बाजार मांग को ध्यान में रखते हुए ब्रोकली की खेती मुनाफे की खेती हैं। ब्रोकली की खेती यदि व्यवसाय रूप में की जाए तो अच्छा लाभ प्राप्त किया जा सकता हैं। आइए, ब्रोकली की खेती से संबंधित जानकारी प्राप्त करें।
ब्रोकली क्या हैं??
ब्रोकली गोभी के समान दिखाई देने वाली सब्जी है। ब्रोकली को हरी गोभी के नाम से भी जाना जाता है। ब्रोकली एक पौष्टिक इटालियन गोभी हैं। ब्रोकली का उपयोग मूल रूप से सब्जी, सलाद और सूप में किया जाता हैं।
ब्रोकली 2 प्रकार की होती हैं:
(1) हेडिंग ब्रोकली
(2) स्प्राउटिंग ब्रोकली।
हेडिंग ब्रोकली फूलगोभी के समान होती हैं। हेडिंग ब्रोकली का रंग पीला, हरा या बैंगनी होता हैं। हरे रंग की हेडिंग ब्रोकली में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं इसलिए हरी हेडिंग ब्रोकली ज्यादा प्रचलन में हैं। वहीं स्प्राउटिंग ब्रोकली काफी प्रचलित हैं। स्प्राउटिंग ब्रोकली में लौह, कैल्शियम, फॉस्फोरस और विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए स्प्राउटिंग ब्रोकली का सेवन फायदेमंद होता हैं। स्प्राउटिंग ब्रोकली का रंग सफेद, हरी और बैंगनी होता हैं।
ब्रोकली से होने वाले फायदे
• ब्रोकली में कैरेटेनॉयड्स ल्यूटिन भी मौजूद होता हैं। यह तत्व दिल की धमनियों को स्वस्थ रखता हैं।
• ब्रोकली में फिटाकेमिकल भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं, जो शरीर से जहरीले तत्वों को बाहर निकालता हैं।
• ब्रोकली में फोलेट की प्रचुर मात्रा पाई जाती है जिससे डिप्रेशन कम होता है।
• गर्भवती महिलाओं को संक्रमण से बचाने और बच्चे के विकास में मदद करता है।
• विटामिन C की मात्रा ब्रोकली में अधिक होती है जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती हैं।
• ब्रोकली के सेवन से कैंसर का खतरा भी कम होता हैं।
ब्रोकली की विभिन्न किस्में
ब्रोकली की उन्नत किस्में:
- ब्रोकोली संकर-1
- पालक समृद्धि
- NS -50
- KTS-1
- TDC-6
इसके अलावा संकर किस्में:
- स्टिक
- क्लीपर
- क्राईटेरीयन
- ग्रीन सर्फ़
- ग्रीन कोमट
- टोपर
- प्रिमियम क्राप
- क्रुसेर आदि।
ब्रोकली की उन्नत खेती के लिए मिट्टी और तापमान का निर्धारण
ब्रोकली की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। अम्लीय मिट्टी से बचना चाहिए।
बीजों के अंकुरण और विकास के लिए तापमान 20°C से 25°C के बीच होना चाहिए।
ब्रोकली के बीज कहां से खरीदें??
प्रमाणिक बीजों के लिए किसान KTS-9 किस्म के बीज भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र (कटराई) और ब्रोकली-1 किस्म के बीज कुल्लू घाटी (हिमाचल प्रदेश) से प्राप्त कर सकते हैं।
ब्रोकली की बुवाई कब करें??
- नर्सरी: 15 अक्टूबर के बाद
- पर्वतीय क्षेत्र (कम ऊंचाई): सितंबर-अक्टूबर
- मध्यम ऊंचाई: अगस्त-सितंबर
- अधिक ऊंचाई: मार्च-अप्रैल
- उत्तरी मैदानी भाग: सर्दी का मौसम
ब्रोकली की नर्सरी कैसे तैयार करें??
बीज मात्रा: 400 से 500 ग्राम प्रति हेक्टेयर
बीज उपचार: कार्बेन्डाजिम 1 ग्राम या थायरम 2.5 ग्राम या ट्राइकोडर्मा 10 ग्राम प्रति किग्रा बीज
भूमि ऊंचाई: 15 सेमी
क्यारी तैयारी: प्रति वर्गमीटर सड़ी गोबर, सिंगल सुपर फास्फेट, थायरम मिलाएं
सिंचाई: फव्वारा विधि
सर्दी/बारिश में: पॉलीहाउस या पॉलीटनल का प्रयोग करें
ब्रोकली की खेती में खेत तैयार करना
2 से 3 बार गहरी जुताई करें। अंतिम जुताई में प्रति हेक्टेयर 10 से 15 टन सड़ी गोबर मिलाएं। पाटा से खेत समतल करें।
ब्रोकली की रोपाई का कार्य
नर्सरी के 4-5 सप्ताह बाद जब पौधे 10-12 सेमी हों, तब रोपण करें।
रोपण शाम को करें।
पौधों की दूरी: 40 सेमी
कतार की दूरी: 45 से 60 सेमी
गहराई: 3-4 सेमी
ब्रोकली की खेती में सिंचाई कब की जाए??
पहली सिंचाई रोपण के तुरंत बाद करें।
10 से 15 दिन के अंतराल पर हल्की सिंचाई करें।
कुल 5 से 6 सिंचाई आवश्यक होती हैं।
ब्रोकली की खेती में खरपतवार नियंत्रण
रोपण के प्रारंभ 1.5 से 2 माह तक खरपतवार निकालें। इससे पौधों का बेहतर विकास होता है।
ब्रोकली की कटाई का कार्य
कलियों के खिलने से पूर्व कटाई करें।
मुख्य सिरा: 12-15 सेमी डंठल सहित
उप सिरे: 8-10 सेमी डंठल सहित
ब्रोकली से प्राप्त उत्पादन
संकर किस्म: 120 से 180 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
साधारण किस्म: 75 से 100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
ब्रोकली की बाजार कीमत
5 स्टार होटल और पर्यटक स्थलों में अधिक मांग होती है।
सामान्य बाजार में कम मांग होती है, इसलिए विक्रय की उचित व्यवस्था पहले से करें।
कीमत: ₹30 से ₹50 प्रति किलो या अधिक भी मिल सकता है।