सुपारी की खेती : 70 साल तक मुनाफा ,जानें किसानों के लिए कितनी फायदेमंद.

3 Min Read
खबर शेयर करें

सुपारी की खेती (betel nut farming in hindi): विश्व में सुपारी (Betel) उत्पादन में भारत का प्रथम स्थान है। आंकड़ों के मुताबिक पूरी दुनिया में लगभग 925 हजार हेक्टेयर में सुपारी की खेती (supari ki kheti) होती है, जिसमें 50 प्रतिशत उत्पादन अकेले भारत में होता है। 

आपको बता दें, सुपारी (Betel) के पेड़ नारियल की तरह 50 से 60 फीट तक ऊंचे होते हैं, जो लगभग 5-6 सालों में फल देना शुरू कर देते हैं। सुपारी का इस्तेमाल पान, गुटखा मसाला के रूप में किया जाता है। इसके साथ ही हिंदू मान्यताओं के अनुसार सुपारी का इस्तेमाल धार्मिक कार्यों में भी किया जाता है। 

सुपारी (Betel) में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो कई बीमारियों की रोकथाम एवं इलाज में मददगार सिद्ध होते हैं। मांग अधिक होने के कारण एवं अपने गुणों के कारण सुपारी की खेती (supari ki kheti) किसानों के लिए काफी फायदेमंद है। 

सुपारी की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी

भारत में सुपारी की खेती समुद्र तटीय इलाकों में की जाती है। भारत में असम, पश्चिम बंगाल, केरल और कर्नाटक में खूब होती है। इसकी खेती के लिए गर्म जलवायु काफी उपयुक्त होती है। इसके लिए 25 से 35 डिग्री सेंटीग्रेड का तापमान काफी अच्छा माना जाता है। 

सुपारी की खेती (supari ki kheti) कई प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। लेकिन जैविक पदार्थों से भरपूर लाल मिट्टी, चिकनी दोमट मिट्टी सुपारी की खेती के लिए फायदेमंद होता है। मिट्टी का पी.एच. मान 7 से 8 के बीच होना चाहिए।

सुपारी की खेती के लिए उपयुक्त समय

  • गर्मियों में पौधों को मई से जुलाई के मध्य लगा देना चाहिए।
  • सर्दियों में बुवाई का उचित समय सितंबर से अक्टूबर का होता है।

खेत की तैयारी

  • खेत की सफाई कर खेत की अच्छी तरह से जुताई करें।
  • इसके बाद खेत में पानी लगाकर सूखने के लिए छोड़ दें।
  • पानी सूखने पर रोटावेटर के द्वारा खेत की अच्छी तरह जुताई करें।
  • पाटा लगा कर खेत को समतल करें।
  • पौधों की रोपाई के लिए 90 सेंटीमीटर लंबाई, 90 सेंटीमीटर चौड़ाई और 90 सेंटीमीटर गहराई के गड्ढे तैयार करें।
  • गड्ढों की आपस में दूरी 2.5 से 3 मीटर तक रखें।

ये तो थी, सुपारी की खेती (supari ki kheti in hindi) की बात। यदि आप इसी तरह कृषि, मशीनीकरण, सरकारी योजना, बिजनेस आइडिया और ग्रामीण विकास की जानकारी चाहते हैं तो इस वेबसाइट की अन्य लेख जरूर पढ़ें और दूसरों को भी पढ़ने के लिए शेयर करें। 


खबर शेयर करें
Share This Article
Follow:
नमस्ते! मैं कपिल पाटीदार हूँ। सात साल से मैंने खेती बाड़ी के क्षेत्र में अपनी मेहनत और अनुभव से जगह बनाई है। मेरे लेखों के माध्यम से, मैं खेती से जुड़ी नवीनतम तकनीकों, विशेषज्ञ नुस्खों, और अनुभवों को साझा करता हूँ। मेरा लक्ष्य है किसान समुदाय को सही दिशा में ले जाना और उन्हें बेहतर उत्पादकता के रास्ते सिखाना।
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *