नींबू में औषधीय गुण
Lemon में औषधीय गुण मौजूद होने के कारण इसके फलों का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जाता है. नींबू में विटामिन ‘सी’ के अलावा विटामिन ‘ए’, विटामिन ‘बी-1’, लौह, फास्फोरस, कैल्शियम, प्रोटीन, रेशा, वसा, खनिज और शर्करा भी मौजूद होते हैं.
काफी महंगा बिका था नींबू
भारत समेत दुनिया भर में पिछले दिनों नींबू की कीमत में आग लग गई थी. आमतौर पर 40 से ₹70 किलो बिकने वाला नींबू कुछ दिन पहले ₹400 प्रति किलो के भाव को छू गया था. नींबू में कई तरह के औषधीय गुण होते हैं. नींबू की खेती किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है.
किन राज्यों के किसान उगा रहे नींबू
अगर बात भारत के नींबू उत्पादक राज्यों की करें तो महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, पंजाब-हरियाणा, पूर्वी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के साथ अब दिल्ली के आसपास के इलाके में भी नींबू की उपज हो रही है. कई इलाके के किसान नींबू को कैश क्रॉप की तरह यूज कर रहे हैं.
एक एकड़ में नींबू के 300 पौधे
दिल्ली और आसपास के इलाके में भी किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर नींबू की खेती करने लगे हैं. नींबू की खेती में 1 एकड़ में करीब 300 पौधे लगाए जाते हैं. नींबू का पौधा तीसरे साल से नींबू का फल देने लगता है. नींबू के पौधों में 1 साल में तीन बार खाद डाला जाता है.
तीन बार खाद दें
फरवरी, जून और सितंबर के महीने में ही नींबू के खेत में खाद डाला जाता है. नींबू का पेड़ जब पूरी तरह तैयार हो जाता है तो एक पेड़ में 20 से 30 किलो तक फल मिल सकते हैं. मोटे छिलके वाले नींबू की उपज 40 किलो तक हो सकती है, लेकिन उसकी कीमत कम होती है.
नींबू से साल में दो फसल
नींबू के पेड़ पर साल में दो बार फल लगते हैं. एक बार नवंबर में और दूसरी बार मई जून के महीने में. एक एकड़ में नींबू की खेती से सालाना ₹5-7 लाख तक कमाए जा सकते हैं. नींबू की खेती करते वक्त आपको कई सावधानी बरतने की जरूरत है.
नींबू की खेती में सावधानी
नींबू के पेड़ को नुकसान पहुंचाने वाले कई कीड़े और बीमारियां मौजूद हैं. नींबू के पेड़ों की समय-समय पर कटाई छटाई करना जरूरी है. नींबू की सूखी एवं रोगग्रस्त पत्तियों को काटकर हटा दें.
नींबू के पौधे का उपचार
नींबू के पौधे के मुख्य तने पर लगे बोरर छिद्र को साफ कर उसमें पेट्रोल या मिट्टी तेल से भीगी हुई रूई ठूसकर बंद कर दें. मकड़ी के जालों तथा कैंसर से ग्रसित पत्तियों को साफ करें. नींबू की डालियों के कटे भाग पर बोर्डो पेंट लगाएं.
नींबू की खेती के लिए मिट्टी
नींबू की खेती हर तरह की मिट्टी में की जा सकती है. लेमन के पौधों की समुचित बढ़त एवं पैदावार के लिए बलुई और बलुई दोमट मिट्टी उत्तम है.
नींबू की खेती के लिए मौसम
नींबू का पौधा सहिष्णु प्रवृत्ति का होता है, जो विपरीत स्थितियों में भी सहजता से पनप जाता है. नींबू के पौधे से अच्छी उपज लेने के लिए उपोष्ण तथा उष्ण जलवायु सर्वोत्तम मानी गई है. ऐसे क्षेत्र जहां ठंड कम पड़े वहां नींबू के पौधे को आप आसानी से उगा सकते हैं
पौधे में दें पानी
नींबू के पौधे रोपने के बाद सिंचाई अवश्य करें. इसके बाद मिट्टी में पर्याप्त नमी बनाये रखें, खासकर पौधों के रोपण के शुरुआती 3-4 हफ्ते तक. इसके बाद एक नियमित अंतराल पर सिंचाई करते रहें. नींबू के पौधों की सिंचाई थाला बनाकर अथवा टपक सिंचाई विधि से कर सकते हैं. सिंचाई करते समय यह ध्यान रखें कि पानी, पौधे के मुख्य तने के संपर्क में न आए. इसके लिए तने के आसपास हल्की ऊंची मिट्टी चढा दें.
पौधे में दें पानी
नींबू के पौधे रोपने के बाद सिंचाई अवश्य करें. इसके बाद मिट्टी में पर्याप्त नमी बनाये रखें, खासकर पौधों के रोपण के शुरुआती 3-4 हफ्ते तक. इसके बाद एक नियमित अंतराल पर सिंचाई करते रहें. नींबू के पौधों की सिंचाई थाला बनाकर अथवा टपक सिंचाई विधि से कर सकते हैं. सिंचाई करते समय यह ध्यान रखें कि पानी, पौधे के मुख्य तने के संपर्क में न आए. इसके लिए तने के आसपास हल्की ऊंची मिट्टी चढा दें.
नींबू के साथ अन्य खेती भी
नींबू के पौधे की रोपाई के शुरुआती 2-3 साल में कतार की खाली जगह पर दलहनी फसलें या ऐसी सब्जियां जिसमें कीट/रोगों का आक्रमण कम होता हो, उगाना उपयुक्त हो सकता है. दलहनी फसलों में मूंग, मटर, उड़द, लोबिया और चना आदि उगाकर आमदनी बढ़ाने में मदद मिलती है.
Lemon Farming

