इस खेती से 70 हजार की लागत में कमाएं 5 लाख का मुनाफा, देखें कितने दिनों में हों जाएंगी फसल तैयार

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Mashroom ki kheti: आजकल की इस महंगाई भरी दुनिया में लोग पारंपरिक खेती छोड़ आधुनिक खेती की ओर ध्यान देने लगें हैं और कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली खेती में रूचि दिखाने लगे हैं। अगर आप भी कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली खेती की तलाश कर रहे है तो आपके लिए मशरूम की खेती एक बेहतर विकल्प हो सकती है। धीरे धीरे मशरूम की मांग बढ़ने लगी है, जिससे किसानों द्वारा इस खेती की ओर ध्यान दिया जा रहा है। आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से मशरूम की खेती से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी प्रदान करेंगे और साथ ही आपको यह भी बताएंगे कि मशरूम की खेती से कितनी लागत में कितना मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं।

मशरूम की खेती: मशरूम खाने में स्वादिष्ट और शरीर के लिए लाभदायक होने के कारण इसकी मांग तेजी से बढ़ती जा रही है। इसी के साथ मशरूम में भरपूर मात्रा में विटामिन डी, कैल्शियम और फास्फोरस पाया जाता है। मशरूम को हड्डियों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। इसके चलते बाजार में तेजी से इसकी मांग बढ़ती जा रही है। मशरूम की खेती कम लागत में किसानों को अधिक मुनाफा प्रदान कर सकती हैं। अगर आप भी कम भूमि में अच्छा खासा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो मशरूम की खेती कर आप आसानी से लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं।

मशरूम की खेती से सफल होने वाले किसान की कहानी

Mashroom ki kheti: मशरूम की खेती की मांग को देखते हुए बिहार के पूर्वी चम्पारण जिले के रहने वाले रमेश कुमार गुप्ता ने मशरूम की खेती (Mushroom Cultivation) में हाथ आजमाया और इसमें सफलता भी मिली। इसके लिए किसान द्वारा 60 दिनों की ट्रेनिंग ली गई और अब वह मशरूम की खेती कर लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं। ग्रेजुएशन करने के बाद रमेश ने एग्री क्लिनिक एंड एग्री बिजनेस सेंटर्स स्कीम के तहत पटना में सृष्टि फाउंडेशन में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने देखा कि तैयार खाद से भरे एक प्लास्टिक बैग में मशरूम 40 से 50 दिनों में तैयार हो जाता है। पूरी तरह विकसित होने के बाद मशरूम की कटाई की जा सकती है।

70 हजार रुपये निवेश कर शुरू की मशरूम की खेती

ट्रेनिंग पूरी होने के बाद रमेश ने 70,000 रुपये की न्यूनतम लागत से मशरूम की खेती के लिए 500 वर्ग फुट एरिया का एक कच्चा शेड बनाया। उसने ओयस्टर (Oyster) और बटन (Button) वेरायटी के मशरूम की खेती शुरू की। पहली के बाद से उन्हें हर महीने 20,000 रुपये की कमाई हुई। रमेश ग्रामीण युवाओं को मशरूम की खेती की ट्रेनिंग देते हैं. वह न केवल किसानों को तैयार खाद प्रदान करते हैं बल्कि अपने स्थापित बिजनेस नेटवर्क के जरिए उनके मशरूम उत्पादन का डिस्ट्रीब्यूशन भी करते हैं। मशरूम (Mushroom Cultivation) उत्पादन में वह मशरूम बैग तैयार करने में अलग-अलग कम लागत वाली तरीकों का उपयोग करते हैं, तापमान को मैनेज करना, स्ट्रिंग नेट तैयार करने और कम लागत वाली मशरूम की खेती करने पर युवाओं को सलाह देते हैं। रमेश मशरूम की खेती और कंसल्टेंसी से लाखों में कमाई कर रहे हैं। उनके बिजनेस का एनुअल टर्नओवर 5 लाख रुपये हैं। उनसे 3 गावों के 75 से ज्यादा किसान जुड़े हैं।


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