न्यूनतम समर्थन मूल्य 2023: किसानों को उनकी फसलों का सही मूल्य और किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा समर्थन मूल्य की शुरुआत की गई है जिसके तहत प्रतिवर्ष बजट को देखते हुए सभी फसलों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की जाती है। केंद्र सरकार द्वारा बजट के दौरान वर्ष 2023 में रबी और खरीफ दोनों फसलों का समर्थन मूल्य 2023 घोषित कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने कृषि लागत और मूल्य आयोग की सिफारिश के आधार पर 6 प्रमुख रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य 2023 में वृद्धि की है। केंद्र सरकार द्वारा तय किया गया न्यूनतम समर्थन मूल्य फसलों में आए खर्च का 50% या उससे अधिक होता है।
Minimum support price 2023: केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2023 में रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की गई है। रबी विपणन वर्ष 2023-24 में रबी फसलों के समर्थन मूल्य में वृद्धि के बाद गेहूं का समर्थन मूल्य 2125 रूपए प्रति क्विंटल, जौ का समर्थन मूल्य 1735 रूपए प्रति क्विंटल, चना का समर्थन मूल्य 5335 रूपए प्रति क्विंटल, मसूर का समर्थन मूल्य 6000 रूपए, सरसों का समर्थन मूल्य 5450 रूपए, कुसुम का समर्थन मूल्य 5650 रूपए प्रति क्विंटल तक रखा गया है। चलिए देखते हैं पिछले तीन सालों और चालू वर्ष के लिए 6 रबी की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य 2023 में वृद्धि का विवरण क्या है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य 2023: देश में वर्तमान में कृषि से संबंधित सभी फसलों और वस्तुओं के निर्यात में जोरदार तेजी देखने को मिली है। न्यूनतम समर्थन मूल्य वर्ष 2015-16 की तुलना में कृषि और उससे जुड़े उत्पादों का निर्यात 2015-16 में 32.81 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2021-22 में 50.24 बिलियन डॉलर हो गया है। यानी कि वर्ष 2023 में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 53.1% की वृद्धि हुई है।