Weather 2024 : एमपी में नहीं रूकेंगी बारिश, 19 अप्रैल से फिर होंगी तूफानी बारिश, देखिए मौसम अलर्ट 

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Weather Forecast MP | मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों से आंधी बारिश एवं ओले का दौर बना हुआ है। लेकिन अभी ये थमने वाला नही है। दरअसल, मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताते हुए बताया की, मध्यप्रदेश में 3 दिन बाद यानी 18 अप्रैल को एक ओर नया वेस्टर्न डिस्टर्बेंस एक्टिव हो रहा है। जिसके चलते प्रदेश के कई इलाको में फिर आंधी बारिश होने के आसार है। फिलहाल यह नहीं बताया जा रहा है की, सिस्टम कितना स्ट्रॉन्ग होगा। तो आइए जानते है, कैसा रहेगा एमपी का मौसम..

अगले 3 दिनों तक साफ रहेगा एमपी का मौसम

मध्यप्रदेश में आज मंगलवार को मौसम के साफ रहने का अनुमान है। इससे गर्मी का असर भी बढ़ेगा। मौसम विभाग, भोपाल के वैज्ञानिक प्रमेंद्र कुमार ने बताया, ’16, 17 और 18 अप्रैल को प्रदेश में गर्मी का असर बढ़ेगा। दिन के टेम्प्रेचर में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं, रातें भी गर्म रहेंगी।

18 अप्रैल को एक्टिव होगा नया सिस्टम

मौसम विभाग Weather Forecast MP के वरिष्ठ विज्ञानियों के मुताबिक, 19 अप्रैल से फिर आंधी बारिश का दौर शुरू हो सकता है। उन्होंने कहा कि 18 अप्रैल को उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव हो रहा है। इसका असर 19 अप्रैल से देखने को मिल सकता है। एक-दो दिन में स्पष्ट होगा कि यह सिस्टम स्ट्रॉन्ग रहेगा या नहीं? अभी तक की स्थिति में प्रदेश के कुछ इलाकों में वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर रहेगा।

एमपी के विभिन्न शहरों का तापमान

Weather Forecast MP सोमवार को प्रदेश के ज्यादातर शहरों में मौसम साफ रहा। इस दौरान मौसम ने दो रंग दिखाए। जबलपुर, रतलाम, सिवनी और बैतूल में हल्की बारिश हुई तो खजुराहो, धार, सतना और रतलाम में दिन का टेम्प्रेचर 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। खजुराहो और धार में पारा सबसे ज्यादा 40.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वही, पचमढ़ी, नरसिंहपुर, सिवनी और बालाघाट के मलाजखंड में पारा 35 डिग्री से कम रहा। बाकी जिलों में गर्मी का असर देखने को मिला। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 37 डिग्री सेल्सियस, इंदौर में 39 डिग्री, ग्वालियर में 38.8 डिग्री, जबलपुर में 38 डिग्री और उज्जैन में पारा 39 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। Weather Forecast MP मंगलवार को भी गर्मी का असर रहने का अनुमान है।

अप्रैल में लगातार 9 दिन लगातार बारिश

सोमवार को भी प्रदेश के जबलपुर, बैतूल, रतलाम और सिवनी में हल्की बारिश हुई। Weather Forecast MP मौसम वैज्ञानिक कुमार ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब अप्रैल में लगातार 9 दिन तक बारिश हुई हो। पहले कभी भी अप्रैल महीने में लगातार इतने दिन बारिश नहीं हुई। लगभग सभी जिलों में अप्रैल की बारिश के रिकॉर्ड भी टूट गए। लेकिन फिर भी अभी अप्रैल का पूरा महीना बीता नही है।

इस बार अप्रैल माह में सामान्य से ज्यादा बारिश

Weather Forecast MP अप्रैल के पहले पखवाड़े में पश्चिमी विक्षोभ के कारण छाए बादलों ने न सिर्फ गर्मी से राहत दिलाई बल्कि अप्रैल में प्री मानसून बारिश का रिकॉर्ड भी बना दिया। 2 इंच दर्ज हुई प्री मानसून बारिश ने मई का भी कोटा कर दिया। अप्रैल में करीब 6.4 मिमी होती है बारिश पूरा भोपाल में अप्रैल के 13 दिन में 2 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। यह अप्रैल माह की सामान्य बारिश (6.4 मिमी) से 671% ज्यादा है। इससे मई का कोटा पूरा हो चुका है। अब जो भी प्री मानसून बारिश होगी, वह बोनस कहलाएगी। अप्रैल में 150 साल में पहली बार रिकॉर्ड तोड़ प्री मानसून बारिश हुई है। लगातार हुई बारिश से जमीन में सवा दो इंच तक नमी आ चुकी है।

अन्य राज्यों का मौसम देखे

मौसम विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, अगले 24 घंटों के दौरान, पश्चिमी हिमालय, सिक्किम के कुछ हिस्सों और अरुणाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम Weather Forecast MP बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। वहीं पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के कुछ हिस्सों में धूल भरी आंधी और छिटपुट ओलावृष्टि के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इसके अलावा विदर्भ में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश के आसार हैं। इसी तरह आंतरिक कर्नाटक, केरल, तेलंगाना के कुछ हिस्सों, छत्तीसगढ़, मराठवाड़ा, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें हो सकती है। वहीं झारखंड, ओडिशा, लक्षद्वीप और गुजरात में भी कुछ स्थानों पर हल्की बारिश की संभावना है।

देशभर में यह मौसम प्रणाली सक्रिय

मौसम पूर्वानुमान Weather Forecast MP एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ को ईरान और आसपास के क्षेत्रों में औसत समुद्र तल से 3.1 और 9.6 किमी ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में देखा जाता है। वहीं सौराष्ट्र और कच्छ तथा आसपास के इलाकों पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अलावा उपरोक्त चक्रवाती परिसंचरण से मध्य महाराष्ट्र और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक से गुजरते हुए आंतरिक कर्नाटक तक एक ट्रफ/हवा का विच्छेदन औसत समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण पश्चिम उत्तर प्रदेश के निचले स्तर पर बना हुआ है। वहीं एक अन्य चक्रवाती परिसंचरण उत्तरी उड़ीसा के ऊपर समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर है और कोमोरिन क्षेत्र पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है।

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By Harry
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नमस्ते! मेरा नाम "हरीश पाटीदार" है और मैं पाँच साल से खेती बाड़ी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी, अनुभव और ज्ञान मैं अपने लेखों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाता हूँ। मैं विशेष रूप से प्राकृतिक फसलों की उचित देखभाल, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना, और उचित उपयोगी तकनीकों पर आधारित लेख लिखने में विशेषज्ञ हूँ।
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