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Kisan Yojana: पशुपालक किसानों को हर महिने मिलेंगे 25,000 रूपए, सरकार ने लिया नया फैसला

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Kisan Yojana 2023: दिल्ली और गोवा दौरे से लौटते ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को कुछ नए फैसले लिए हैं। प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। इन क्षेत्रों के लिए बेहतर अधोसंरचना निर्मित करने तथा ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार ने 1000 करोड़ रुपए का प्रावधान करने का निर्णय लिया है। ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था का मुख्य स्रोत पशुपालन है। प्रदेश सरकार पशु पालकों से 80 रुपए प्रति लीटर गाय का दूध और 100 रुपए की दर से भैंस का दूध खरीदेगी।

Sarkari Yojana: प्रदेश सरकार के इस निर्णय से राज्य के किसानों को प्रतिमाह 24 से 30 हजार रुपए तक की आमदनी होगी। इससे न केवल किसान पशु पालन अपनाने के लिए प्रेरित होंगे, बल्कि प्रदेश के युवाओं के लिए स्वरोजगार के बेहतर अवसर भी प्राप्त होंगे। 1000 करोड़ की धनराशि इसी लक्ष्य के लिए खर्च की जाएगी। पशु पालकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार दो रुपए प्रति किलोग्राम की दर से गाय का गोबर खरीदने पर विचार कर रही है। इससे किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी और लोग प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे।इसके लिए प्रदेश के लोगों की सक्रिय भागीदारी भी अपेक्षित हैं।

किसान योजना 2023: प्रदेशवासियों की सक्रिय भागीदारी और सहयोग से ही प्रदेश की आर्थिक स्थिति को पुनः पटरी पर लाया जा सकता है। इसके अलावा मुख्यमंत्री सुक्खू ने प्रदेश की बागडोर संभालने के साथ ही यह स्पष्ट कर दिया था कि पूरा प्रदेश एक कुटुंब के समान है और हिमाचल को देश का विकसित राज्य बनाने के ध्येय को हासिल करने के लिए प्रदेश सरकार कटिबद्ध है। अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए आयु को बढ़ाकर 27 वर्ष करने का निर्णय भी इस दिशा में किया गया सार्थक प्रयास है।

विश्व बैंक को 2500 करोड़ का प्रोजेक्ट भेजेगी सरकार

सुक्खू सरकार प्रदेश को वर्ष 2025 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए दृढ़ता से कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने विश्व बैंक की टीम के साथ प्रदेश के ग्रीन एजेंडा और विश्व बैंक के सहयोग के साथ इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में किए जाने वाले उपायों पर विस्तृत चर्चा की है। यह मुख्यमंत्री के प्रयासों से ही संभव हो पाया है कि वल्ड बैंक ने ग्रीन रेजिलिएंट इंटिग्रेटिड डिवेलपमेंट में रुचि दिखाई है। इसकी लागत 2500 करोड़ रुपए हैं। प्रदेश सरकार ने आगामी नौ महीनों में प्रदेश में 200 मेगावाट क्षमता की सोलर पावर परियोजनाओं को स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है और वर्ष 2024 के अंत तक 500 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रदेश में भूमि अधिग्रहण कर लिया जाएगा।

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