Today’s Wheat Price: भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां पर अधिकतर जनता खेती पर निर्भर है। भारत में देश में बड़े पैमाने पर गेहूं का उत्पादन किया जाता है। गेहूं औसतन 2000 रूपए प्रति क्विंटल बिकते हैं लेकिन आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके लिए गेहूं के भाव से संबंधित एक अच्छी खबर सामने लेकर आए हैं। सरकार द्वारा गेहूं की कीमतों में 12.01% की वृद्धि की गई है। बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए गेहूं का पर्याप्त भंडार मौजूद, केंद्र सरकार ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले कुछ सप्ताह के दौरान गेहूं के दाम में हुई बढ़ोतरी सामान्य है। पिछले वर्ष गेहूं की कीमत ‘कृत्रिम रूप से कम’ थीं।
Kisan News: गेहूं को लेकर बड़ा फैसला, गेहूं के दामों में की गई 12.01% की वृद्धि, देखे नए भाव
Kisan News: सरकार का कहना हैं कि जरूरत पड़ने पर बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए गेहूं का पर्याप्त भंडार मौजूद है। इसी के चलते सरकार द्वारा गेहूं के दामों में 12.01% की हुई वृद्धि की गई है। खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने बताया कि ‘पिछले साल दरें कम हुईं थी क्योंकि भारतीय खाद्य निगम ने खुले बाजार में 70 लाख टन गेहूं बेचा था।’ इसकी वजह से कृत्रिम दबाव बना था। इसलिए इस वर्ष गेहूं की कीमतों में वृद्धि की गई है। उन्होंने बताया कि गेहूं की बढ़ती कीमतें को लेकर अगर वर्ष 2020 की दरों से तुलना की जाए तो गेहूं की थोक कीमत में 11.42 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है यानी कि यह 27.57 रूपये प्रति किलो हैं।
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Kisan News: गेहूं की फसल के अलावा खुदरा की कीमत में भी 12.01 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। 30 अक्टूबर तक इसका आंकड़ा देखा जाएं तो इसका भाव 31.66 रूपए प्रति किलो हैं। सचिव ने कहा कि गेहूं के दाम में बढ़ोतरी असामान्य नहीं है। यह न्यूनतम समर्थन मूल्य, ईंधन और ढुलाई के दाम व अन्य खर्च में बढ़ोतरी के मुताबिक किया गया है। गेहूं के दामों में 12.01% की वृध्दि की गई है और इसको लेकर केंद्रीय पूल में गेहूं और चावल के स्टॉक के बारे में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के चेयरमैन अशोक केके मीणा का कहना है कि सरकार के पास 1 अक्टूबर तक 227 लाख टन गेहूं का स्टॉक है, जो 205 लाख टन बफर मानक से ज्यादा है।
Kisan News: इसी तरह से चावल का स्टॉक 205 लाख टन है, जो उल्लिखित अवधि में 103 लाख टन ज्यादा है। चैयरमेन का कहना है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त खाद्यान दिए जाने, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और अन्य कल्याणकारी जरूरतों पर अनाज वितरण के बाद 1 अप्रैल, 2023 को गेहूं और चावल का अनुमानित स्टॉक सामान्य बफर मानकों की तुलना में बहुत ज्यादा होगा। इससे सरकार को बाद में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होगी।
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किसान समाचार: एफसीआई के मुताबिक केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक 1 अप्रैल, 2023 को 113 लाख टन रहने की उम्मीद है, जो 75 लाख टन बफर जरूरतों से ज्यादा होगा। इस अवधि में चावल का स्टॉक 237 लाख टन अनुमानित है, जबकि बफर जरूरत 136 लाख टन है। मीणा ने कहा कि सरकार आवश्यक जिंसों की कीमत की नियामकीय निगरानी और जरूरत के मुताबिक सुधारात्मक कदम उठाने को लेकर बहुत सतर्क है।