समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के पंजीयन की 28 फरवरी आखिरी तारीख, ऐसे करें मोबाइल से रजिस्ट्री

खबर शेयर करें

Minimum support price: समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। मध्य प्रदेश के किसानों से वर्ष 2023-24 मे 80 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। सोमवार 6 फरवरी 2023 से गेहूं खरीदी के लिए किसानों का पंजीयन शुरू कर दिया गया है, इसके लिए प्रारूप निर्धारित कर दिए गए हैं।समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। मध्य प्रदेश के किसानों से वर्ष 2023-24 मे 80 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। सोमवार 6 फरवरी 2023 से गेहूं खरीदी के लिए किसानों का पंजीयन शुरू कर दिया गया है, इसके लिए प्रारूप निर्धारित कर दिए गए हैं।

समर्थन मूल्य 2023: ऐसी व्यवस्था की गई है जिससे किसानों को रजिस्ट्रेशन करवाने में कोई परेशानी न हो। किसान अपने मोबाइल से भी पंजीयन कर सकते है। सिंगरौली जिले में किसानों ने दो दिन का समय व्यतीत हो जाने के बाद भी अभी तक एक भी किसान का पंजीयन नही हुआ है।जिले में इस बार हुई बोवनी, गेहूं का अच्छा बाजार रेट और किसानों में देखने को मिल रही उदासीनता खरीदी को लेकर अच्छे संकेत नहीं हैं। अधिकारी भी इस बार गेहूं के बहुत अधिक उपार्जन की उम्मीद में नहीं हैं। रबी के सीजन में बारिश और सिंचाई की उचित व्यवस्था के मद्देनजर इस बार कृषि विभाग ने दलहन और तिलहन पर ज्यादा जोर दिया है।

विगत वर्षों की तुलना में इस बार गेहूं की बोवनी का रकबा कम हुआ है। इतना ही नहीं बाजार में गेहूं की कीमत समर्थन मूल्य से अधिक है। इन सभी स्थिति के मद्देनजर अधिकारी इस बार पिछले वर्ष की तुलना में गेहूं की कम खरीदी होने की संभावना व्यक्त कर रहे हैं।

गेहूं की खरीदी की स्थिति

2021 में 3.6 लाख क्विंटल खरीदी
2022 में 4 लाख क्विंटल खरीदी
2023 की संभावना 3.5 लाख क्विंटल

Minimum support price registration: आशीष पाण्डेय (उप संचालक कृषि विभाग ) ने कहा कि यह बात सही है कि इस बार गेहूं का रकबा कम हुआ है। सिंचाई की समस्या को देखते हुए तिलहन व दलहन की बोवनी पर अधिक जोर दिया गया है। तय है जब बोवनी का रकबा कम हुआ है तो इस बार खरीदी भी कम होने की संभावना है।वहीं पीसी चंद्रवंशी, खाद्य आपूर्ति अधिकारी सिंगरौली ने कहा कि गेहूं के उपार्जन के मद्देनजर पंजीयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वैसे तो किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही खरीदी की मात्रा के संबंध में निश्चित तौर पर कुछ कहा जा सकता है। इस बार अधिकतम साढ़े तीन लाख क्विंटल खरीदी की उम्मीद है।

ये आंकड़े कर रहे कम उपार्जन की ओर से संकेत

1- जिले में बोवनी का रकबा 9 हजार हेक्टेयर कम हो गया है।
2- बाजार में गेहूं की कीमत 2400 रुपए प्रति क्विंटल है।
3- गेहूं की समर्थन तुलना में कम 2125 रुपए प्रति क्विंटल है।
4- गेहूं की इस बार उत्पादकता भी सामान्य रहने की संभावना है।इस बार गेहूं की बोवनी 47 हजार हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले वर्ष बोवनी का रकबा 56 हजार हेक्टेयर था। पिछले वर्ष करीब 4 लाख क्विंटल गेहूं का उपार्जन किया गया है। इस बार गेहूं का अधिकतम उपार्जन साढ़े तीन लाख क्विंटल होने की संभावना है। अधिकारी इसी अनुमान के मुताबिक तैयारी कर रहे हैं।


खबर शेयर करें