ये तीन पत्ते बदल देंगे आपकी किस्मत, एक बार खेती कर लिया तो होगी बंपर कमाई

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आज की नई पीढ़ी को शायद साखू के पत्तों के बारे में पता भी नहीं होगा. एक समय था जब शादियों में इसके पत्ते का इस्तेमाल प्लेट के तौर पर किया जाता था.

भारत में कई प्रकार की खेती होती है. अलग अलग सीजन और रीजन के हिसाब से यहां किसान अपनी फसल को चुनते हैं. कुछ लोग पारंपरिक खेती से इतर फूलों की खेती करते हैं, तो कुछ लोग सब्जियों की खेती करते हैं. वहीं कुछ लोग फलदार पेड़ लगाकर उससे मुनाफा कमाते हैं. अब तो जड़ी बूटियों की खेती से भी शानदार मुनाफा कमाया जा रहा है. लेकिन हम आज जिस खेती की बात कर रहे हैं, वो पत्ते हैं. जी हां पत्ते, जिन्हें अक्सर किसी काम का नहीं समझा जाता. लेकिन ये तीन पत्ते आपकी किस्मत चमका सकते हैं. पूरे साल इनकी इतनी डिमांड रहती है कि अगर आपने इनकी खेती कर ली तो मालामाल हो जाएंगे.

पान के पत्तों का कारोबार

बनारस के पान के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा, लेकिन ये बनारस का पान पनवाड़ी के पास किसी खेत से ही पहुंचता है. पान की डिमांड अब उत्तर भारत से निकल कर पूरी दुनिया में हो रही है. इसके औषधीय फायदे ने लोगों को अपनी ओर खींचा है. गुटका खाने वाले लोग भी अपन इसकी जगह पान को विकल्प बना रहे हैं. भारत समेत दुनियाभर में पान कई तरह के बनाए जाते हैं, उसी तरह से पान के पत्ते के भी कई प्रकार होते हैं. अगर आप भी पान से पैसा कमाना चाहते हैं तो आज ही इसकी खेती के गुण सीख लीजिए और इन्हें अपने खेतों में उगाना शुरू कर दीजिए.

साखू के पत्तों का कारोबार

आज की नई पीढ़ी को शायद साखू के पत्तों के बारे में पता भी नहीं होगा. एक समय था जब शादियों में इसके पत्ते का इस्तेमाल प्लेट के तौर पर किया जाता था. उत्तर भारत और पहाड़ी क्षेत्रों में ये बहुत लोकप्रिय है. जब से लोग समझदार हुए हैं डिस्पोजल को छोड़ कर फिर से नेचर की तरफ लौट रहे हैं, इसलिए साखू के पत्तों की डिमांड पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी है. सबसे अच्छी बात की एक तरफ जहां आप साखू के पत्तों से मुनाफा कमाएंगे, वहीं दूसरी ओर आप इसकी लकड़ी बेच कर भी लाखों रुपये कमा सकते हैं. आपको बता दें साखू की लकड़ी की मांग भारत समेत विदेशों में भी हमेशा बनी रहती है.

केले के पत्ते का कारोबार

केले के पत्तों का इस्तेमाल खाना खाने के लिए होता है. दक्षिण भारत में इसकी डिमांड बहुत ज्यादा है. लेकिन अब देश के अन्य हिस्सों में भी केले के पत्तों की डिमांड बढ़ी है. दरअसल, साउथ इंडियन रेस्टोरेंट भारत के हर हिस्से में तेजी से खुल रहे हैं और ज्यादातर साउथ इंडियन रेस्टोरेंट अब अपने ग्राहकों को ऑथेंटिक फूड खिलाना चाहते हैं, जिसके लिए वह उस खाने को परोसने के लिए केले के पत्ते का इस्तेमाल कर रहे हैं.

ही वजह है कि दक्षिण भारत के साथ-साथ उत्तर भारत और देश के अन्य हिस्सों में भी केले के पत्तों की डिमांड बढ़ी है. केले की खेती में सबसे अच्छी बात ये है कि अब इसका हर हिस्सा बिक जाता है. केला, केले का पत्ता और अब तो कुछ लोग इसके तने भी खरीद रहे हैं. दरअसल, केले के तने से एक फाइबर निकलता है जो बहुत मजबूत होता है, यही वजह है कि कुछ लोग केले का तना भी खरीद रहे हैं.

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