किसानो के लिए खुश खबर 23 लाख रुपये तक की सब्सिडी, यह है आवेदन करने का तरीका

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Subsidy on poly house and shade net house: पॉली हाउस / शेडनेट हाउस का उपयोग बे-मौसम फल और सब्जियों को उगाने के लिए किया जाता है. कम क्षेत्र में उत्पादन के लिए ये दोनों तकनीक बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं.

Subsidy on poly house and shade net house: देश की आबादी बढ़ने के साथ-साथ खेती-किसानी सबंधित जमीनों में भी लगातार कमी आ रही है. ऐसे में किसान अब खेती-किसानी में नए-नए विकल्पों की तरफ रुख कर रहे हैं. इसी कड़ी में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत केंद्र एवं राज्य सरकारें किसानों को सरंक्षित खेती करने के लिए अनुदान मुहैया करा रहे हैं.

किसानों के बीच इन दिनों शेडनेट हाउस और ग्रीनहाउस / पॉलीहाउस के तहत खेती करने का चलन बढ़ रहा है. हालांकि, भारत में अभी भी इस तकनीक के तहत खेती करने वाले किसानों की संख्या बेहद कम है. पॉली हाउस / शेडनेट हाउस का उपयोग बे-मौसम फल और सब्जियों को उगाने के लिए किया जाता है. कम क्षेत्र में अधिक उत्पादन के लिए ये दोनों तकनीक बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं.

पॉलीहाउस में उसके अंदर का वातावरण वातावरण को फसलों के अनुकूल कर मौसम में विभिन्न प्रकार की सब्जियों का उत्पादन किया जाता है. इसमें फसलों पर बाहरी वातावरण का प्रभाव नहीं पड़ता है. इसके इतर शेडनेट हाउस में खेती करने के लिए उस फसल का चुनाव किया जाता है, जिसे कम सूर्य की रोशनी की ज़रूरत होती है, साथ ही उन फसलों की खेती की जाती है, जो अधिक तापमान पर नहीं हो पाती हैं. पॉलीहाउस पूरी तरह पॉलीथिन सीट से कवर होता है जबकि शेडनेट हाउस मच्छरदानी की तरह जालीदार होता है .

इन स्थितियों पर मिलेगा अनुदान

प्रत्येक लाभार्थी को अधिकतम 4000 वर्गमीटर तक अनुदान देय होगा.

ग्रीनहाउस / शेडनेट हाउस का निर्माण अनुबंधित

फर्म से ही करवाना होगा > ग्रीनहाउस / शेडनेट हाउस पर बैंक से कर्ज लेने की

बाध्यता नही रहेगी

किसानों को बैंक ऋण की आवश्यकता होने पर सहायक निदेशक / उपनिदेशक उधान के स्तर से एल ओ आई (LOI) जारी की जायेगी. > बैंक द्वारा ग्रीनहाउस निर्माण लागत में से किसानों के हिस्सा की सीमा तक ऋण दिया जाएगा.

कैसे करें आवेदन

ग्रीन / शेडनेट हाउस निर्माण के लिए अनुदान प्रार्थना पत्र के साथ भू-स्वामित्व दस्तावेज (जमाबन्दी), लघु- सीमांत प्रमाणपत्र, मिट्टी पानी की जांच रिपोर्ट एवं अनुबंधित फर्म का कोटेशन लेकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इस आधार पर कार्यालय द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति दी जाएगी. जिला कार्यलय में संबंधित कृषक द्वारा कृषक हिस्सा राशि जमा करवाने के बाद संबंधित फर्म को जिला कार्यालय द्वारा सूचित किया जाएगा. सूचित करने के 10 दिवस में निर्माणकर्ता फर्म द्वारा कार्य आदेश जारी होने से पूर्व कार्य की लागत राशि की नियमानुसार परफार्मेंस गारंटी संबंधित जिला कार्यालय में जमा कराया जाना आवश्यक होगा.

इतना मिलता है अनुदान

किसान द्वारा ग्रीन / शेडनेट हाउस निर्माण का हिस्सा राशि संबन्धित जिला हॉर्टिकल्चर डवलपमेंट सोसाइटी को जमा करवाई जाएगी. निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत कृषक द्वारा कार्यलय को दी गई सूचना के 7 दिवस के अंदर भौतिक सत्यापन किया जाएगा. ग्रीन / शेडनेट हाउस पर किसान का नाम, स्थापित वर्ष, कुल क्षेत्रफल, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत अनुदानित लिखवाना होगा. कृषकों को इकाई लागत का 50% अनुदान देय है. लेकिन लघु, सीमांत, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति कृषकों को 20% अनुदान राज्य योजना मद से देय है. यानी कि इन किसानों को 70 प्रतिशत अनुदान मिलेगा. अलग अलग राज्यो में अनुदान अलग अलग हो सकता है

बता दें कि 4000 वर्ग मीटर का पॉलीहाउस बनाने में 844 रुपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब 33 लाख 76 हजार रुपये का खर्च आएगा. इसपर किसानों को 70 प्रतिशत सब्सिडी मिलने के बाद किसानों को सरकार से अनुदान के तौर पर 23 लाख रुपये की राशि दी जाएगी. वहीं शेडनेट हाउस की संरचना पर तकरीबन 28 लाख रुपये का खर्चा आएगा, जिसमें से 19 लाख रुपये का वहन सरकार के द्वारा किया जाएगा. अधिक एवं संपूर्ण जानकारी के लिए नजदीकी उधान / कृषि विभाग कार्यलय में संपर्क करें

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