अफीम नीति 2025-26 कब लागू होगी?
केंद्र सरकार ने 11 सितंबर 2025 को वित्त मंत्रालय (राजस्व विभाग) के माध्यम से नई अफीम नीति 2025-26 अधिसूचित कर दी है। यह नीति 1 अक्टूबर 2025 से 30 सितंबर 2026 तक लागू रहेगी। नई नीति में किसानों के लिए अफीम लाइसेंस की प्रक्रिया को और सरल व पारदर्शी बनाया गया है। किसानों को अब अफीम लाइसेंस दो श्रेणियों में मिलेगा – अफीम गोंद उत्पादन और पोपी स्ट्रॉ उत्पादन। इस फैसले से लाखों किसानों को सीधा फायदा मिलने वाला है।
किसानों को अफीम लाइसेंस कैसे मिलेगा?
नई नीति में सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिन किसानों के पास जीपीएस सिस्टम है उन्हें पांच आरी का और चिरई सिस्टम वाले किसानों को 10 आरी का अफीम लाइसेंस मिलेगा। वहीं सीपीएस सिस्टम के तहत जिन किसानों ने 90 किलो डोडा दिया है उन्हें चिरई का लाइसेंस दिया जाएगा। जिन किसानों की डोडा उपज 80 किलो से कम रही है उनके पट्टे होल्ड पर रखे जाएंगे। इसके अलावा जो किसान 4.2 की मॉर्फीन मात्रता देंगे, उन्हें फिर से चिरई का लाइसेंस मिलेगा जबकि 3.0 से 4.2 के बीच मॉर्फीन मात्रता देने वालों को सीपीएस सिस्टम का लाइसेंस जारी किया जाएगा।
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अफीम गोंद उत्पादन हेतु लाइसेंस
इस श्रेणी का लाइसेंस उन किसानों को मिलेगा जिन्होंने 2024-25 में न्यूनतम 4.2 किलो मॉर्फीन प्रति हेक्टेयर उपज दी हो। मृतक किसानों के वारिस, अपील में सफल किसान और वे किसान जिन्हें किसी कारणवश पिछली बार लाइसेंस नहीं मिला था, वे भी इसके पात्र होंगे। इस श्रेणी में किसानों को अधिकतम 0.10 हेक्टेयर तक खेती का लाइसेंस दिया जाएगा। अगले वर्ष यानी 2026-27 के लिए पात्र बने रहने हेतु किसानों को कम से कम 5.9 किलो मॉर्फीन प्रति हेक्टेयर उपज देना अनिवार्य होगा। गोंद उत्पादन का भुगतान नीमच और गाजीपुर के सरकारी अफीम एवं अल्कलॉइड कारखानों द्वारा विश्लेषण के आधार पर किया जाएगा।
पोपी स्ट्रॉ उत्पादन हेतु लाइसेंस
नई अफीम नीति के अंतर्गत यह लाइसेंस उन किसानों को दिया जाएगा जो लांसिंग के बिना केवल पोपी स्ट्रॉ (भूसा) उत्पादन करते हैं। 2024-25 में जिन किसानों की उपज 800 किलो प्रति हेक्टेयर से अधिक रही है, वे इसके पात्र होंगे। जिनकी उपज इससे कम रही, उन्हें 2025-26 में खेती की अनुमति नहीं होगी, हालांकि उनका लाइसेंस अगले वर्ष के लिए मान्य रहेगा। वहीं जिन किसानों ने 900 किलो या उससे अधिक स्ट्रॉ उपज दी है, वे चाहें तो गोंद की बजाय स्ट्रॉ उत्पादन जारी रख सकते हैं। इस श्रेणी में किसानों को 0.05 हेक्टेयर तक का अफीम लाइसेंस मिलेगा, जो पांच साल यानी 2025-26 से 2029-30 तक मान्य रहेगा।
किसानों के लिए सामान्य शर्तें
नई नीति में किसानों को 5% क्षम्य सीमा दी गई है यानी वे निर्धारित क्षेत्र से 5% तक अतिरिक्त भूमि पर अफीम की खेती कर सकते हैं। हालांकि लगातार तीन साल तक जुताई करने वाले किसान अगले वर्ष लाइसेंस के पात्र नहीं होंगे। सरकार ने यह भी तय किया है कि 2025-26 में दी गई अफीम और पोपी स्ट्रॉ में मौजूद मॉर्फीन उपज को किसानों के भुगतान का आधार बनाया जा सकता है। पात्र किसानों की सूची CBN की आधिकारिक वेबसाइट और CBN ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड की जाएगी, जहां से किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
नई अफीम नीति का महत्व
अफीम नीति 2025-26 का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता लाना और नियंत्रित उत्पादन सुनिश्चित करना है। इसके जरिए न केवल किसानों को स्थिर आय और सुरक्षा मिलेगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अफीम उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार का लक्ष्य है कि अवैध खेती पर पूरी तरह अंकुश लगाया जाए और किसानों को तकनीकी व आर्थिक सहयोग के साथ आगे बढ़ाया जाए