प्रदेश सहित अंचल में 3 मार्च से एक्टिव बारिश, ओले और तेज आंधी का सिस्टम अब खत्म हो गया है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 12 मार्च से नया वेस्टर्न डिस्टर्बेंस एक्टिव हो गया है। जिसका असर प्रदेश सहित करैरा अंचल में 13 मार्च से शुरू हो गया है। करैरा में कल सुबह से ही बादल छाए रहे आज 14 मार्च से 18 मार्च के बीच तेज बारिश, आंधी और ओले की संभावना भी जताई गई है।
मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि 3 से 10 मार्च के बीच साउथ वेस्ट राजस्थान में प्रेरित चक्रवात बना था। इसके अलावा, उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय रहा। इस कारण एक्टिविटी हुई। साउथ कोंकण से लेकर सेंट्रल छत्तीसगढ़ तक ट्रफ लाइन गुजरने से सिस्टम और मजबूत हो गया। इसकी वजह से वेदर डिस्टर्ब हुआ। जिसके चलते करैरा अंचल सहित प्रदेशभर में ओले, बारिश और आंधी का दौर चला।
यह सिस्टम लगभग खत्म हो गया है। सोमवार से करैरा के मौसम में मामूली बदलाव हुआ है, लेकिन इसके बाद आज मंगलवार से बारिश का दौर शुरू होने की संभावना है। आज मंगलवार को भी हल्के बादल अभी छाये हुए है। अरब सागर से आने वाली हवाओं के चलते इसका असर रहेगा। बारिश के साथ ओले गिरेंगे और तेज आंधी भी चलेगी। 18 मार्च तक मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा।
फसलों को हो सकता है नुकसान
किसानों को इस सिस्टम से सबसे ज्यादा नुकसान होगा। अंचल के कई गांवों में अब गेंहू, सरसों की फसल पक गई है और कई जगह कटाई हो रही है। बारिश, ओले गिरने से ये फसल खराब हो जाएगी।
कटी फसल के दाने की चमक कम होने से भाव कम हो जाएगा और खड़ी फसल खेतों में गिरने से दाना कमजोर हो जाएगा। मार्च का ये दूसरा सप्ताह है और लगातार दूसरा बड़ा सिस्टम बन रहा है। बारिश के साथ ओले गिरने और आंधी चलने की गतिविधियां अगले 4 दिन होने की संभावना है।

