MSP में 100 रूपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी 1 अप्रैल से शुरू होगी गेहूं की सरकारी खरीद,

3 Min Read
खबर शेयर करें

1 अप्रैल से सरकारी खरीद

जेपी दलाल ने मीडिया को बताया गया 1 अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू कर दी जाएगी. इस बार गेहूं का न्यूनतम1 अप्रैल से शुरू होगी गेहूं की सरकारी खरीद, MSP में 100 रूपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी समर्थन मूल्य (MSP) 2125 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है जो पिछले साल की बजाय 100 रुपए प्रति क्विंटल अधिक है. उन्होंने बताया कि हमने सरसों और गेंहू लेकर मंडियों में पहुंचने वाले किसानों को किसी तरह की असुविधा न झेलनी पड़े, इस संबंध में अधिकारियों को पुख्ता इंतजाम करने के आदेश दिए हैं.

कृषि मंत्री ने बताया कि हमने सरसों में नमी का 8 प्रतिशत मानक तय किया है. ऐसे में जो किसान इस मानक पर खरा उतरते हैं, उनकी फसल की खरीद सुनिश्चित की जाए और उन्हें फसल के पैसे का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए. उन्होंने किसानों से भी अपील करते हुए कहा है कि सरकार ने नमी की जो लिमिट तय की है उसके हिसाब से ही फसल लेकर मंडी में पहुंचे. किसान साथी घर से अपनी सरसों को सुखाकर ही मंडी में पहुंचे.

गेहूं खरीद के 72 घंटे में पेमेंट

1 अप्रैल से सरकार द्वारा गेहूं की खरीद प्रक्रिया बाकायदा शुरू कर दी जाएगी और गेहूं खरीद का कार्य लगातार 15 मई तक किया जाएगा. किसानों की सुविधा के लिए प्रदेश में 408 मंडियां निर्धारित की गई है. गेहूं खरीद प्रक्रिया में सरकार द्वारा किसानों की सुविधा के लिए नया बदलाव किया गया है, जिसके तहत अब स्वयं किसान अपनी गेहूं खरीद का दिन तय करेंगे. 72 घंटे में किसान के खाते में फसल की पेमेंट कर दी जाएगी.

जल्द मिलेगा मुआवजा

जेपी दलाल स्वीकार करते हुए कहा कि बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से सरसों और गेहूं की फसल में भारी नुक़सान पहुंचा है. खराब हुई फसलों को लेकर प्रदेश सरकार चिंतित हैं और सीएम ने अधिकारियों को स्पेशल गिरदावरी करने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि किसानों को मई महीने में मुआवजा राशि दे दी जाएगी.

Source by – Rajasthanbreaking


खबर शेयर करें
Share This Article
Follow:
नमस्ते! मैं कपिल पाटीदार हूँ। सात साल से मैंने खेती बाड़ी के क्षेत्र में अपनी मेहनत और अनुभव से जगह बनाई है। मेरे लेखों के माध्यम से, मैं खेती से जुड़ी नवीनतम तकनीकों, विशेषज्ञ नुस्खों, और अनुभवों को साझा करता हूँ। मेरा लक्ष्य है किसान समुदाय को सही दिशा में ले जाना और उन्हें बेहतर उत्पादकता के रास्ते सिखाना।