Minimum support price: किसानो के लिए बड़ी ख़ुशी की खबर इस दीन शुरू हो जाएगी समर्थन मूल्य पर गेहूँ की खरीदी, जानिए क्या रेट-नियम प्रक्रिया उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए अच्छी खबर है। 1 अप्रैल से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीदी शुरू होगी, जो 15 जून तक चलेगी। इसके लिए किसान विभागीय वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते है, पोर्टल खोल दिया गया है। खास बात ये है कि इस बार 2125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदी होगी, जबकी पिछले साल 2015 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं खरीदा गया था, इस बार गेहूं की कीमत में 110 रुपये प्रति क्विंटल इजाफा किया गया है।
किसानो के खाते में होगा पूर्ण भुकतान
अपर खाद्य आयुक्त अनिल कुमार की जानकारी के अनुसार किसानों को जन सुविधा केंद्र (साइबर कैफे) पर खाद्य विभाग पोर्टल पर गेहूं के भुगतान के लिए पंजीकरण करवाना आवश्यक है। पंजीकरण करवाते समय सावधानी से आधार कार्ड की सभी जानकारी जैसे की नाम, पता और अन्य जानकारी पोर्टल पर अंकित कारवाई होगी। वही किसानों को उनके गेहूं का भुगतान उनके आधार लिंक बैंक खाते में किया जाएगा।
पंजीयन अनिवार्य
अनिल कुमार ने बताया कि गेहूं की बिक्री के लिए खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में धान खरीद के लिए पंजीकरण करा चुके कृषकों को गेहूं विक्रय के लिए पुनः पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं है, परंतु पंजीकरण को संशोधन कर पुनः लाक करना होगा।किसान अपने गेहूं की बिक्री के समय यदि वहां पर उपस्थित नहीं होता तो ऐसे दशा में वह अपने परिवार के अन्य सदस्य का पंजीकरण भरते समय नाम दर्ज करवा सकता है, इसके लिए उसका नाम व आधार नंबर फ़ीड करना होगा। किसान किसी भी सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 1800-1800-150 या संबंधित जिले के जिला खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लाक के विपणन निरीक्षक से संपर्क कर सकते हैं।
ये रहेंगे समर्थन मूल्य पर खरीदी के नियम
• कंप्यूटराइज्ड खतौनी खाता संख्या पंजीयन में दर्ज कर अपने कुल रकबे एवं बोए गए गेहूं तथा अन्य फसल के रकबे को भी दर्ज करना होगा।
• संयुक्त भूमि की दशा में अपनी हिस्सेदारी की सही घोषणा रजिस्ट्रेशन के दौरान करनी होगी।
• किसान के आधार नंबर का बैंक खाते से जुड़ा होना भी अनिवार्य किया गया है।
• बैंक खाते में पिछले तीन महीने में लेन-देन भी होना चाहिए।
पंजीकरण करवाते समय सावधानी से आधार कार्ड की सभी जानकारी जैसे की नाम, पता और अन्य जानकारी पोर्टल पर अंकित कारवाई होगी।
• किसानों को अपना पंजीकरण करने के दौरान वर्तमान मोबाइल दर्ज करवाना होगा,इसी नंबर पर ओटीपी आने के बाद ही उनकी फसल बिकेगी।

