PM Fasal Bima Yojana: फसल बीमा कराने की अंतिम तिथि आ रही करीब, जल्द करा लें बीमा

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PM Fasal Bima Yojana: बीमा किसी भी बीमित व्यक्ति को जहां निश्चिंत कर देता है वहीं किसी अनहोनी के होने पर उस व्यक्ति के परिवार को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है। परिवार को अपनी जरूरतों के लिए किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ता है। इंसानों की तरह फसलों के लिए भी बीमा अब बेहद जरूरी हो गया है। इसकी वजह यह है कि मौसम का कोई भरोसा नहीं है। मौसम कब कैसा रुख अपना लें और अच्छी खासी फसल को तबाह कर दें, इसका कोई ठिकाना नहीं। यही कारण है कि ऐसी आपदा-विपदा से किसानों को सुरक्षित रखने और उन्हें आर्थिक नुकसान से बचाने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) शुरू की गई है

केंद्र सरकार के कृषि विभाग के आंकड़े बताते हैं कि देश में फसल बीमा (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) का कवरेज पाने वाले किसानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हर साल किसानों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है। यह साफ तौर से इस बात का सूचक है कि किसान भी अब जागरूक हो रहे हैं। अच्छी फसल का उत्पादन लेने वे भरपूर मेहनत तो करते ही हैं। लेकिन, यदि मौसम ने साथ नहीं दिया और फसल बर्बाद भी हो गई तो उन्हें पहले की तरह परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। बीमा उनके नुकसान की भरपूर भरपाई कर देता है।

इस साल भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) के अंतर्गत मौसम रबी 2022-23 की फसलों का बीमा (Rabi Season 2022-23) करना शुरू हो चुका है। बीमा कराने की आखरी तारीख करीब आती जा रही है। ऋणी व अऋणी कृषक संबंधित वित्तीय संस्थाओं (व्यवसायिक/ग्रामीण/सहकारी बैंक) व कॉमन सर्विस सेंटर के द्वारा अधिसूचित फसलों का बीमा करा सकते हैं। इस साल 31 दिसंबर 2022 तक अपनी फसल का बीमा किसान करवा सकते हैं। यह बीमा करवा कर वे इस योजना में सम्मिलित हो सकते हैं। बीमा करने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही बड़ी संख्या में किसान बैंकों और सेंटर पर पहुंचकर बीमा करवा रहे हैं और फसल को लेकर निश्चिंत हो रहे हैं।

प्रति हेक्टेयर प्रीमियम दरें (PM Fasal Bima Yojana Premium)

बीमा कंपनी द्वारा हर फसल के लिए और सिंचित या असिंचित क्षेत्र के लिए प्रीमियम राशि अलग-अलग तय की जाती है। इस साल गेहूं सिंचित के लिए 600 रुपए, गेहूं असिंचित 375 रुपए, चना 480 रुपए, राई-सरसों 459 रुपए, अलसी 345 रुपए, मसूर 405 रुपए निर्धारित की गई है। इस दर के हिसाब से किसान के पास जितना खेत है, उतनी राशि अदा करके आसानी से फसलों का बीमा कराया जा सकता है।

इन परिस्थितियों में मिलता है लाभ

उप संचालक कृषि केपी भगत ने बताया कि बोई गई फसलों की प्रतिकूल मौसम, प्राकृतिक आपदाओं से क्षति की स्थिति में बीमित फसल के नुकसान होने पर और किसानों की आय जोखिम को कम करने के लिए सरकार द्वारा किसान हितैषी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना संचालित की जा रही है, जिसमें अधिक से अधिक किसान जुडक़र लाभ लें

SOURCE BY – BETULUPDATE


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नमस्ते! मैं कपिल पाटीदार हूँ। सात साल से मैंने खेती बाड़ी के क्षेत्र में अपनी मेहनत और अनुभव से जगह बनाई है। मेरे लेखों के माध्यम से, मैं खेती से जुड़ी नवीनतम तकनीकों, विशेषज्ञ नुस्खों, और अनुभवों को साझा करता हूँ। मेरा लक्ष्य है किसान समुदाय को सही दिशा में ले जाना और उन्हें बेहतर उत्पादकता के रास्ते सिखाना।
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