Tree Farming: इस पेड़ की खेती आपको बना देगी करोड़पति बाजार में है भारी मांग कुछ ही समय में हो जायेंगे मालामाल, जानिए कैसे करते हैं खेती

Rate this post

Tree Farming: इस पेड़ की खेती आपको बना देगी करोड़पति बाजार में है भारी मांग कुछ ही समय में हो जायेंगे मालामाल, जानिए कैसे करते हैं खेती सागवान की बुवाई के लिए मॉनसून से पहले का समय सबसे अनुकूल माना जाता है। शुरुआती वर्षों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। यह भारत सबसे मूल्यवान और ऊंची कीमत वाली टिम्बर की फसल है। यह सबसे महत्तवपूर्ण दृढ़ लकड़ी है और इसका प्रयोग फर्नीचर, प्लाइवुड, कंस्ट्रक्शन के लिए प्रयोग किये जाने वाले बढ़े खम्भे और जहाज निर्माण के लिए किया जाता है। ये लकड़ी बहुत ही मूल्यवान होती है यदि अपने इस पेड़ की खेती कर ली तो कुछ ही समय में आप करोड़पति भी बन सकते हैं।

उन्नत किस्में देती है भरपूर पैदावार

सागवान की कई उन्नत किस्में मौजूद है, जिन्हे ऊगा कर अच्छी कमाई भी जा रही है। पैदावार के मामले में यह सभी किस्में सामान्य होती है, इन्हें अलग-अलग जलवायु के हिसाब से उगाया जाता है । सागवान की कुछ प्रमुख किस्में :- दक्षिणी और मध्य अमेरिका सागवान, पश्चिमी अफ्रीकी सागवान, अदिलाबाद सागवान, नीलांबर ( मालाबार ) सागवान, गोदावरी सागवान और कोन्नी सागवान इस प्रकार है। इन किस्मों से उत्पादन को बेहद अच्छा बनाया जा सकता है जिससे बाजार में इसकी कीमत काफी अच्छी मिलती है। और इसका मुनाफा दोगुना हो जाता है।

जानिए खेती कैसे करें

मिट्टी के भुरभुरा बनाने के लिए खेत की 2-3 बार जोताई करें। मिट्टी को समतल करें ताकि खेत में पानी खड़ा ना हो सके। नए पौधों की रोपाई के लिए 45x45x45 सैं. मी. के फासले पर गड्ढे खोदे। प्रत्येक गड्ढे में गली हुई रूड़ी की खाद के साथ कीटनाशी डालें। इसके लिए मिट्टी का pH 6.5 या इससे ज्यादा होना चाहिए। रोपाई के लिए 2×2 या 2.5×2.5 या 3×3 मीटर का फासला रखा जाता है। एक एकड़ में रोपाई के लिए लगभग 1500-1800 clones का प्रयोग करें। एक 14 वर्ष का सागवान का वृक्ष 10-15 घन फीट की लकड़ी प्रदान करता है। और आप इसकी कटाई कर इसे बाजार में बेच कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। ये लकड़ी काफी महंगे दामों में बाजार में उपलब्ध होती है।

बिजाई से पहले करें बीजों का उपचार

सागवान वृक्ष के फल का छिल्का मोटा और सख्त होता है, इसलिए नर्सरी में बिजाई से पहले सागवान के बीजो की अंकुरन प्रतिशतता बढ़ाने के लिए बीजों का पूर्व उपचार किया जाता है। फलों को भिगोने और सुखाने के लिए पूर्व उपचार का पारंपरिक ढंग प्रयोग किया जाता है। इस विधि में बीजों को 12 घंटे के लिए पानी में भिगोया जाता है और फिर 12 घंटे के लिए धूप में सुखाया जाता है। यह प्रक्रिया 10-14 दिनों तक बार बार दोहराई जाती है। इससे बीजों की उत्पादन क्षमता काफी अच्छी हो जाती है जिससे उत्पादन अच्छा प्राप्त होता है।

  social whatsapp circle 512
WhatsApp Group
Join Now
2503px Google News icon.svg
Google News 
Join Now
Spread the love