मनरेगा की दैनिक मजदूरी 240 रूपए हुई, जनजातीय क्षेत्रों में मिलेंगे 294 रूपए, सभी मजदूरों को होगा फायदा

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मनरेगा कामगारों की दिहाड़ी में राज्य सरकार ने 28 रुपए की बढ़ोतरी की है। बजट से पहले मनरेगा मजदूरों को 212 से बढ़ाकर 240 रुपए करने का फैसला किया है, जबकि जनजातीय क्षेत्रों में मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी में 28 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। जनजातीय क्षेत्रों में मनरेगा मजदूरों को अब 294 रुपए दिहाड़ी मिलेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि इसका लाभ प्रदेश के नौ लाख मजदूरों को मिलेगा। इन मजदूरों में 65 प्रतिशत महिलाएं हैं।

दिहाड़ी बढ़ाने से प्रदेश सरकार पर 100 करोड़ का अतिरिक्त बोझ आएगा। इसे राज्य सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद मनरेगा की खूब निंदा की गई थी, लेकिन कोविड के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा ही आय का मुख्य स्रोत बनकर सामने आई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सुनिश्चित रोजगार देने के लिए मनरेगा सफल और लोकप्रिय योजना है। राज्य सरकार मनरेगा में कार्यों के निरीक्षण के लिए एक सहायक की नियुक्ति करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभागों की योजनाओं में समन्वय स्थापित किया जाएगा।

छोटे दुकानदारों का आधा ब्याज भरेगी सरकार

हिमाचल में छोटे दुकानदारों के 50 हजार रुपए तक कर्ज का 50 फीसदी ब्याज अब सरकार भरेगी। बजट में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इसक घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 75 हजार दुकानदारों को इस योजना का लाभ मिलेगा। राज्य सरकार ने इसे मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना का नाम दिया है।

इस योजना से दर्जी, नाई, चाय वाले, रेहड़ी-फड़ी और किराना सहित अन्य छोटे कारोबारियों को योजना का फायदा मिलेगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि ऋण लेकर कारोबार करने वाले नौ फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान कर रहे हैं। सरकार इनका आधा बोझ उठाएगी, तो इससे ब्याज की दर साढ़े चार प्रतिशत तक आ जाएगी।


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