अगर आप कोई ऐसा बिजनेस शुरू करना चाहते हैं जिसमें निवेश कम और मुनाफा ज्यादा हो, तो यह नया बिजनेस आइडिया आपके लिए एकदम सही हो सकता है। आजकल लोग इस काम से लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं। सरकार भी इस बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और ट्रेनिंग दे रही है। आइए जानते हैं कैसे आप इस बिजनेस को शुरू कर सकते हैं और इसमें कितनी कमाई हो सकती है।
ये बिजनेस क्यों है खास
इस बिजनेस की खासियत यह है कि इसे छोटे स्तर पर भी शुरू किया जा सकता है और इसके लिए ज्यादा जगह या पूंजी की जरूरत नहीं पड़ती। इसके उत्पाद की मांग देश के साथ-साथ विदेशों में भी तेजी से बढ़ रही है। यही वजह है कि यह बिजनेस आज के समय में सबसे ज्यादा मुनाफा देने वाले विकल्पों में से एक बन गया है।
बिजनेस शुरू करने के लिए जरूरी चीजें
इस बिजनेस की शुरुआत करने के लिए ज्यादा जगह की आवश्यकता नहीं होती। आप इसे घर, शेड या छोटे कमरे में भी आसानी से शुरू कर सकते हैं।
- जगह: 10×10 फीट का कमरा भी पर्याप्त है
- तापमान: 20°C से 28°C तक
- नमी: 80% तक होना चाहिए
- कच्चा माल: गेहूं का भूसा, बीज, चूना, प्लास्टिक बैग, पानी
- उपकरण: थर्मामीटर, ह्यूमिडिटी कंट्रोलर, स्प्रे मशीन
बिजनेस शुरू करने के स्टेप्स
- सबसे पहले ट्रेनिंग सेंटर से ट्रेनिंग लें
- जगह को साफ करें और कीटाणुनाशक से सैनिटाइज करें
- कच्चे माल को अच्छी तरह तैयार करें
- बीज को तय मात्रा में मिलाकर बैग में भरें
- बैग को अंधेरी और ठंडी जगह पर रखें
- कुछ ही दिनों में उत्पादन शुरू हो जाएगा
- तैयार उत्पाद को मार्केट में सप्लाई करें
लागत और मुनाफा
- शुरुआती लागत: ₹20,000 से ₹30,000 तक
- 1 कमरे से उत्पादन: लगभग 500 किलो तक
- बाजार भाव: ₹120 से ₹200 प्रति किलो
- मुनाफा: एक सीजन में ₹60,000 से ₹1,00,000 तक
सरकार की तरफ से मदद
सरकार इस बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और फ्री ट्रेनिंग दे रही है। साथ ही कृषि विभाग की ओर से तकनीकी सहायता भी प्रदान की जाती है। किसान Kisan Credit Card (KCC) के माध्यम से लोन भी ले सकते हैं।
बिक्री और मार्केटिंग
- स्थानीय सब्जी मंडी में सीधी बिक्री
- होटलों और रेस्टोरेंट्स को सप्लाई
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे Blinkit, BigBasket पर बिक्री
- पैकेजिंग करके सुपरमार्केट में सप्लाई
- एक्सपोर्ट करके विदेशी बाजारों में सप्लाई
क्यों चुनें यह बिजनेस
- कम निवेश में ज्यादा मुनाफा
- छोटे स्थान में शुरू करने की सुविधा
- बढ़ती मांग और बेहतर मार्केट
- सरकार की सहायता और सब्सिडी
- आत्मनिर्भरता और रोजगार का अवसर





