Wheat Price: इस बार बेमौसम बारिश होने के कारण बहुत ज्यादा फसल खराब हुई लेकिन फिर भी इस साल 2023 गेहूं का उत्पादन बहुत अधिक हुआ है जिसके कारण आटे के दामों पर शायद ही कोई असर पड़ेगा। आइए जानते हैं पूरी खबर
इस साल गेहूं की कोई कमी नहीं रहेगी। यह कहना है भारतीय खाद्य निगम (FCI) के सीएमडी अशोक कुमार मीणा का। उनका कहना है कि इस साल भले ही बेमौसम की बारिश से गेहूं की फसल खराब हुई हो, लेकिन गेहूं की सरकारी खरीद में कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने बताया है कि एफसीआई अभी तक 7 लाख टन गेहूं की खरीद कर चुकी है। एफसीआई इस साल 342 लाख टन खरीद की ओर अग्रसर है।
अशोक मीणा (FCI CMD) का कहना है कि सरकार और प्राइवेट सेक्टर मिल कर काम करेगी। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि गेहूं और इसके आटे की कीमतें स्थिर रहे। सरकार के पास अभी तक जो इनपुट मिला है, वह निराशाजनक नहीं है। इस साल पिछले साल से भी ज्यादा गेहूं के उत्पादन होने का अनुमान आया है। हालांकि गेहूं की क्वालिटी में कुछ फर्क आ सकता है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय (Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution) में अतिरिक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने भी कहा है कि इस साल गेहूं की उपज बढ़ रही है। कल एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बताया कि मंत्रालय और निजी क्षेत्र दोनों के अनुमान इस बात के संकेत दे रहे हैं। इस साल मार्च-अप्रैल में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के बावजूद, इस साल गेहूं का अधिक उत्पादन होगा। गेहूं के उत्पादन में 4-5 प्रतिशत अधिक होने की उम्मीद है।
102 लाख टन से ज्यादा होगा प्रोडक्शन
‘एग्री वॉच’ द्वारा तैयार एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में भी गेहूं की उपज बढ़ने की बात कही गई है। इसके मुताबिक मार्च, 2023 के अंत में गेहूं उत्पादक राज्यों द्वारा बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के बावजूद 102.89 लाख टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है। हालांकि सर्वेक्षण के पहले चरण में 104.24 लाख टन उत्पादन का अनुमान लगाया गया था। यह बेमौसम की बारिश और ओलावृष्टि की वजह से से कम हो गया है। यह सर्वेक्षण दो चरणों में देश के 9 राज्यों (80 जिलों) बिहार, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में किया गया था।

