पीएम कुसुम योजना में सोलर पंप लगाने के लिए पैसे दे रही सरकार, देखें आवेदन का तरीका

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प्रधानमंत्री कुसुम योजना सौर पंप और ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है। इस योजना का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करना है। हाल ही में इस स्कीम में कुछ अपडेट्स आए हैं जो गौर करने लायक हैं।

योजना का प्राथमिक लक्ष्य किसानों को सौर ऊर्जा का उपयोग करके बिजली पैदा करने और उनके बिजली के बिलों को बचाने में मदद करना है। योजना के नए अपडेट ने मौजूदा ग्रिड से जुड़े पंपों के सोलराइजेशन को शामिल करने के लिए इसके दायरे का विस्तार किया है। किसान अब अपने मौजूदा पंपों को सोलराइज करने के लिए 50% सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। इस कदम से किसानों को अपने बिजली बिलों में कटौती करने और बिजली वितरण कंपनियों पर बोझ कम करने में मदद मिलने की उम्मीद है।

योजना ने सोलर पंप लगाने के लिए सब्सिडी भी बढ़ा दी है। पहले किसान सोलर पंप लगाने के लिए 30 फीसदी सब्सिडी के पात्र थे। अब, सब्सिडी को बढ़ाकर 50% कर दिया गया है, जिससे किसानों के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाना आसान हो गया है। सब्सिडी में इस वृद्धि से किसानों के बीच सौर पंपों को अपनाने और कृषि क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

सरकार ने सोलर पंप लगाने की समय सीमा भी बढ़ा दी है। इससे पहले, समय सीमा मार्च 2022 निर्धारित की गई थी। हालांकि, महामारी से संबंधित व्यवधानों के कारण, सरकार ने समय सीमा को मार्च 2023 तक बढ़ा दिया है। इस कदम से उन किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है जो सोलर पंपों की स्थापना को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे थे। महामारी से संबंधित प्रतिबंधों के लिए।

इस योजना का एक अन्य महत्वपूर्ण अद्यतन सौर पंप स्थापित करने के लिए किसानों को ब्याज मुक्त ऋण का प्रावधान है। इस प्रावधान के तहत किसान सोलर पंप लगाने के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण प्राप्त कर सकते हैं। इस कदम से उन किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है जो सोलर पंप लगाने के लिए धन की व्यवस्था करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

अंत में, प्रधान मंत्री कुसुम योजना के हालिया अपडेट से भारत में किसानों को महत्वपूर्ण राहत मिलने की उम्मीद है। योजना के विस्तारित दायरे, बढ़ी हुई सब्सिडी, विस्तारित समय सीमा और ब्याज मुक्त ऋण के प्रावधान से कृषि क्षेत्र में अक्षय ऊर्जा को अपनाने को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। अक्षय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों से जीवाश्म ईंधन पर देश की निर्भरता कम होने और हरित भविष्य में योगदान की उम्मीद है।

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