Soyabin Report: सोयाबीन के भाव को लेकर सबसे सटीक रिपोर्ट, सोयाबीन किसान जरूर देखें

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Soyabean report today: तिलहन की फसलों में सोयाबीन की फसल को मुख्य फसल माना जाता है। विदेशों में लगातार तिलहन की फसलों की मांग बढ़ने के साथ-साथ सोयाबीन और सरसों के भाव लगातार बढ़ते नजर आ रहे हैं। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में अमेरिकी सोयाबीन, सोया तेल और सोया मिल में सुधार होने के बाद घरेलू बाजार में भी सोयाबीन की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है। सोयाबीन की कीमतों में गिरावट के बाद एक बार फिर बाजार में सोयाबीन के भाव सुधरते हुए दिखाई दे रहे हैं। आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से सोयाबीन की कीमतों को लेकर रिपोर्ट की जानकारी देंगे।

सोयाबीन रिपोर्ट: वर्तमान में घरेलू बाजार में सोयाबीन के भाव 5600 रूपए प्रति क्विंटल तक चल रहें हैं। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार देश में सोयाबीन की बुवाई पिछले वर्ष के मुकाबले 25 लाख टन अधिक हुई है। पिछले वर्ष देश में सोयाबीन का कुल उत्पादन 120.72 लाख टन हुआ था वहीं इस बार देश में सोयाबीन का उत्पादन 145.55 लाख टन पर पहुंच गया है। इस बार सोयाबीन का उत्पादन अधिक होने की वजह से सोयाबीन के भाव पर दबाव बन रहा है। SOPA के अनुसार बीते 1 दिसंबर 2022 को अभी भी करीब 111.7 लाख टन सोयाबीन भी किसानों और कारोबारियों के पास स्टॉक के रूप में मौजूद है।

Soyabean Rate Report Today: देश और विदेश में सोयाबीन की मांग कम होने की वजह से भाव में बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है। देश में सोयाबीन का उत्पादन अधिक होने के साथ-साथ चीन में कोरोना से लोक डाउन होने का डर बना हुआ है जिसके कारण सोयाबीन की मांग में कमी देखी गई है। हालांकि इस बार सोयाबीन के निर्यात में हल्का सुधार देखने को मिला है लेकिन भाव में गिरावट होने से किसान सोयाबीन नहीं बेच रहे हैं। मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के सोया प्लांटो पर तेल का भाव पिछले कई दिनों से स्थिर बना हुआ है। सभी सोयाबीन प्लांटों पर अधिकतम भाव 5800 रूपए तक ही देखने को मिल रहा है। मलेशिया में भी पाम तेल की कीमतों में तेजी देखी गई है जो सोयाबीन के लिए अच्छी मानी गई है।

अंतरराष्ट्रीय सोयाबीन रेट रिपोर्ट: आंकड़ों के मुताबिक देखा जाए तो सोयाबीन के भाव बढ़ने की संभावना नहीं है, लेकिन भाव में गिरावट होने की संभावना भी ना के बराबर है। सोयाबीन का अधिक उत्पादन और उम्मीद के अनुसार सोया मिलो का निर्यात कम होने से कीमतों पर दबाव बनता नजर आ रहा है। हालांकि आने वाले समय में ऐसी स्थिति नहीं नजर आ रही है क्योंकि देश में त्योहारों पर तेल की अधिक आवश्यकता होती है और आने वाले 3 महीनों में भारत में क्रिसमस, होली और मकर संक्रांति के अलावा अन्य छोटे त्योहार भी आ रहे हैं। इन कारणों से सोयाबीन में मंदी की संभावना बिल्कुल नजर नहीं आ रही है। सोयाबीन में निचले भाव पर मजबूती देखी गई है लेकिन फिलहाल सोयाबीन के भाव बढ़ने की कोई संभावना नहीं देखी गई है। बाकी व्यापार आप अपने विवेक से करें।


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नमस्ते! मैं कपिल पाटीदार हूँ। सात साल से मैंने खेती बाड़ी के क्षेत्र में अपनी मेहनत और अनुभव से जगह बनाई है। मेरे लेखों के माध्यम से, मैं खेती से जुड़ी नवीनतम तकनीकों, विशेषज्ञ नुस्खों, और अनुभवों को साझा करता हूँ। मेरा लक्ष्य है किसान समुदाय को सही दिशा में ले जाना और उन्हें बेहतर उत्पादकता के रास्ते सिखाना।
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