यूपी में गेहूं खरीद एक अप्रैल से शुरु हो रही है। जिसके तहत 2125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 15 जून तक एमएसपी पर गेहूं खरीदा जाएगा। पंजीयन प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। इसके लिए आनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा।
प्रदेश के किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए एक अप्रैल से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीद शुरू होगी। 2125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 15 जून तक किसानों से गेहूं खरीदा जाएगा। एमएसपी का लाभ उठाने के लिए किसानों को अपना पंजीयन विभागीय वेबसाइट पर कराना होगा। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया एक मार्च से शुरू हो चुकी है।
अपर खाद्य आयुक्त अनिल कुमार ने बताया कि किसानों को गेहूं के मूल्य का भुगतान उनके आधार से जुड़े बैंक खाते में किया जाएगा। किसानों को गेहूं विक्रय के पूर्व किसी भी जनसुविधा केंद्र, साइबर कैफे से खाद्य विभाग के पोर्टल पर आनलाइन पंजीकरण कराना आवश्यक होगा। एमएसपी का लाभ उठाने वाले किसानाें को आधार कार्ड नंबर, अपना नाम सही अंकित करना होगा।
इसके अलावा कंप्यूटराइज्ड खतौनी खाता संख्या पंजीयन में दर्ज कर अपने कुल रकबे एवं बोए गए गेहूं तथा अन्य फसल के रकबे को भी दर्ज करना होगा। संयुक्त भूमि की दशा में अपनी हिस्सेदारी की सही घोषणा रजिस्ट्रेशन के दौरान करनी होगी। किसान के आधार नंबर का बैंक खाते से जुड़ा होना भी अनिवार्य किया गया है। बैंक खाते में पिछले तीन महीने में लेन-देन भी होना चाहिए।
अनिल कुमार ने बताया कि गेहूं बिक्री के लिए ओटीपी आधारित पंजीकरण की व्यवस्था है। उन्होंने किसानों से कहा है कि पंजीकरण के दौरान अपना वर्तमान मोबाइल नंबर ही अंकित करें और ओटीपी भरकर पंजीकरण की प्रकिया पूर्ण करें। बिक्री के समय क्रय केंद्रों पर किसान के स्वयं उपस्थित न होने पर पंजीकरण प्रपत्र में परिवार के नामित सदस्य का विवरण एवं आधार नंबर दर्ज कराना भी अनिवार्य होगा।
अपर खाद्य आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में धान खरीद के लिए पंजीकरण करा चुके कृषकों को गेहूं विक्रय के लिए पुनः पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं है, परंतु पंजीकरण को संशोधन कर पुनः लाक करना होगा। उन्होंने बताया कि कृषक किसी भी सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 1800-1800-150 या संबंधित जिले के जिला खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लाक के विपणन निरीक्षक से संपर्क कर सकते हैं।