Sarso Rates: वैश्र्विक आर्थिक मंदी की आंशका के चलते सरसों व खाद्य तेलों में गिरावट जारी, देखिए रिपोर्ट

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Mustard Price: वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका से आयातित खाद्य तेलों के दाम लगातार कमजोर होने से घरेलू बाजार में गुरुवार को लगातार चौथे कार्यदिवस में सरसों की कीमतों में मंदा आया। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 25 रुपये कमजोर होकर भाव 5,525 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें मंगलवार को 6-6 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमशः 1073 रुपये और 1063 रुपये प्रति 10 किलो रह गई। इस दौरान सरसों खल की कीमतें 10 रुपये बढ़कर 2410 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गई।

वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका

विश्व स्तर पर आर्थिक मंदी की चिंता के बीच खाद्य तेलों के दाम कमजोर होने के कारण मलेशियाई क्रूड पाम तेल (सीपीओ) मंगलवार को लगातार तीसरे सत्र में कमजोर होकर लगभग एक महीने में सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ।जानकारों के अनुसार अमेरिका में कुछ बैंकों के डिफॉल्ट करने से मंदी की भावना बढ़ गई है, जिस कारण विश्व बाजार में खाद्य तेलों कीमतों पर दबाव है। रूस की टीएएसएस राज्य समाचार एजेंसी ने मंगलवार को बताया था कि यूक्रेन के काला सागर बंदरगाहों से अनाजों के सुरक्षित निर्यात की अनुमति 18 मार्च को समाप्त होने के बाद, इसका स्वत विस्तार हो जायेगा।

व्यापारियों के अनुसार उत्पादक मंडियों में सरसों की दैनिक आवक लगातार बढ़ रही है, तथा उद्योग ने चालू सीजन में सरसों के उत्पादन का अनुमान पिछले साल की तुलना में 22 फीसदी से ज्यादा होने का जारी किया है। अत: सरसों की बढ़ती आवकों को देखते हुए तेल मिलें जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रही हैं। वैसे भी सरसों तेल के दाम लगातार कमजोर हो रहे हैं।

विदेशी बाजार टूटे

बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, बीएमडी पर मई डिलीवरी के पाम तेल वायदा अनुबंध में 68 रिंगिट यानी 1.51 फीसदी की गिरावट आकर भाव 3,982 रिंगिट प्रति टन रह गया। इस दौरान डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 2.2 फीसदी गिर गया, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 2.05 फीसदी टूट गया। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में सोया तेल की कीमतें 0.1 फीसदी बढ़ी।

देश में सरसों की दैनिक आवक

देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक मंगलवार को बढ़कर 13.50 लाख बोरियों की हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में इसकी आवक 13 लाख बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 6.75 लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 1.80 लाख बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 1.60 लाख बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 45 हजार बोरी तथा गुजरात में 90 हजार बोरी, तथा अन्य राज्यों की मंडियों में दो लाख बोरियों की आवक हुई।

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