सोयाबीन की कीमतों में इस हफ्ते उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। देश की सबसे बड़ी सोयाबीन उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में भाव में बदलाव दर्ज किया गया है। किसानों और व्यापारियों के लिए यह जरूरी है कि वे मंडी के ताज़ा भाव पर नजर रखें, क्योंकि इसका सीधा असर उनकी कमाई और फसल बिक्री पर पड़ता है।
इस हफ्ते सोयाबीन के बाजार में हलचल
इस हफ्ते सोयाबीन के दाम में हलचल देखने को मिली है। शुरुआत में जहां दाम में तेजी का रुख था, वहीं सप्ताह के मध्य तक कीमतों में गिरावट देखी गई। इसका कारण घरेलू बाजार के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल और तिलहन की मांग में बदलाव माना जा रहा है। सोयाबीन की कीमतों पर मौसम का भी गहरा असर पड़ता है। बारिश या खराब मौसम के चलते मंडियों में आवक प्रभावित होती है, जिससे भाव में उतार-चढ़ाव आता है।
मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में ताज़ा भाव
मध्य प्रदेश देश में सोयाबीन उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र है। यहां की मंडियों के भाव पूरे देश के बाजारों को प्रभावित करते हैं। इस हफ्ते मंडियों में सोयाबीन के दाम कुछ इस तरह रहे।
| मंडी का नाम | न्यूनतम भाव (₹/क्विंटल) | अधिकतम भाव (₹/क्विंटल) | औसत भाव (₹/क्विंटल) |
|---|---|---|---|
| इंदौर मंडी | 4100 | 4700 | 4400 |
| उज्जैन मंडी | 4000 | 4650 | 4350 |
| मंदसौर मंडी | 4080 | 4600 | 4390 |
| रतलाम मंडी | 4100 | 4680 | 4400 |
| देवास मंडी | 4030 | 4640 | 4300 |
इन रेट्स से साफ है कि इस हफ्ते सोयाबीन की कीमतें औसतन 4800 से 5100 रुपये प्रति क्विंटल के बीच बनी हुई हैं।
दामों में उतार-चढ़ाव के कारण
सोयाबीन की कीमतें कई कारणों से प्रभावित होती हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन ऑयल की मांग में बदलाव, घरेलू स्टॉक की स्थिति, मौसम, और सरकारी नीतियां भाव पर असर डालती हैं। इस हफ्ते कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण निर्यात मांग में कमी और मंडियों में बढ़ी हुई आवक को माना जा रहा है। वहीं, अगर आने वाले दिनों में बारिश होती है या मौसम खराब रहता है, तो दाम फिर से बढ़ सकते हैं।
किसानों को सलाह
किसानों को सलाह दी जाती है कि वे फसल बेचने से पहले मंडियों के ताजा भाव जरूर देखें। अगर भाव कम हों तो थोड़ी मात्रा को स्टोर कर लें और बाकी की बिक्री उच्च भाव पर करें। साथ ही, मंडी में बिक्री करते समय उचित तोल और रसीद लेना न भूलें।





