मशरूम की खेती: आप भी अगर कम समय में अमीर बनना चाहते हैं तो आज हम आपको एक ऐसे खेती के बारे में बताने वाले हैं जिसमें आप पैसे तो बहुत कम खर्च करेंगे लेकिन कम समय में आप बहुत ही ज्यादा अमीर बन जाएंगे। जी हां सही सुना आपने आज हम आपको मशरूम की खेती के बारे में बताने वाले हैं। आज के समय में मशरूम की मांग बढ़ती ही जा रही है और इसकी सबसे बड़ी वजह है कि मशरूम इंसान के लिए काफी फायदेमंद होता है और इससे कई तरह के विशेष फायदे इंसान के शरीर को होते हैं।
मसरूम की मांग सिर्फ भारत में ही नहीं है बल्कि आप मशरूम की खेती करके विदेशों में भी इसका सप्लाई कर सकते हैं, और इसका कीमत कोई ₹3400 नहीं होता है बल्कि ₹38000 किलो के हिसाब से बिकता है।
कीमत सुनकर रह जाएंगे हैरान
गुच्छी मशरूम की कीमत के बारे में सुनकर आप एकदम हैरान रह जाएंगे। यह मशरूम एक या दो हजार नहीं बल्कि तकरीबन 30कई बीमारियों में फायदेमंद। इस मशरूम में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं। फिलहाल जगंलों की लगातार कटाई की कम मात्रा में पाई जाने लगी है। इसमें बी कॉम्प्लेक्स विटामिन, विटामिन डी और कुछ जरूरी एमीनो एसिड होते हैं। यह दिल की बीमारी के साथ-साथ खिलाफ काफी फायदेमंद मानी जाती है।हजार रुपये प्रतिकिलो तक बाजार में बिकती है। चंबा, कुल्लू, शिमला, मनाली समेत हिमाचल प्रदेश के कई जिलों के जंगलों में कुदरती रूप से उगने वाली इस सब्जी की काफी डिमांड है। हालांकि, जगलों में इसे खोजने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।
गुच्छी मशरूम का वैज्ञानिक नाम मार्कुला एस्क्यूपलेंटा है. भारत में इसकी डिमांड तो काफी ज्यादा है। साथ ही अमेरिका, यूरोप, फ्रांस, इटली और स्विटजरलैंड में भी इस मशरूम की काफी मांग रहती है। इसका सीजन जनवरी से मध्य अप्रैल तक होता है। इसे अच्छे से सुखाने के बाद फिर मार्केट में उतारा जाता है।यहां यह सब्जी 20 से 30 हजार रुपये प्रति किलो तक बिकती है। हिमाचल के स्थानीय लोग इस सब्जी की खोज में कई दिनों तक जंगलों में भटकते दिखते हैं। इस दौरान उन्हें कई तरह के खतरों का भी सामना करना पड़ता है। बारिश और बर्फबारी के कारण ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कई बार वह बुरी तरह फंस जाते हैं। इस दौरान उनके जान पर बन आती है।

