आम की बागवानी : आम की इस किस्म की करें खेती , होगी बंपर कमाई

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आम की खेती क्यों करें?

सभी फलों का राजा आम को कहा जाता है। आम की भारतीय मार्केट में काफी ज्यादा मांग है। बागवानी खेती को प्रोत्साहन देने के लिए इसके बारे में जानना जरूरी है। बाजार में बागवानी उत्पादों की मांग को देखते हुए बागवानी खेती से भारतीय किसानों को काफी लाभ होगा। स्वास्थ्य के हिसाब से देखा जाए तो बाजार में फलों की मांग हमेशा देखने को मिलती है। आज हम बागवानी खेती के संबंध में आम की खेती के बारे में और आम की खेती के तरीकों के बारे में बताएंगे। आम खाने के साथ ज्यूस पीने में भी काफी पसंद किया जाता है। आम से कई प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं। बाजार में आम की मांग बहुत होती है क्योंकि आम पापड़, आम से बनी कैंडी बाजार में वर्ष भर बिकती है। आम की तासीर गर्म होती है। इस कारण इसका उपयोग मिल्क शेक के रूप में किया जाता है। आम की कई किस्में हैं, जिसमें अधिकांश किस्में वर्ष में एक बार फल प्रदान करती हैं, किंतु आम की सदाबहार किस्म से वर्ष भर फल प्राप्त कर सकते हैं। यदि इस किस्म को लगाया जाए तो इससे वर्ष भर भरपूर कमाई की जा सकती है। आइए, आम की इस सदाबहार किस्म के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

आम की बागवानी : आम की विकसित ये नई किस्म

आम की बागवानी में आम की विकसित ये नई किस्म के विषय में बात करें तो हमारे देश के राजस्थान राज्य के कोटा जिले के एक किसान श्री कृष्ण सुमन ने आम की ऐसी किस्म का विकास किया है जिससे वर्ष भर फल प्राप्त किया जा सकता है, इसलिए इस किस्म को सदाबहार आम की किस्म कह सकते हैं। अन्य जानकारी के हिसाब से, श्री कृष्ण सुमन ने वर्ष 2000 में अपनी बागवानी में आम के एक ऐसे पेड़ को देखा जिसके वृद्धि की दर तेज थी और पत्तियां गहरे हरे रंग की थीं। किसान श्री कृष्ण सुमन ने देखा कि इस आम के पेड़ पर पूरे वर्ष भर बौर आते हैं, उसके पश्चात् उन्होंने आम के और 15 वर्ष का समय लगाया और इस बीच उन्होंने कलम से बने इस पौधों का संरक्षण और विकास किया है। किसान ने देखा कि कलम लगाने के पश्चात् पेड़ में दूसरे ही वर्ष से फल लगने प्रारंभ हो गए। इस प्रकार यह आम की यह किस्म विकसित हुई। इस किस्म को बारहमासी सदाबहार किस्म के नाम से जाना जाता है। आम की यह सदाबहार किस्म आम की एक बौनी किस्म है। आम की यह नई किस्म आम में लगने वाले रोग और बीमारियों से ग्रसित नहीं होती है।

आम की इस सदाबहार किस्म का विकास करने के लिए किसान श्री कृष्ण सुमन को नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (NIF) का नौवां राष्ट्रीय तृणमूल नवप्रवर्तन एवं विशिष्ट पारंपरिक ज्ञान पुरस्कार (National grassroots innovation and traditional knowledge award) दिया गया है। आम की इस नई किस्म को नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (NIF) इंडिया और कई अन्य मंचों पर भी मान्यता दी गई है। नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (NIF) भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक स्वायत्तसाशी संस्थान है।

आम की बारहमासी सदाबहार किस्म की खासियत

आम की सदाबहार किस्म से वर्ष भर फल प्राप्त कर सकते हैं। आम की इस नई बारहमासी सदाबहार किस्म की खासियत इस प्रकार हैं:

  1. आम की इस सदाबहार किस्म से प्राप्त फल स्वाद में अधिक मीठा और लंगड़ा आम जैसा होता है।
  2. आम की इस सदाबहार किस्म का पेड़ काफी घना होता है और साथ ही कुछ वर्ष तक इसे गमले में भी लगा सकते हैं।
  3. आम की यह सदाबहार किस्म आम की एक बौनी किस्म है। इस कारण इस किस्म को बगीचे में भी लगाया जा सकता है।
  4. आम की इस सदाबहार किस्म स्वाद में मीठा और गुदे का रंग गहरा नारंगी होता है। इस किस्म के गूदे में बहुत कम फाइबर होता है जो इस किस्म को अन्य किस्मों से भिन्न करता है।

आम की इस नई किस्म को पंजीकृत कराने की प्रक्रिया

आम की इस नई किस्म को नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (NIF) इंडिया और कई अन्य मंचों पर भी मान्यता दी गई है। नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (NIF) भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक स्वायत्तसाशी संस्थान है। नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (NIF) ने राष्ट्रीय बागवानी संस्थान (ICAR) और इंडियन इंस्ट्रीट्यूट ऑफ हार्टिकल्चरल रिसर्च (IIHR), बैंगलोर को इस नई किस्म का स्थल पर जाकर मूल्यांकन करने की सुविधा दी है। इसके अतिरिक्त, राजस्थान राज्य के जयपुर जिले में SKN एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, जोबनर ने इस किस्म की फील्ड टेस्टिंग भी की है। वर्तमान में आम के इस किस्म के पौधे की भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अंतर्गत राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (NVPJR), नई दिल्ली और कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम के तहत रजिस्ट्रेशन कराने की प्रक्रिया चल रही है।

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