किसान साथियो पिछले कुछ दिनों में सरकार ने गेहूं की सरकारी खरीद में सक्रियता तो बढ़ायी है लेकिन अभी भी ऐसा नहीं लगता कि सरकार का गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा हो पाएगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चालू रबी विपणन सीजन 2023-24 में 2 मई तक गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य, MSP पर खरीद बढ़कर 232.49 लाख टन की हो गई है। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय के अनुसार इस दौरान देशभर के 18.16 लाख किसानों से 49,405.02 करोड रुपये मूल्य गेहूं खरीदा गया है।
खाद्य मंत्रालय के अनुसार पहला मई का दशभर के राज्या स समर्थन मूल्य पर 5.24 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है। खराब मौसम के चलते और गेहूं की कटाई समाप्त होने के कारण पंजाब, हरियाणा एवं मध्य प्रदेश में गेहूं की दैनिक खरीद में अब कमी आने लगी है।
गेहूं की कम खरीद को देखते हुए जानकारों का मानना है कि उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के बाद गेहूं की एमएसपी पर खरीद में बढ़ोतरी भी हो सकती है।
बेमौसम बरसात और बेइंतजामी कारण उत्तर भारत के राज्यों में मंडियों में खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ हजारों टन गेहूं भीग रहा है। व्यापारियों के अनुसार भीगे हुए गेहूं की क्वालिटी प्रभावित होगी, साथ ही इसके जल्द खराब होने का डर भी बन गया है।
भाव की बात करें तो बुधवार को दिल्ली में 10 रुपये कमजोर होकर उत्तर प्रदेश लाइन के 2,280 रुपये और राजस्थान लाइन के 2280 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। दिल्ली में गेहूं की दैनिक आवक 8,000 बोरियों की हुई ।
बाजार के जानकारों के अनुसार केंद्र सरकार गेहूं की बिक्री खुले बाजार बिक्री योजना, OMSS के तहत पैन इंडिया के आधार पर करेगी। जानकारों के अनुसार गेहूं की खरीद चालू रबी में हल्की क्वालिटी के मालों की ज्यादा हुई। हालांकि राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में स्टॉकिस्टों ने गेहूं की भारी खरीद की है, ऐसे में गेहूं की कीमतों में बड़ी तेजी के आसार तो नहीं है लेकिन अच्छी क्वालिटी के गेहूं के मौजूदा भाव में तेजी आने की उम्मीद है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चालू रबी विपणन सीजन 2023-24 में केंद्र सरकार ने गेहूं की खरीद का तय लक्ष्य 341.50 लाख टन का तय कर रखा है, लेकिन जिस तरह से मंडियों में आवकों में कमी आई है, उसे देखते हुए गेहूं की खरीद 300 लाख टन से भी कम रहने की आशंका है। सरकार ने निर्णय लिया है कि वह गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए पूरे साल अपने कोटे से गेहूं बेचेगी। लेकिन अगर सरकार को पर्याप्त गेहूं नहीं मिलता है तो सरकारी भंडार में कमी आ सकती है। और आगे चलकर गेहूं की कीमतों में तेजी भी आ सकती है
भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई के अनुसार पिछले रबी विपणन सीजन 2022-23 के दौरान देशभर के राज्यों से एमएसपी पर केवल 187.92 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।

