यदि आप करते हो पशु पालन तो आप कर सकते हो अपनी आय को दोगुना इन 3 योजनायो से

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भारत एक कृषि प्रधान देश है. जहां किसान सिर्फ खेती से ही नहीं पशुपालन, डेयरी फार्मिंग और पोल्ट्री फार्मिंग में भी अपना हाथ आजमाते हैं. जिसके लिए केंद्र सरकार किसानों और पशुपालकों के मदद के लिए अलग-अलग योजनाओं की शुरुआत करती रहती है

भारत एक कृषि प्रधान देश है. जहां किसान सिर्फ खेती से ही नहीं पशुपालन, डेयरी फार्मिंग और पोल्ट्री फार्मिंग में भी अपना हाथ आजमाते हैं. जिसके लिए केंद्र सरकार किसानों और पशुपालकों के मदद के लिए अलग-अलग योजनाओं की शुरुआत करती रहती है. जिससे पशुपालकों के आय को बढ़ाने और व्यवसाय करने में मदद करती है. अगर आपको भी अपने डेयरी, पशुपालन और पोल्ट्री फार्मिंग का व्यवसाय और वित्तीय सहायता प्राप्त करना चाहते हैं तो इन 3 सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं. आइये जानते हैं लाभ उठाने की पूरा गणित.
 

राष्ट्रीय गोकुल मिशन 

राष्ट्रीय गोकुल मिशन को 28 जुलाई 2014 में लाया गया था. इस मिशन में स्वदेशी मवेशियों के नस्लों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने के लिए लाया गया था. देश की बढ़ती दूध की मांग को पूरा करने और देश के छोटे पैमाने के किसानों के लिए डेयरी फार्मिंग में लाभ बढ़ाने के लिए यह योजना आवश्यक है. इसके लिए 2400 करोड़ रुपए आवंटित किया गया है. राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत पशुपालन और डेयरी विभाग की आधिकारीक पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. फार्म में लाभार्थी अपना नाम, पिता का नाम, जन्म तिथी, लिंग और अन्य जानकारी को अपलोड करें.

डेयरी विकास राष्ट्रीय कार्यक्रम

डेयरी विकास राष्ट्रीय कार्यक्रम एनपीडीडी ( National programme for dairy development) योजना भारत सरकार द्वारा शुरु की गई थी. एनपीडीडी योजना डेयरी विकास के लिए तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए बनाई गई है. इसका उद्देश्य दूध की खरीद को बढ़ावा देना और दूध और दूध उत्पादकों की गुणवत्ता में सुधार करना है. इस योजना से किसानों को प्रशिक्षण के लिए सुविधा प्रदान करना है.

एनपीडीडी के कौशल विकास के अंतर्गत शामिल प्रशिक्षण संस्थान
1. कृषि विज्ञान केंद्र में प्रशिक्षण केंद्र
2. दुग्ध उत्पादक कंपनियों के प्रशिक्षण केंद्र
3, राज्य दुग्ध संघों/जिला दुग्ध संघों में प्रशिक्षण केंद्र

राष्ट्रीय पशुधन मिशन

राष्ट्रीय पशुधन मिशन कि शुरुआत 2014 में हुई थी. इस मिशन का उद्देश्य छोटे जुगाली करने वाले मुर्गी पालन और सूअर पालन वाले क्षेत्र में विकास और उनकी नस्ल में सुधार के माध्यम से प्रति पशु उत्पादकता में वृद्धि मांस, अंडे, बकरी के दूध, ऊन और चारे के उत्पादन में बढ़ोतरी से रोजगार में वृद्धि करना और किसानों के लिए पशुधन बीमा सहित जोखिम प्रबंधन उपायों को बढ़ाना है.  इस योजना के तीन उप- मिशन भी है.

1. पशुधन और कुक्कुट के नस्ल विकास पर उप-मिशन
2. चारा और चारा विकास पर उप-मिशन
3. अनुसंधान और विकास, पशुधन बीमा, विस्तार और नवचार पर उप-मिशन

क‍िसान इन योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं. इन याेजनाओं का लाभ प्राप्त करने के ल‍िए क‍िसानों को ज‍िलाध‍िकारी या ज‍िला पशु अध‍िकारी से संपर्क करना होगा.   

source by – Mkisan


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नमस्ते! मैं कपिल पाटीदार हूँ। सात साल से मैंने खेती बाड़ी के क्षेत्र में अपनी मेहनत और अनुभव से जगह बनाई है। मेरे लेखों के माध्यम से, मैं खेती से जुड़ी नवीनतम तकनीकों, विशेषज्ञ नुस्खों, और अनुभवों को साझा करता हूँ। मेरा लक्ष्य है किसान समुदाय को सही दिशा में ले जाना और उन्हें बेहतर उत्पादकता के रास्ते सिखाना।
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